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झारखंड में सबसे ज्यादा रैपिड एंटीजन से कोरोना जांच, निजी लैब को मिले करोड़ों रुपए, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

झारखंड के निजी लैब को जब आरटी-पीसीआर की मंजूरी मिली थी तो उस वक्त किसकी कीमत 4500 रुपए थी. अब झारखंड में कोरोना टेस्ट की कीमत 1100 रुपए हो गई है. लोगों ने किस टेस्ट पर सबसे ज्यादा भरोसा किया और कोरोना टेस्ट से निजी लैब ने कितनी कमाई की, ये जानने के लिए आगे पढ़ें.

corona test in private labs in jharkhand
corona test in private labs in jharkhand
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Published : Oct 7, 2020, 3:53 PM IST

Updated : Oct 7, 2020, 9:15 PM IST

रांचीः कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए बचाव के तमाम उपाय के बीच सबसे ज्यादा जरूरी है ज्यादा से ज्यादा लोगों का टेस्ट सुनिश्चित कराना. झारखंड में एक अक्टूबर तक सरकारी और निजी लैब में कुल 22,92,393 सैंपल का कोरोना जांच किया गया है. इसमें सबसे ज्यादा 13,03,584 टेस्ट रैपिड एंटीजन, 6,96,907 आरटी-पीसीआर और 2,36,907 टेस्ट ट्रुनेट से हुए हैं. इससे साफ है कि झारखंड में सबसे ज्यादा रैपिड एंटिजन टेस्ट किए जा रहे हैं.

corona test in private labs in jharkhand
झारखंड में सबसे ज्यादा रैपिड एंटिजन टेस्ट

निजी लैब में कितने टेस्ट

एक अक्टूबर तक झारखंड के निजी लैब में 54,981 टेस्ट हुए हैं. अब सवाल है कि टेस्ट कराने में आम लोगों की जेब से कितने पैसे निकले. दरअसल शुरुआती दौर में निजी लैब में टेस्ट कराने पर 4500 रुपए लगते थे. कुछ माह बाद स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर टेस्ट की दर 2400 रुपए तय कर दी गई. फिर अगले पड़ाव में टेस्ट की दर 15 सौ रुपए हो गई. अलग अलग फेज में जांच की दर अलग-अलग रही है इसलिए 2000 रुपए प्रति जांच का औसत निकालने पर अब तक तकरीबन 11 करोड़ रुपए लोगों की जेब से निकल चुके हैं.

ये भी पढ़ें-झारखंड में कोरोना का प्रकोप, अब तक 88,873 संक्रमित, 757 लोगों की मौत

रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद

झारखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की रिकवरी रेट 85 प्रतिशत से ज्यादा हो चुकी है लेकिन गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन को बेहद कारगर माना जा रहा है. झारखंड में एक अक्टूबर तक रेमडेसिविर के 2000 इंजेक्शन एनआरएचएम की तरफ से खरीदे गए हैं, जिसे राज्य के सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों मसलन, रिम्स, पीएमसीएच और एमजीएम प्रबंधन को दिया गया है ताकि गंभीर मरीजों के इलाज में इसका इस्तेमाल हो सके. रेमडेसिविर के 1 इंजेक्शन की लागत 19 जुलाई तक 4500 रुपए थी जो अब घटकर 2400 रुपए में मिल रही है.

रांचीः कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए बचाव के तमाम उपाय के बीच सबसे ज्यादा जरूरी है ज्यादा से ज्यादा लोगों का टेस्ट सुनिश्चित कराना. झारखंड में एक अक्टूबर तक सरकारी और निजी लैब में कुल 22,92,393 सैंपल का कोरोना जांच किया गया है. इसमें सबसे ज्यादा 13,03,584 टेस्ट रैपिड एंटीजन, 6,96,907 आरटी-पीसीआर और 2,36,907 टेस्ट ट्रुनेट से हुए हैं. इससे साफ है कि झारखंड में सबसे ज्यादा रैपिड एंटिजन टेस्ट किए जा रहे हैं.

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झारखंड में सबसे ज्यादा रैपिड एंटिजन टेस्ट

निजी लैब में कितने टेस्ट

एक अक्टूबर तक झारखंड के निजी लैब में 54,981 टेस्ट हुए हैं. अब सवाल है कि टेस्ट कराने में आम लोगों की जेब से कितने पैसे निकले. दरअसल शुरुआती दौर में निजी लैब में टेस्ट कराने पर 4500 रुपए लगते थे. कुछ माह बाद स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर टेस्ट की दर 2400 रुपए तय कर दी गई. फिर अगले पड़ाव में टेस्ट की दर 15 सौ रुपए हो गई. अलग अलग फेज में जांच की दर अलग-अलग रही है इसलिए 2000 रुपए प्रति जांच का औसत निकालने पर अब तक तकरीबन 11 करोड़ रुपए लोगों की जेब से निकल चुके हैं.

ये भी पढ़ें-झारखंड में कोरोना का प्रकोप, अब तक 88,873 संक्रमित, 757 लोगों की मौत

रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद

झारखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की रिकवरी रेट 85 प्रतिशत से ज्यादा हो चुकी है लेकिन गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन को बेहद कारगर माना जा रहा है. झारखंड में एक अक्टूबर तक रेमडेसिविर के 2000 इंजेक्शन एनआरएचएम की तरफ से खरीदे गए हैं, जिसे राज्य के सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों मसलन, रिम्स, पीएमसीएच और एमजीएम प्रबंधन को दिया गया है ताकि गंभीर मरीजों के इलाज में इसका इस्तेमाल हो सके. रेमडेसिविर के 1 इंजेक्शन की लागत 19 जुलाई तक 4500 रुपए थी जो अब घटकर 2400 रुपए में मिल रही है.

Last Updated : Oct 7, 2020, 9:15 PM IST
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