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क्राइम कंट्रोल में स्टूडेंट्स करेंगे सहयोग, सीखेंगे कम्युनिटी पुलिसिंग, जिलावार स्कूलों का होगा चयन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को गृह एवं कारा विभाग की समीक्षा बैठक की. समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध पर लगाम लगाना एक बड़ी चुनौती है. आज तेजी से साइबर अपराध बढ़ रहा है. साइबर अपराधियों पर नियंत्रण और अपराध अनुसंधान के लिए अलग से सिस्टम बनाना जरूरी है.

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गृह एवं कारा विभाग की समीक्षा बैठक
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Published : Dec 18, 2020, 12:17 AM IST

रांची: झारखंड में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने में स्कूल और कॉलेजों के छात्र अहम भूमिका निभाने वाले हैं. छात्रों को कम्युनिटी पुलिसिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी. हर जिले में दस-दस विद्यालयों का चयन किया जाएगा. कम्युनिटी पुलिसिंग की ट्रेनिंग लेने वाले छात्र संबंधित थानों को सहयोग करेंगे. गृह एवं कारा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस प्लान की जानकारी दी गई है. समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध पर लगाम लगाना एक बड़ी चुनौती है. इसके लिए पुलिस को आम जनता का विश्वास जीतना होगा. उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसा काम करें ताकि जनता उन्हें अपना रियल हीरो मानकर सम्मानित करें

ये भी पढे़ं: अंचल और निबंधन कार्यालय के चप्पे-चप्पे की सीसीटीवी से होगी निगरानी, BDO पर भी नजर

नासूर बनते जा रहे हैं साइबर अपराधी

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज तेजी से साइबर अपराध बढ़ रहा है. साइबर अपराधियों पर नियंत्रण और अपराध अनुसंधान के लिए अलग से सिस्टम बनाना जरूरी है. इसके लिए पदों का सृजन कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए. विभाग की तरफ से सीएम को बताया गया कि महिलाओं और बच्चों को साइबर अपराध से बचाने के लिए साइबर क्राइम प्रीवेंशन अगेंस्ट विमेन एंड चिल्ड्रन कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है. इसके साथ ऑनलाइन साइबर रजिस्ट्रेशन यूनिट, कैपेसिटी बिल्डिंग यूनिट, अवेररनेस क्रिएशन यूनिट और रिसर्च एंड डेवलोपमेन्ट यूनिक का गठन किया जा रहा है.

होमगार्ड जवानों को मिलेगी जिम्मेदारी

राज्य में लगभग 36 हजार होमगार्ड जवानों के स्वीकृत पद हैं. इनमे से लगभग 19 हजार को ही दैनिक कार्य के आधार पर भत्ता दिया जाता है. इस वजह से कई जवानों को रोज कार्य नहीं मिल पाता है. मुख्यमंत्री ने सरकारी विभागों और अन्य सरकारी उपक्रमों में सुरक्षा जवान के रूप में होमगार्ड जवानों की सेवा लेने के लिए संभावनाओं को तलाशने का निर्देश दिया है.

पुलिस को विधि विशेषज्ञ देंगे कानूनी सलाह

मुख्यमंत्री ने कहा कि अदालतों में 1.70 लाख के लगभग मामले लंबित हैं. समय पर मामलों का निष्पादन नहीं हो रहा है. इसकी वजह कानूनी सलाह मिलने में विलंब होना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब राज्य के लगभग सभी थानों में ऑनलाइन सिस्टम है तो मुख्यालय में विधि विशेषज्ञों का पैनल बनाने की दिशा में कार्ययोजना बनाएं. विधि विशेषज्ञ विभिन्न जिलों में लंबित वादों की सुनवाई एवं निष्पादन को लेकर पुलिस को कानूनी सलाह देंगे.

डायल 112 की होगी शुरुआत

विभाग के द्वारा बताया गया कि अपराध, अग्निशमन समेत अन्य सभी तरह के अपराधिक घटनाओं और पुलिस की सेवा को लेकर को डायल 112 की शुरुआत कर रही है . इसके तहत आम जनता अपनी समस्याओं और घटी घटनाओं को पुलिस तक पहुंचा सकते हैं. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जरूरी पदों पर बहाली प्रक्रिया शुरू करने, अग्निशमन विभाग और फॉरेंसिक लैब के लिए 49 वैज्ञानिकों की नियुक्ति करने और स्निफर डॉग और ट्रेकिंग डॉग खरीदने के निर्देश दिए.

समीक्षा बैठक से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु

बरही में उपकार का निर्माण हो चुका है और 29 दिसंबर को उद्घाटन किया जाएगा. इसके अलावा नगर उंटारी और चक्रधरपुर में उपकारा बनाने का काम चल रहा है, जबकि देवघर, लातेहार और हुसैनाबाद में नए कारा बनाए जाएंगे. राज्य के विभिन्न जिलों में 17424 विचाराधीन कैदी और 5159 सजायाफ्ता कैदी बंद हैं. राज्य में पिछले 5 सालों में 4803 साइबर अपराध के मामले सामने आए हैं. इनमें 1536 मामलों का निष्पादन कर दिया गया है. पिछले 2 महीनों में 335 साइबर अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं.

समीक्षा बैठक में विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, गृह एवं कारा विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, पुलिस महानिदेशक एमवी राव, डीजी मुख्यालय अजय कुमार सिंह, डीजी सीआईडी अनिल पालटा, एडीजीएम एल मीणा, एमडी झारखंड पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन आरके मल्लिक, डायरेक्टर एफएसएल एके बपुली, डायरेक्टर सैनिक कल्याण निदेशालय ब्रिगेडियर बीजी पाठक, डायरेक्टर प्रॉसीक्यूशन राजकुमार सिंह, आईजी सुमन गुप्ता, कारा महानिरीक्षक बीरेंद्र भूषण, डीआईजी एनके सिंह, डीआईजी ए विजया लक्ष्मी उपस्थित थे.

