ETV Bharat / city

रांची डीसी का फर्जी वाट्सएप अकाउंट बनाकर बीडीओ-सीओ को भेजा मैसेज, जांच में जुटी साइबर टीम - Ranchi News

रांची में साइबर अपराधियों ने रांची डीसी का फर्जी वाट्सएप अकाउंट बनाकर ठगने की कोशिश की है. इसकी सूचना डीसी को मिली तो एसएसपी को जानकारी दी. एसएसपी के निर्देश पर साइबर सेल की टीम जांच में जुटी है.

Ranchi DC
रांची डीसी का फर्जी वाट्सएप अकाउंट बनाकर बीडीओ-सीओ को भेजा मैसेज
author img

By

Published : Apr 16, 2022, 7:47 PM IST

रांचीः राजधानी में बड़े अधिकारियों के फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर ठगी की कोशिश का धंधा लगातार फल फूल रहा है. ताजा मामला रांची के डीसी छवि रंजन से जुड़ा हुआ है. साइबर अपराधियों ने डीसी के नाम से फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर डीपी में डीसी में तस्वीर लगा कर कई सीओ को मैसेज भेज कर ठगी की कोशिश की. लेकिन फर्जी अकाउंट बनाने वाला शख्स कामयाब नहीं हो पाया है.

यह भी पढ़ेंःसाइबर फ्रॉड : 'प्लेबॉय' बनने के चक्कर में युवक ने पिता के रिटायरमेंट के लाखों गंवाए


शनिवार को रांची डीसी छवि रंजन के नाम से मोबाइल नंबर 9718026958 से बनाए गए फर्जी वाट्सएप अकाउंट में डीसी की फोटो भी लगाई गई थी. इस वाट्सएप नंबर से बीडीओ, सीओ सहित कई अफसरों को मैसेज कर उनका लोकेशन पूछा जा रहा था. इसमें सीओ को शक हुआ तो रिप्लाई करते हुए पूछा कि आप कौन है? इसके बाद इस मामले की सूचना रांची डीसी को दी गई. डीसी की ओर से एसएसपी को सूचना दी गई है. अब एसएसपी के निर्देश पर साइबर सेल पूरे मामले की जांच में जुट गई है.


पिछले वर्ष 3 मई 2021 को रांची के डीसी छवि रंजन के नाम पर एक फर्जी फेसबुक अकाउंट भी बनाया गया था. फर्जी अकाउंट के जरिए साइबर अपराधी लोगों से पैसे की मांग कर रहे थे. दर्जनों लोगों को डीसी की फर्जी अकाउंट से मैसेज भेजा गया था. इसके साथ ही पिछले महीने सेंट्रल कोल फील्ड्स लिमिटेड(CCL ) के सीएमडी के नाम पर ही सीसीएल के जीएम सिक्युरिटी से साइबर अपराधियों ने 70 हजार रुपये की ठगी कर ली थी. जीएम सिक्युरिटी ने इस मामले में कोतवाली थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई थी. हालांकि, इस मामले में कोतवाली थाने की पुलिस ने किसी साइबर अपराधी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है.

साइबर अपराधी इंटरनेट की दुनिया में सक्रिय होने के साथ साथ लगातार नए मौकों की तलाश में रहते हैं ताकि किसी न किसी को शिकार बना सके. व्हाट्सएप के जरिए ठगी का नया ट्रेंड शुरू किया गया है. साइबर अपराधी वरीय अधिकारियों के फोटो व्हाट्सएप के डीपी में लगाकर संबंधित विभाग के कर्मचारियों और पदाधिकारियों को मैजेस भेज कर अपने जाल में फंसाने की कोशिश कर रहा है.

रांचीः राजधानी में बड़े अधिकारियों के फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर ठगी की कोशिश का धंधा लगातार फल फूल रहा है. ताजा मामला रांची के डीसी छवि रंजन से जुड़ा हुआ है. साइबर अपराधियों ने डीसी के नाम से फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर डीपी में डीसी में तस्वीर लगा कर कई सीओ को मैसेज भेज कर ठगी की कोशिश की. लेकिन फर्जी अकाउंट बनाने वाला शख्स कामयाब नहीं हो पाया है.

यह भी पढ़ेंःसाइबर फ्रॉड : 'प्लेबॉय' बनने के चक्कर में युवक ने पिता के रिटायरमेंट के लाखों गंवाए


शनिवार को रांची डीसी छवि रंजन के नाम से मोबाइल नंबर 9718026958 से बनाए गए फर्जी वाट्सएप अकाउंट में डीसी की फोटो भी लगाई गई थी. इस वाट्सएप नंबर से बीडीओ, सीओ सहित कई अफसरों को मैसेज कर उनका लोकेशन पूछा जा रहा था. इसमें सीओ को शक हुआ तो रिप्लाई करते हुए पूछा कि आप कौन है? इसके बाद इस मामले की सूचना रांची डीसी को दी गई. डीसी की ओर से एसएसपी को सूचना दी गई है. अब एसएसपी के निर्देश पर साइबर सेल पूरे मामले की जांच में जुट गई है.


पिछले वर्ष 3 मई 2021 को रांची के डीसी छवि रंजन के नाम पर एक फर्जी फेसबुक अकाउंट भी बनाया गया था. फर्जी अकाउंट के जरिए साइबर अपराधी लोगों से पैसे की मांग कर रहे थे. दर्जनों लोगों को डीसी की फर्जी अकाउंट से मैसेज भेजा गया था. इसके साथ ही पिछले महीने सेंट्रल कोल फील्ड्स लिमिटेड(CCL ) के सीएमडी के नाम पर ही सीसीएल के जीएम सिक्युरिटी से साइबर अपराधियों ने 70 हजार रुपये की ठगी कर ली थी. जीएम सिक्युरिटी ने इस मामले में कोतवाली थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई थी. हालांकि, इस मामले में कोतवाली थाने की पुलिस ने किसी साइबर अपराधी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है.

साइबर अपराधी इंटरनेट की दुनिया में सक्रिय होने के साथ साथ लगातार नए मौकों की तलाश में रहते हैं ताकि किसी न किसी को शिकार बना सके. व्हाट्सएप के जरिए ठगी का नया ट्रेंड शुरू किया गया है. साइबर अपराधी वरीय अधिकारियों के फोटो व्हाट्सएप के डीपी में लगाकर संबंधित विभाग के कर्मचारियों और पदाधिकारियों को मैजेस भेज कर अपने जाल में फंसाने की कोशिश कर रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.