रांचीः पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद (Former Union Minister Salman Khurshid) एक दिवसीय झारखंड दौरे पर रांची में है. उन्होंने महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. रांची में कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर (Congress State Head Quarter) में शनिवार को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि केंद्र की मोदी सरकार हर मामले में हमेशा कांग्रेस को दोष देती है. अगर सही में जानना है कि दोष किसका है तो पीएम मोदी (PM Modi) कांग्रेस को सत्ता हैंडओवर कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब सरकार पूरी तरह से फेल है तो उन्हें अपने पद से मुक्त कर देना चाहिए.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि वर्तमान समय में महंगाई चरम पर है. जिसकी वजह से आम नागरिक पर सबसे ज्यादा बोझ बढ़ा है और सरकार आम लोगों को पूरी तरह से महंगाई के बोझ तले दबा चुकी है. बेरोजगारी और महंगाई (Unemployment and Inflation) ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. आंकड़ों की बात करें तो रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) को उम्मीद थी कि 4% महंगाई की दर बढ़ेगी. लेकिन इस वर्ष मई और जून के आंकड़े बढ़कर 5.91 और 6.37 सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों से कोविड-19 (Covid-19) से लोग त्रस्त हैं, महंगाई से आम और खास सभी लोग प्रभावित हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि (Petrol and Diesel Prices Hiked) सबसे बड़ी समस्या है. कहीं ना कहीं जिस तरह से इसकी कीमतें बढ़ रही हैं, इससे यह साफ हो गया है कि सरकार में ना करुणा है और ना ही दया है, वह जनता के साथ अन्याय कर रही है. घरेलू गैस सिलेंडर (LPG) की कीमत यूपीए (UPA) के समय में कम हुआ करती थी, उसकी कीमत में भी आज बेतहाशा वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में कच्चा तेल 75 यूएस डॉलर प्रति बैरल (US Dollar per Barrel) है. फिर भी पेट्रोल-डीजल की कीमत 100 रुपए के पार चली गई है, जबकि यूपीए की सरकार में 125 यूएस डॉलर (US Dollar) प्रति बैरल था, फिर भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम थीं. कहीं ना कहीं सरकार अपना खर्चा पूरा करने के लिए गरीबों पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है, उन्होंने जीएसटी की राशि राज्य सरकारों को नहीं देने को भी बड़ी समस्या बताई है.
मेडिकल उपकरण में जीएसटी का विरोध
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य उपचार उपकरण (Health Treatment Equipment) में भी 18% जीएसटी (GST) लगाया गया है, जो सामान मुफ्त मुहैया कराया जाना चाहिए था, उसे भी 800 से 900 रुपया में बेचा जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस सरकार में 23 करोड़ देशवासी गरीबी रेखा के नीचे चले गए हैं, जबकि यूपीए सरकार में 27 करोड़ लोगों के जीवन स्तर को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया गया था. अप्रैल और मई महीने में दो करोड़ लोगों की नौकरी जा चुकी है, साथ ही 97% लोगों की सैलरी घट गई है, कहीं ना कहीं लोगों की कमाई आधी से भी कम हो गई है. उन्होंने कहा कि आर्थिक व्यवस्था इतनी चरमराई हुई है कि 1.25 करोड़ लोग प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) निकाल चुके हैं, जबकि यह रिटायरमेंट के लिए इस्तेमाल में आता है.
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हर मोर्चे पर फेल हुई मोदी सरकार
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति कोरोना (Corona) की वजह से नहीं हुई, बल्कि जिस समय कोरोना की शुरुआत हुई थी, उस समय तक यह गिरावट आ चुकी थी और कोरोना ने इसे और घेर लिया. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं और देश में इसका उत्पादन घट रहा है, सरकार असहाय है और पूरी तरह से फेल हो चुकी है, जबकि यूपीए के समय में सरकार बेहतर काम कर रही थी. वर्तमान में केंद्र सरकार आत्मनिर्भर बनने की बात कहती है, जबकि वह हर मामले में फेल है, ऐसे में उन्हें कांग्रेस को सत्ता सौंप देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार हैंडओवर करने के बाद हम दिखाएंगे कि किस तरह से देश चलती है.