रांची: क्लैट से अलग होकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलुरु के प्रवेश परीक्षा लेने को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने मामले में अभ्यर्थियों की याचिका को खारिज कर दिया. इसके बाद अब नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलुरु के प्रवेश परीक्षा का मार्ग प्रशस्त हो गया. कोर्ट के आदेश के बाद अब नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलुरु को क्लैट से अलग होकर प्रवेश परीक्षा लेने की छूट मिल गई है.
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलुरु की यह प्रवेश परीक्षा 12 सितंबर को होनी है. वहीं, क्लैट की परीक्षा 28 सितंबर को होनी है. मामले में गुरुवार को सुनवाई पूरी होने के बाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति राजेश शंकर की अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस संबंध में रेनिया धर और अन्य ने याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलुरु में नामांकन क्लैट से होता था, लेकिन इस बार यूनिवर्सिटी ने अलग से प्रवेश परीक्षा ले रहा है, जो उचित नहीं है.
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केंद्र सरकार और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलुरु की ओर से बताया गया कि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है. यूनिवर्सिटी अलग से परीक्षा ले सकता है. दोनों की ओर से अदालत में अदालत के क्षेत्राधिकार का भी मुद्दा भी उठाया गया था. अदालत को बताया गया कि यह मामला पूरे देश से जुड़ा है. ऐसे में झारखंड हाई कोर्ट इस पर सुनवाई नहीं कर सकता, जबकि प्रार्थियों का कहना था कि झारखंड के छात्र भी क्लैट के माध्यम से परीक्षा में शामिल होकर बेंगलुरु में नामांकन लेना चाहते हैं. इस कारण झारखंड हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर सकता है. मामले में कंसोर्टियम कॉलेज की ओर से अधिवक्ता मनोज टंडन ने पैरवी की.