रांची: झारखंड में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने में स्कूल और कॉलेजों के छात्र अहम भूमिका निभाने वाले हैं. छात्रों को कम्युनिटी पुलिसिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी. हर जिले में दस-दस विद्यालयों का चयन किया जाएगा. कम्युनिटी पुलिसिंग की ट्रेनिंग लेने वाले छात्र संबंधित थानों को सहयोग करेंगे. गृह एवं कारा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस प्लान की जानकारी दी गई है. समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध पर लगाम लगाना एक बड़ी चुनौती है. इसके लिए पुलिस को आम जनता का विश्वास जीतना होगा. उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसा काम करें ताकि जनता उन्हें अपना रियल हीरो मानकर सम्मानित करें

ये भी पढे़ं: अंचल और निबंधन कार्यालय के चप्पे-चप्पे की सीसीटीवी से होगी निगरानी, BDO पर भी नजर

नासूर बनते जा रहे हैं साइबर अपराधी

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज तेजी से साइबर अपराध बढ़ रहा है. साइबर अपराधियों पर नियंत्रण और अपराध अनुसंधान के लिए अलग से सिस्टम बनाना जरूरी है. इसके लिए पदों का सृजन कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए. विभाग की तरफ से सीएम को बताया गया कि महिलाओं और बच्चों को साइबर अपराध से बचाने के लिए साइबर क्राइम प्रीवेंशन अगेंस्ट विमेन एंड चिल्ड्रन कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है. इसके साथ ऑनलाइन साइबर रजिस्ट्रेशन यूनिट, कैपेसिटी बिल्डिंग यूनिट, अवेररनेस क्रिएशन यूनिट और रिसर्च एंड डेवलोपमेन्ट यूनिक का गठन किया जा रहा है.

होमगार्ड जवानों को मिलेगी जिम्मेदारी

राज्य में लगभग 36 हजार होमगार्ड जवानों के स्वीकृत पद हैं. इनमे से लगभग 19 हजार को ही दैनिक कार्य के आधार पर भत्ता दिया जाता है. इस वजह से कई जवानों को रोज कार्य नहीं मिल पाता है. मुख्यमंत्री ने सरकारी विभागों और अन्य सरकारी उपक्रमों में सुरक्षा जवान के रूप में होमगार्ड जवानों की सेवा लेने के लिए संभावनाओं को तलाशने का निर्देश दिया है.

पुलिस को विधि विशेषज्ञ देंगे कानूनी सलाह

मुख्यमंत्री ने कहा कि अदालतों में 1.70 लाख के लगभग मामले लंबित हैं. समय पर मामलों का निष्पादन नहीं हो रहा है. इसकी वजह कानूनी सलाह मिलने में विलंब होना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब राज्य के लगभग सभी थानों में ऑनलाइन सिस्टम है तो मुख्यालय में विधि विशेषज्ञों का पैनल बनाने की दिशा में कार्ययोजना बनाएं. विधि विशेषज्ञ विभिन्न जिलों में लंबित वादों की सुनवाई एवं निष्पादन को लेकर पुलिस को कानूनी सलाह देंगे.

डायल 112 की होगी शुरुआत

विभाग के द्वारा बताया गया कि अपराध, अग्निशमन समेत अन्य सभी तरह के अपराधिक घटनाओं और पुलिस की सेवा को लेकर को डायल 112 की शुरुआत कर रही है . इसके तहत आम जनता अपनी समस्याओं और घटी घटनाओं को पुलिस तक पहुंचा सकते हैं. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जरूरी पदों पर बहाली प्रक्रिया शुरू करने, अग्निशमन विभाग और फॉरेंसिक लैब के लिए 49 वैज्ञानिकों की नियुक्ति करने और स्निफर डॉग और ट्रेकिंग डॉग खरीदने के निर्देश दिए.

समीक्षा बैठक से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु

बरही में उपकार का निर्माण हो चुका है और 29 दिसंबर को उद्घाटन किया जाएगा. इसके अलावा नगर उंटारी और चक्रधरपुर में उपकारा बनाने का काम चल रहा है, जबकि देवघर, लातेहार और हुसैनाबाद में नए कारा बनाए जाएंगे. राज्य के विभिन्न जिलों में 17424 विचाराधीन कैदी और 5159 सजायाफ्ता कैदी बंद हैं. राज्य में पिछले 5 सालों में 4803 साइबर अपराध के मामले सामने आए हैं. इनमें 1536 मामलों का निष्पादन कर दिया गया है. पिछले 2 महीनों में 335 साइबर अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं.

समीक्षा बैठक में विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, गृह एवं कारा विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, पुलिस महानिदेशक एमवी राव, डीजी मुख्यालय अजय कुमार सिंह, डीजी सीआईडी अनिल पालटा, एडीजीएम एल मीणा, एमडी झारखंड पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन आरके मल्लिक, डायरेक्टर एफएसएल एके बपुली, डायरेक्टर सैनिक कल्याण निदेशालय ब्रिगेडियर बीजी पाठक, डायरेक्टर प्रॉसीक्यूशन राजकुमार सिंह, आईजी सुमन गुप्ता, कारा महानिरीक्षक बीरेंद्र भूषण, डीआईजी एनके सिंह, डीआईजी ए विजया लक्ष्मी उपस्थित थे.

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