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झारखंड में कोरोना का यूके स्ट्रेन और डबल म्यूटेंट वायरस, भुवनेश्वर लैब का चौंकाने वाला खुलासा

झारखंड में कोरोना का यूके स्ट्रेन और डबल म्यूटेंट वायरस पाया गया है. भुवनेश्वर लैब में जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच रिपोर्ट में ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.

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कोरोना जांच
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Published : Apr 14, 2021, 2:52 PM IST

Updated : Apr 14, 2021, 7:11 PM IST

रांची: झारखंड में कोरोना की दूसरी लहर बेहद खतरनाक है. इसकी जानकारी खुद स्वास्थ्य विभाग ने दी है. शुक्रवार को राजधानी सहित राज्य के विभिन्न जिलों से 50 सैंपल जांच के लिए भुवनेश्वर भेजे गए थे. भुवनेश्वर लैब में जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में कोरोना का यूके का स्ट्रेन मिला है. कुछ सैंपल में कोरोना का डबल म्यूटेंट वायरस भी मिला है.

भुवनेश्वर लैब का चौंकाने वाला खुलासा

स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वायरस के स्ट्रेन की पहचान करने के लिए आरटी-पीसीआर के 52 सैंपल रीजनल जीनोम सीक्वेंसिंग लैब, इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज, भुवनेश्वर भेजा था. भारत सरकार के जीनोमिक निगरानी कार्यक्रम के अनुसार 25 से कम सीटी मान वाले सैंपल को माइनस 80 डिग्री सेल्सियस पर रखा गया और इसे जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया. इस दौरान सैंपल के आरएनए का कोल्ड चेन बनाए रखा गया. लैब ने इनमें से 39 सैंपल को होल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए चुना. इन सैंपल में 9 में यूके स्ट्रेन और 4 में डबल म्यूटेंट वायरस पाया गया.

ये भी पढ़ें-झारखंड में कोविड मरीजों के लिए एंबुलेंस की कमी, राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती

रांची में सबसे ज्यादा खतरा

इन सैंपल में यूके स्ट्रेन के 8 मामले रांची के हैं और 1 पूर्वी सिंहभूम का है. डबल म्यूटेंट में 3 मामले रांची के हैं और 1 पूर्वी सिंहभूम का है. जीनोम सीक्वेंसिंग भविष्य के लिए बेहतर योजना बनाने और स्वास्थ्य के लिए एक चेतावनी देने में मदद करेगा.

डबल म्यूटेंट वायरस क्या है

डबल म्यूटेंट वायरस का मतलब ये है कि वायरस का वो रूप अपने जीनोम में दो बार बदलाव ला चुका है. आमतौर पर वायरस ऐसा कर खुद को लंबे समय तक प्रभावी बनाए रखते हैं. कई बार ऐसे बदलाव के बाद वायरस कमजोर हो जाता है तो कई बार बहुत खतरनाक रूप में सामने आता है.

ये भी पढ़ें-रांची में पीक पर कोरोना, अगर आप भी कराना चाहते हैं टेस्ट, तो इन नंबरों पर करें कॉल

स्वास्थ्य विभाग की बढ़ी चिंता

कोरोना के खतरनाक स्ट्रेन की रिपोर्ट आते ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है. झारखंड में कोरोना के यूके स्ट्रेन और डबल म्यूटेंट वायरस की पुष्टि हुई है, जो पिछले बार के कोरोना की लहर से ज्यादा खतरनाक है. झारखंड में फिलहाल वायरस के म्यूटेंट और स्ट्रेन की जानकारी के कोई व्यवस्था नहीं है, इसीलिए सैंपल के स्ट्रेन की जांच के लिए ओडिशा भेजना पड़ रहा है. बढ़ते खतरे के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने सभी से कोरोना गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन करने की सलाह दी है.

रांची: झारखंड में कोरोना की दूसरी लहर बेहद खतरनाक है. इसकी जानकारी खुद स्वास्थ्य विभाग ने दी है. शुक्रवार को राजधानी सहित राज्य के विभिन्न जिलों से 50 सैंपल जांच के लिए भुवनेश्वर भेजे गए थे. भुवनेश्वर लैब में जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में कोरोना का यूके का स्ट्रेन मिला है. कुछ सैंपल में कोरोना का डबल म्यूटेंट वायरस भी मिला है.

भुवनेश्वर लैब का चौंकाने वाला खुलासा

स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वायरस के स्ट्रेन की पहचान करने के लिए आरटी-पीसीआर के 52 सैंपल रीजनल जीनोम सीक्वेंसिंग लैब, इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज, भुवनेश्वर भेजा था. भारत सरकार के जीनोमिक निगरानी कार्यक्रम के अनुसार 25 से कम सीटी मान वाले सैंपल को माइनस 80 डिग्री सेल्सियस पर रखा गया और इसे जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया. इस दौरान सैंपल के आरएनए का कोल्ड चेन बनाए रखा गया. लैब ने इनमें से 39 सैंपल को होल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए चुना. इन सैंपल में 9 में यूके स्ट्रेन और 4 में डबल म्यूटेंट वायरस पाया गया.

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रांची में सबसे ज्यादा खतरा

इन सैंपल में यूके स्ट्रेन के 8 मामले रांची के हैं और 1 पूर्वी सिंहभूम का है. डबल म्यूटेंट में 3 मामले रांची के हैं और 1 पूर्वी सिंहभूम का है. जीनोम सीक्वेंसिंग भविष्य के लिए बेहतर योजना बनाने और स्वास्थ्य के लिए एक चेतावनी देने में मदद करेगा.

डबल म्यूटेंट वायरस क्या है

डबल म्यूटेंट वायरस का मतलब ये है कि वायरस का वो रूप अपने जीनोम में दो बार बदलाव ला चुका है. आमतौर पर वायरस ऐसा कर खुद को लंबे समय तक प्रभावी बनाए रखते हैं. कई बार ऐसे बदलाव के बाद वायरस कमजोर हो जाता है तो कई बार बहुत खतरनाक रूप में सामने आता है.

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स्वास्थ्य विभाग की बढ़ी चिंता

कोरोना के खतरनाक स्ट्रेन की रिपोर्ट आते ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है. झारखंड में कोरोना के यूके स्ट्रेन और डबल म्यूटेंट वायरस की पुष्टि हुई है, जो पिछले बार के कोरोना की लहर से ज्यादा खतरनाक है. झारखंड में फिलहाल वायरस के म्यूटेंट और स्ट्रेन की जानकारी के कोई व्यवस्था नहीं है, इसीलिए सैंपल के स्ट्रेन की जांच के लिए ओडिशा भेजना पड़ रहा है. बढ़ते खतरे के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने सभी से कोरोना गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन करने की सलाह दी है.

Last Updated : Apr 14, 2021, 7:11 PM IST
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