रांचीः नेशनल फोरम ऑफ एससी एसटी एंड ओबीसी कम्युनिटी का एक प्रतिनिधिमंडल राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात किया. उन्होंने अनुसूचित जाति की ओर से सामान्य जाति से खरीदी गई जमीन या संपत्ति को सीएनटी से मुक्त रखने की मांग की है.
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इसके साथ ही अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग को आबादी के आधार पर आरक्षण का लाभ देने का भी प्रस्ताव राज्यपाल के समक्ष रखा गया. संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहदेव राम ने बताया कि झारखंड राज्य अनुसूचित जाति आयोग में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष समेत अन्य सदस्यों के रिक्त पड़े पदों की भर्ती सुनिश्चित की करने की मांग राज्यपाल से की गई है.
इस दौरान अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों को आबादी के आधार पर आरक्षण का प्रावधान करने की मांग भी राज्यपाल के समक्ष रखी है. मौके पर संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि एक लंबे समय से झारखंड में राज्य अनुसूचित आयोग का गठन किया गया था. लेकिन सदस्यों की कमी के कारण राज्य के अनुसूचित जातियों को उचित न्याय मिलने में विलंब हो रहा है. राज्य में सैकड़ों मामले अनुसूचित जाति उत्पीड़न से संबंधित है, पर इन मामलों को दबा दिया जा रहा है.
झारखंड राज्य अनुसूचित जाति आयोग में पदों की रिक्तियों को लेकर अवगत कराया गया. नेशनल फॉर्म ऑफ एसटी/एससी एंड ओबीसी कम्युनिटी के प्रतिनिधिमंडल ने कहा की अनुसूचित जनजाति आयोग भारत सरकार का कार्यालय जिसमें मात्र सहायक निदेशक की ओर से ही संचालित हो रहा है, इस आयोग में भी कई पद खाली है. इसपर राज्यपाल की ओर से संगठन को उनकी ओर से अवगत कराए गए मामले पर जल्द से जल्द इस दिशा में पहल करने का आश्वासन दिया गया.
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झारखंड राज्य एसटी/एससी आयोग में कर्मचारियों के साथ-साथ पदाधिकारियों की पद भी रिक्त हैं. इस वजह से अनुसूचित जाति-जनजाति से जुड़ी कई योजनाएं धरातल पर उतारने में परेशानियां आ रही हैं. इन तमाम मामलों से राज्यपाल को अवगत कराया गया.