रांचीः मंगलवार को सीपीआईएम की ओर से महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ महारैली (Rally Against Inflation in Ranchi) का आयोजन किया गया है. इस महारैली में सीपीआईएम की पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व सांसद वृंदा करात, पूर्व सांसद रामचंद्र डोम, झारखंड सीपीआईएम के वरिष्ठ नेता भुवन सिंह, समीर दास सहित राज्यभर के कार्यकर्ता शामिल हुए हैं.
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सीपीआईएम के वरिष्ठ नेता समीर दास ने बताया कि जिस प्रकार अंग्रेजी शासनकाल में महंगाई और बेरोजगारी से जनता परेशान थी. उसी तरह भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में लोग महंगाई और बेरोजगारी से परेशान हैं. महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ महारैली का अयोजन किया है, ताकि केंद्र सरकार की नींद खुले.
सीपीआईएम नेता वृंदा करात ने कहा कि भारत का संसाधन यहां की जनता के लिए है. चंद पूंजीपतियों के लिए नहीं है. नरेंद्र मोदी की भाजपा जनता को भूल कर चंद पूंजीपतियों की मदद करने में लगी है. इसका विरोध सीपीआईएम पूरे देश में कर रही है. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए आमलोग एकजुट हुए हैं.
वृंदा करात ने कहा कि देश के लोग महंगाई और बेरोजगारी से परेशान हैं. लेकिन मोदी सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि झारखंड में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति (1932 Khatian Based domicile Policy) मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का सराहनीय कमद है. उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार से अग्रह कर 1932 से पहले के लोगों के पास खतियान नहीं है, उन्हें भी स्थानीय नीति का लाभ मिले. इसकी व्यवस्था सुनिश्चित कराएंगे.
वृंदा करात ने राजभवन पर हमला करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में अब तक पत्र सार्वजनिक नहीं किया है. इससे यह स्पष्ट होता है कि देश संविधान से नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विधान से चल रहा है. उन्होंने हेमंत सोरेन की प्रशंसा करते हुए कहा कि राजभवन द्वारा जिस प्रकार से सस्पेंस बनाया जा रहा है. इस स्थिति में मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बहुमत सिद्ध कर राज्य के विकास में आ रही परेशानी को समाप्त कर दिया है.