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बाबूलाल को छोड़कर किसी अन्य का नाम आगे करे BJP, दल बदल को लेकर स्पीकर का फैसला होगा सर्वमान्य: कांग्रेस - बाबूलाल मरांडी मामले पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया

विधायक बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की पर दल-बदल मामला चलाए जाने के निर्णय के बाद बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिलने का पेंच उलझ गया है. कांग्रेस पार्टी का मानना है कि स्पीकर के द्वारा जो विधिसम्मत कार्रवाई होगी वह पार्टी के लिए मान्य होगा.

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Published : Nov 4, 2020, 4:15 PM IST

रांची: विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा विधायक बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की पर दल-बदल मामला चलाए जाने के निर्णय के बाद बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिलने का पेंच उलझ गया है. ऐसे में यह साफ हो गया है कि दल बदल की सुनवाई के बाद जब तक फैसला नहीं आता है, तब तक बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिल पाएगा.

राजीव रंजन का बयान



इस मसले पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने बुधवार को कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में विधि विशेषज्ञों से राय लेकर निर्णय लिया है. यह उनका अधिकार क्षेत्र का मामला बनता है. तीनों विधायकों के द्वारा दिए गए जवाब के आधार पर ही उन्होंने फैसला लिया होगा. हालांकि उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का मानना है कि स्पीकर के द्वारा जो विधिसम्मत कार्रवाई होगी वह पार्टी के लिए मान्य होगा.

ये भी पढ़ें- जमशेदपुर को औधोगिक नगर बनाए जाने का फैसला सराहनीय : सरयू राय

वहीं नेता प्रतिपक्ष मामले पर उन्होंने कहा कि भाजपा का अधिकार है कि वह दूसरे नेता को नेता प्रतिपक्ष के लिए आगे कर सकता है. लेकिन यह साफ है कि बाबूलाल मरांडी भाजपा के विरुद्ध चुनाव जीत कर आए हैं. वहीं बहुमत के आधार पर बंधु तिर्की और प्रदीप यादव ने पार्टी का विलय कांग्रेस पार्टी में किया है. पिछली भाजपा सरकार में भी दल बदल का मामला स्पीकर के कोर्ट में 4 वर्षों तक चला और आखिरकार सरकार के कार्यकाल के समाप्ति के समय इस पर फैसला सामने आया था. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि गठबंधन सरकार में भी दल बदल का मामला लंबे समय तक चलेगा.

रांची: विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा विधायक बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की पर दल-बदल मामला चलाए जाने के निर्णय के बाद बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिलने का पेंच उलझ गया है. ऐसे में यह साफ हो गया है कि दल बदल की सुनवाई के बाद जब तक फैसला नहीं आता है, तब तक बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिल पाएगा.

राजीव रंजन का बयान



इस मसले पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने बुधवार को कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में विधि विशेषज्ञों से राय लेकर निर्णय लिया है. यह उनका अधिकार क्षेत्र का मामला बनता है. तीनों विधायकों के द्वारा दिए गए जवाब के आधार पर ही उन्होंने फैसला लिया होगा. हालांकि उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का मानना है कि स्पीकर के द्वारा जो विधिसम्मत कार्रवाई होगी वह पार्टी के लिए मान्य होगा.

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वहीं नेता प्रतिपक्ष मामले पर उन्होंने कहा कि भाजपा का अधिकार है कि वह दूसरे नेता को नेता प्रतिपक्ष के लिए आगे कर सकता है. लेकिन यह साफ है कि बाबूलाल मरांडी भाजपा के विरुद्ध चुनाव जीत कर आए हैं. वहीं बहुमत के आधार पर बंधु तिर्की और प्रदीप यादव ने पार्टी का विलय कांग्रेस पार्टी में किया है. पिछली भाजपा सरकार में भी दल बदल का मामला स्पीकर के कोर्ट में 4 वर्षों तक चला और आखिरकार सरकार के कार्यकाल के समाप्ति के समय इस पर फैसला सामने आया था. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि गठबंधन सरकार में भी दल बदल का मामला लंबे समय तक चलेगा.

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