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राहुल को पप्पू कहने वाले सीपी सिंह सेकंड हाफ में रहे नदारद, स्पीकर ने कहा- सोमवार को लेंगे निर्णय

शुक्रवार को राहुल गांधी को पप्पू कहने वाले बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री सीपी सिंह सेकंड हाफ में हाउस से नदारद रहे. उनकी अनुपस्थिति में भी सत्ता पक्ष के लोगों ने स्पीकर से सिंह के संबंध में निर्णय लेने को कहा. इस पर स्पीकर ने कहा कि वो सोमवार को निर्णय लेंगे.

Jharkhand assembly session
सीपी सिंह
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Published : Mar 20, 2020, 9:07 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा के चल रहे बजट सत्र में शुक्रवार को राहुल गांधी को पप्पू कहने वाले बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री सीपी सिंह सेकंड हाफ में हाउस से नदारद रहे. उनकी अनुपस्थिति में भी सत्ता पक्ष के लोगों ने स्पीकर से सिंह के संबंध में निर्णय लेने को कहा. जैसे ही सदन की कार्यवाही दूसरी पाली में शुरू हुई सदस्यों ने साफ तौर पर कहा कि सीपी सिंह के मामले में स्पीकर को कोई निर्णय लेना चाहिए.

24 घंटे के लिए किया जाए निलंबित

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा सिंह बार-बार हाउस बाधित करने का काम कर रहे हैं. उन्हें कम से कम 24 घंटे के लिए हाउस से निलंबित किया जाए. उन्होंने कहा एक तरफ वह चोरी करते हैं दूसरी तरफ सीनाजोरी वाली बात भी करते हैं. वहीं, कांग्रेस के उमाशंकर अकेला ने भी सिंह को एक दिन के लिए हाउस से निलंबित करने की वकालत की.

झामुमो ने कहा लाया जाए निंदा प्रस्ताव

झामुमो के सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि बीजेपी के विधायक के निंदनीय आचरण के आधार पर उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव लगाया जाए. उन्होंने कहा कि अगर सदस्य बिना सूचना के गैर हाजिर हैं तो उसका मतलब साफ है. वहीं प्रदीप यादव ने कहा कि यह एक निंदनीय बात है, जबकि कांग्रेस के सरफराज अहमद ने कहा कि लगता नहीं है कि सिंह अब दोबारा सदन में आएंगे. स्पीकर से उन्होंने कहा कि सिंह के संबंध में कोई निर्णय लिया जाए. उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन दिन से लिंग शब्दों का इस्तेमाल सिंह कर रहे हैं उन्हें स्पंज करा देना चाहिए.

बीजेपी ने लिया पक्ष

इन मामलों में बीजेपी के अमर बाउरी ने कहा कि सिंह ने पहले ही स्पष्ट कर दिया कि पप्पू शब्द असंसदीय भाषा की श्रेणी में नहीं आता है. ऐसे में उन पर दबाव नहीं बनाया जा सकता है. वहीं, मनीष जायसवाल ने कहा कि जब आरएसएस और बीजेपी का नाम आता है और गाली शब्द का प्रयोग किया जाता है तब सत्तापक्ष को माफी की बात याद नहीं आती.

ये भी पढ़ें: भारत में कोरोना : केरल में मिले 12 नए मरीज, संक्रमितों की संख्या बढ़कर 235 हुई

स्पीकर ने कहा सदस्य की मौजूदगी में लेंगे निर्णय

लगभग 20 मिनट तक चली नोकझोंक के बीच स्पीकर ने कहा कि सदस्य की मौजूदगी में ही कोई निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आसन को जो भी निर्णय लेना होगा वह सदस्य की मौजूदगी में लेंगे. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर इन मुद्दों को उठाकर सदस्यों ने तय कर लिया है कि सदन नहीं चले तो ऐसी स्थिति में वह क्या कर सकते हैं.

रांची: झारखंड विधानसभा के चल रहे बजट सत्र में शुक्रवार को राहुल गांधी को पप्पू कहने वाले बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री सीपी सिंह सेकंड हाफ में हाउस से नदारद रहे. उनकी अनुपस्थिति में भी सत्ता पक्ष के लोगों ने स्पीकर से सिंह के संबंध में निर्णय लेने को कहा. जैसे ही सदन की कार्यवाही दूसरी पाली में शुरू हुई सदस्यों ने साफ तौर पर कहा कि सीपी सिंह के मामले में स्पीकर को कोई निर्णय लेना चाहिए.

24 घंटे के लिए किया जाए निलंबित

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा सिंह बार-बार हाउस बाधित करने का काम कर रहे हैं. उन्हें कम से कम 24 घंटे के लिए हाउस से निलंबित किया जाए. उन्होंने कहा एक तरफ वह चोरी करते हैं दूसरी तरफ सीनाजोरी वाली बात भी करते हैं. वहीं, कांग्रेस के उमाशंकर अकेला ने भी सिंह को एक दिन के लिए हाउस से निलंबित करने की वकालत की.

झामुमो ने कहा लाया जाए निंदा प्रस्ताव

झामुमो के सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि बीजेपी के विधायक के निंदनीय आचरण के आधार पर उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव लगाया जाए. उन्होंने कहा कि अगर सदस्य बिना सूचना के गैर हाजिर हैं तो उसका मतलब साफ है. वहीं प्रदीप यादव ने कहा कि यह एक निंदनीय बात है, जबकि कांग्रेस के सरफराज अहमद ने कहा कि लगता नहीं है कि सिंह अब दोबारा सदन में आएंगे. स्पीकर से उन्होंने कहा कि सिंह के संबंध में कोई निर्णय लिया जाए. उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन दिन से लिंग शब्दों का इस्तेमाल सिंह कर रहे हैं उन्हें स्पंज करा देना चाहिए.

बीजेपी ने लिया पक्ष

इन मामलों में बीजेपी के अमर बाउरी ने कहा कि सिंह ने पहले ही स्पष्ट कर दिया कि पप्पू शब्द असंसदीय भाषा की श्रेणी में नहीं आता है. ऐसे में उन पर दबाव नहीं बनाया जा सकता है. वहीं, मनीष जायसवाल ने कहा कि जब आरएसएस और बीजेपी का नाम आता है और गाली शब्द का प्रयोग किया जाता है तब सत्तापक्ष को माफी की बात याद नहीं आती.

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स्पीकर ने कहा सदस्य की मौजूदगी में लेंगे निर्णय

लगभग 20 मिनट तक चली नोकझोंक के बीच स्पीकर ने कहा कि सदस्य की मौजूदगी में ही कोई निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आसन को जो भी निर्णय लेना होगा वह सदस्य की मौजूदगी में लेंगे. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर इन मुद्दों को उठाकर सदस्यों ने तय कर लिया है कि सदन नहीं चले तो ऐसी स्थिति में वह क्या कर सकते हैं.

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