रांची: प्रदेश की सत्ता के गलियारे में तगड़ा रसूख रखने वाले झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी गोपालजी तिवारी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री से उन्हें ओएसडी पद से मुक्त करने की गुजारिश की है. इस बाबत तिवारी ने अपना आवेदन मुख्यमंत्री सचिवालय को हैंड ओवर कर दिया है. उच्च पदस्थ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, उनका आवेदन सीएमओ को मिल गया है. सूत्रों का यकीन करें तो इसे स्वीकार भी कर लिया गया है. हालांकि, उनकी रिलीविंग को लेकर आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं हुई है.
31 दिसंबर 2019 को झारखंड के मुख्यमंत्री का ओएसडी बनाया गया था
बता दें कि राज्य सरकार के पथ निर्माण विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में तैनात तिवारी को 31 दिसंबर 2019 को झारखंड के मुख्यमंत्री का ओएसडी बनाया गया था. तिवारी की रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 29 दिसंबर को महागठबंधन के नेता के तौर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के 11वें सीएम के रूप में शपथ ली. वहीं ठीक उसके 2 दिन के बाद तिवारी के मुख्यमंत्री के ओएसडी बनाए जाने का नोटिफिकेशन राज्य सरकार ने जारी कर दिया. इतना ही नहीं ओएसडी की जिम्मेदारी मिलने के बाद तिवारी की कुछ ऐसी तस्वीरें वायरल हुई जिनमें वह राज्य के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के साथ कंफर्टेबल पोजीशन में बैठे नजर आए थे.
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विदेश यात्राओं को लेकर भी सवाल उठे थे
दरअसल, तिवारी की गतिविधियों और उनकी सक्रियता को लेकर राज्य की आईएएस लॉबी में खासा असंतोष देखा जा रहा था. इतना ही नहीं पिछले दिनों उनके ऊपर कथित तौर पर बड़े पैमाने पर जमीन खरीद बिक्री में शामिल होने का आरोप भी लगा. इतना ही नहीं उनकी विदेश यात्राओं को लेकर भी सवाल उठे थे.