रांचीः राजधानी सहित राज्यभर में आज से कोविड-19 वैक्सीन के बूस्टर डोज देने की शुरुआत हो गई है. स्वास्थ्य सेवा में लगे हेल्थ केयर वर्कर्स, सुरक्षा और प्रशासनिक कार्यों में लगे फ्रंट लाइन वर्कर्स के साथ-साथ 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले वैसे बुजुर्ग जो कोमोरबिडिटी यानी किसी बीमारी से ग्रसित हैं और उनमें कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है, उन्हें कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन का बूस्टर डोज दिया जा रहा है.
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राज्य में 2.20 लाख है हेल्थ केयर वर्कर्स की संख्या
झारखंड में हेल्थ केयर वर्कर्स की संख्या दो लाख 20 हजार 955 है. जबकि फ्रंटलाइन वर्कर्स की संख्या 3 लाख 98 हजार 274 है. राज्य में 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों की संख्या 15 लाख 89 हजार 32 है. जिसमें से पहले चरण में उन लोगों को वैक्सीन का बूस्टर डोज दिया जाना है, जो कोमोरबिडिटी ग्रुप में आते हैं. रांची के शहरी इलाकों 27 और ग्रामीण इलाके में 30 से अधिक 18+ वैक्सीनेशन सेंटर पर बूस्टर डोज दिया जा रहा. इन सभी टीकाकरण केंद्रों में 60+ कोमोरबिडिटी, हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को दिए जाने वाले डोज के लिए 10% डोज रिजर्व रखा गया है.
बूस्टर डोज के लिए यह है जरूरी
कोविड-19 वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के 9 महीने बाद ही बूस्टर डोज़ लिया जा सकता है. इसके साथ ही इस दौरान अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित हुआ है तो रिपोर्ट निगेटिव आने पर 3 महीने का गैप होना आवश्यक है. गंभीर किस्म की बीमारियों से ग्रसित बुजुर्गों को सलाह दी गयी है कि पहले वह अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले लें. उसके बाद ही वैक्सीन का बूस्टर डोज लें. विभिन्न 18+ टीकाकरण केंद्रों पर 60+ कोमोरबिडिटी कैटेगरी के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन दी जा रही है.
कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज के लिए फिर से रजिस्ट्रेशन करने की आवश्यकता नहीं है. सेकंड डोज लेते समय जिस मोबाइल नंबर का उपयोग किया गया है, उसे बताने पर टेक्नीशियन द्वारा डिटेल वेरीफाई कर वैक्सीन दी जा रही है ताकि लोग आसानी से वैक्सीन ले सकें. वैक्सीन का बूस्टर डोज लेने आये हेल्थ केयर वर्कर्स और बुजुर्गों में काफी उत्साह है और उन्होंने बताया कि वैक्सीन का बूस्टर डोज से अब कोरोना संक्रमण से ज्यादा बचाव होगा इसका विश्वास उनमें जगा है.