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झारखंड हाई कोर्ट पर भी पड़ा कोरोना का असर, 18 मार्च से 4 अप्रैल तक सिर्फ 6 अदालत में होगी सुनवाई

कोरोना का असर झारखंड हाई कोर्ट में भी देखने को मिल रहा है. हाई कोर्ट के मुख्य नयायाधीश की अध्यक्षता वाली कमेटी ने वायरस से बचाव के कई निर्देश दिए हैं. जिसमें 18 मार्च से लेकर 4 अप्रैल तक कोर्ट में सिर्फ ज्यादा जरूरी केस का निपटारा किया जाएगा.

Committee headed by Chief Justice has given many instructions to protect against virus
झारखंड हाई कोर्ट में कोरोना का असर
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Published : Mar 17, 2020, 9:35 PM IST

रांची: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए झारखंड हाई कोर्ट में बचाव के कई निर्देश दिए गए हैं. 18 मार्च से 4 अप्रैल तक सिर्फ 6 अदालत चलेगी. इस दौरान अधिकतम 150 मामले पर सुनवाई होगी. इस बीच कोर्ट परिसर में आम आदमी के जाने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया गया है. संबंधित केस के अधिवक्ता को ही अदालत में जाने की अनुमति दी गई है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-कोरोना वायरस को लेकर प्रशासन ने कसी कमर, पोषण पखवाड़ा की गतिविधियों पर लगायी रोक

देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य नयायाधीश की अध्यक्षता वाली कमेटी ने वायरस से बचाव के कई निर्देश दिए हैं. कमेटी ने निर्णय लिया है कि 18 मार्च से 4 अप्रैल तक झारखंड हाई कोर्ट में दो युगल पीठ और 4 एकल पीठ में सुनवाई होगी.

प्रत्येक बेंच अधिकतम 25 मामले की करेगी सुनवाई

बता दें कि प्रत्येक बेंच अधिकतम 25 मामले की सुनवाई करेगी. अधिवक्ता जरुरी मामले को मेंशन करेंगे. अधिवक्ता के मेंशन के लिए 12:00 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है. इस बीच वह हाई कोर्ट के संयुक्त रजिस्टार (कंप्यूटर) के समक्ष कारण सहित मेंशन स्लिप देंगे. वह जरुरत के हिसाब से उसे बेंच के समक्ष पेश करेंगे.

एक दिन छोड़कर एक दिन कार्यालय आएंगे कर्मचारी

प्रत्येक दिन अधिकतम 25 केस की एक बेंच में सुनवाई की जाएगी. साथ ही कार्यालय के आधे कर्मचारी एक दिन छोड़कर एक दिन कार्यालय आएंगे. हाई कोर्ट परिसर में शपथ पत्र के लिए ओथ कमिश्नर को हाई कोर्ट के तीन नंबर गेट के पास बैठने की जगह निर्धारित की जाएगी. फुल कोर्ट ने 18 मार्च से लेकर 4 अप्रैल तक झारखंड हाई कोर्ट के एडवोकेट हॉल और बार चेंबर परिषद को बंद करने का आदेश दिया है. साथ ही परिसर के सभी कैंटीन भी बंद रहेंगे.

कोर्ट परिसर में प्रवेश से पहले थर्मल स्कैनर से की जाएगी जांच

वहीं, हाई कोर्ट परिसर प्रवेश करने वाले अधिवक्ता की जांच की जाएगी जांच के उपरांत ही वह परिसर में प्रवेश कर पाएंगे. गेट नंबर 3 से ही संबंधित अधिवक्ता को प्रवेश दिया जाएगा. प्रवेश के पहले उन्हें थर्मल स्कैनर की सहायता से जांच किया जाएगा. जांच के उपरांत ही उन्हें परिसर में जाने की अनुमति दी जाएगी.

देश में बढ़ रहे कोरोना वायरस के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने भी इस वायरस से बचाव के लिए सभी आवश्यक बचाव करने को कहा है. अदालत ने सिर्फ जरूरी याचिकाओं पर सुनवाई करने को कहा है और जो जरूरी याचिकाएं नहीं है उन पर 4 अप्रैल के बाद की तिथि निर्धारित करने को कहा है.

रांची: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए झारखंड हाई कोर्ट में बचाव के कई निर्देश दिए गए हैं. 18 मार्च से 4 अप्रैल तक सिर्फ 6 अदालत चलेगी. इस दौरान अधिकतम 150 मामले पर सुनवाई होगी. इस बीच कोर्ट परिसर में आम आदमी के जाने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया गया है. संबंधित केस के अधिवक्ता को ही अदालत में जाने की अनुमति दी गई है.

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प्रत्येक बेंच अधिकतम 25 मामले की करेगी सुनवाई

बता दें कि प्रत्येक बेंच अधिकतम 25 मामले की सुनवाई करेगी. अधिवक्ता जरुरी मामले को मेंशन करेंगे. अधिवक्ता के मेंशन के लिए 12:00 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है. इस बीच वह हाई कोर्ट के संयुक्त रजिस्टार (कंप्यूटर) के समक्ष कारण सहित मेंशन स्लिप देंगे. वह जरुरत के हिसाब से उसे बेंच के समक्ष पेश करेंगे.

एक दिन छोड़कर एक दिन कार्यालय आएंगे कर्मचारी

प्रत्येक दिन अधिकतम 25 केस की एक बेंच में सुनवाई की जाएगी. साथ ही कार्यालय के आधे कर्मचारी एक दिन छोड़कर एक दिन कार्यालय आएंगे. हाई कोर्ट परिसर में शपथ पत्र के लिए ओथ कमिश्नर को हाई कोर्ट के तीन नंबर गेट के पास बैठने की जगह निर्धारित की जाएगी. फुल कोर्ट ने 18 मार्च से लेकर 4 अप्रैल तक झारखंड हाई कोर्ट के एडवोकेट हॉल और बार चेंबर परिषद को बंद करने का आदेश दिया है. साथ ही परिसर के सभी कैंटीन भी बंद रहेंगे.

कोर्ट परिसर में प्रवेश से पहले थर्मल स्कैनर से की जाएगी जांच

वहीं, हाई कोर्ट परिसर प्रवेश करने वाले अधिवक्ता की जांच की जाएगी जांच के उपरांत ही वह परिसर में प्रवेश कर पाएंगे. गेट नंबर 3 से ही संबंधित अधिवक्ता को प्रवेश दिया जाएगा. प्रवेश के पहले उन्हें थर्मल स्कैनर की सहायता से जांच किया जाएगा. जांच के उपरांत ही उन्हें परिसर में जाने की अनुमति दी जाएगी.

देश में बढ़ रहे कोरोना वायरस के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने भी इस वायरस से बचाव के लिए सभी आवश्यक बचाव करने को कहा है. अदालत ने सिर्फ जरूरी याचिकाओं पर सुनवाई करने को कहा है और जो जरूरी याचिकाएं नहीं है उन पर 4 अप्रैल के बाद की तिथि निर्धारित करने को कहा है.

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