रांची: प्रदेश के सबसे बड़े प्रशासनिक पद, मुख्य सचिव के पद से वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डीके तिवारी 31 मार्च को रिटायर होने जा रहे हैं. वैसे तो उनका औपचारिक रिटायरमेंट सितंबर 2019 में ही हो गया था, लेकिन तत्कालीन सरकार ने उन्हें दो बार एक्सटेंशन दिया. उनका दूसरा एक्सटेंशन 4 दिन के बाद समाप्त हो रहा है. ऐसे में राज्य सरकार अब नए मुख्य सचिव की तलाश कर रही है.
इस रैंक में 9 अधिकारी
राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की लिस्ट को देखें तो नौ अधिकारी फिलहाल उस रैंक में हैं, जिन्हें मुख्य सचिव बनाया जा सकता है. उनमें से तीन अभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. वरीयता के क्रम में देखें तो 1982 बैच के आईएएस अधिकारी राजीव गौबा और 1985 बैच के अमित खरे ऊपर से दो ऐसे नाम हैं जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और उनके झारखंड वापस लौटने की संभावना कम है. इसके अलावा 7 अधिकारी बचते हैं, जिनमें से एक को राज्य का मुख्य सचिव बनाया जा सकता है.
1987 बैच के सुखदेव सिंह के नाम पर हो रहा विचार
1987 बैच के आईएएस अधिकारी एनएन सिन्हा, इंदु शेखर चतुर्वेदी, सुखदेव सिंह के नाम हैं. सिन्हा भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. वहीं, 1988 बैच के अरुण कुमार सिंह, केके खंडेलवाल और अलका तिवारी के नाम पर भी राज्य सरकार विचार कर रही है. प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी के बीच हो रही चर्चा पर यकीन करें तो इस दौड़ में सुखदेव सिंह, केके खंडेलवाल और अलका तिवारी के नाम पर सरकार गंभीरता पूर्वक विचार कर रही है. सुखदेव सिंह का रिटायरमेंट मार्च 2024 में होना है, जबकि खंडेलवाल जुलाई 2022 में रिटायर होंगे. वहीं, अलका तिवारी सितंबर 2025 में रिटायर होंगी.
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सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार एक गंभीर, विजनरी और वैसे अधिकारी को मुख्य सचिव बनाना चाहती है जो मौजूदा स्थिति को हैंडल कर सके. वैसे में विकास आयुक्त सुखदेव सिंह के नाम की चर्चा जोरों पर है. हालांकि, खंडेलवाल ने दिसंबर 2018 में वीआरएस के लिए आवेदन दिया था, लेकिन फिर उन्होंने वापस ले लिया. वहीं, सिंह तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के प्रधान सचिव रहे थे.