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गरही जलाशय योजनाः अर्जित भूमि के आंशिक रकबा वापसी के अप्रूवल के लिए सीएम ने दी सहमति

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Published : Sep 20, 2020, 7:37 PM IST

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गरही जलाशय योजना के लिए अर्जित भूमि के आंशिक रकबा वापसी संबंधी मंत्रिपरिषद के लिए संलेख प्रारूप पर अप्रूवल के लिए अपनी सहमति दे दी है. इसमें गरही जलाशय योजना के लिए अर्जित भूमि में से आंशिक रकबा 25.27 एकड़ भूमि की वापसी अधिसूचना जारी करने की बात है.

CM consent in Garhi reservoir scheme case
सीएम हेमंत सोरेन

रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एनटीपीसी परियोजना टंडवा क्षेत्र में पड़ने वाली गरही जलाशय योजना के लिए अर्जित भूमि के आंशिक रकबा वापसी संबंधी मंत्रिपरिषद के लिए संलेख प्रारूप पर अप्रूवल के लिए रविवार को अपनी सहमति दी है. इसमें गरही जलाशय योजना के लिए अर्जित भूमि में से आंशिक रकबा 25.27 एकड़ भूमि की वापसी अधिसूचना जारी करने की बात है.

ये भी पढ़ें-सुशांत मामले में गहरा रहा रहस्य, विसरा ठीक से संरक्षित नहीं

यह प्रस्ताव राजस्व निबंधन और भूमि सुधार विभाग की ओर से विभागीय मंत्री के अप्रूवल के लिए भेजा गया है. इस प्रस्ताव में भू-अर्जन अधिनियम 1894 की तरह संशोधित 1984 की धारा-48 और भू-अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के तहत एनटीपीसी परियोजना टंडवा क्षेत्र में पड़ने वाली गरही जलाशय योजना के लिए यह सहमति दी गयी है.

गरही जलाशय योजना

वर्ष 2004 में बिहार की तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने योजना का उद्घाटन किया था. तब इसकी लागत 160 करोड़ रुपये थी. संयुक्त बिहार में थर्मल पावर प्लांट लगाने के लिए गरही जलाशय योजना निर्माण का फैसला लिया गया था. इस योजना के तहत डूबे क्षेत्र और पुनर्वास स्थल के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई की गयी. लेकिन, एनटीपीसी की ओर से भू-अर्जन और जलाशय निर्माण के लिए राशि नहीं दी गयी. इसके बाद गरही जलाशय योजना का निर्माण कार्य बंद हो गया, क्योंकि गरही जलाशय योजना की उपयोगिता पावर प्लांट के लिए थी.

रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एनटीपीसी परियोजना टंडवा क्षेत्र में पड़ने वाली गरही जलाशय योजना के लिए अर्जित भूमि के आंशिक रकबा वापसी संबंधी मंत्रिपरिषद के लिए संलेख प्रारूप पर अप्रूवल के लिए रविवार को अपनी सहमति दी है. इसमें गरही जलाशय योजना के लिए अर्जित भूमि में से आंशिक रकबा 25.27 एकड़ भूमि की वापसी अधिसूचना जारी करने की बात है.

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यह प्रस्ताव राजस्व निबंधन और भूमि सुधार विभाग की ओर से विभागीय मंत्री के अप्रूवल के लिए भेजा गया है. इस प्रस्ताव में भू-अर्जन अधिनियम 1894 की तरह संशोधित 1984 की धारा-48 और भू-अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के तहत एनटीपीसी परियोजना टंडवा क्षेत्र में पड़ने वाली गरही जलाशय योजना के लिए यह सहमति दी गयी है.

गरही जलाशय योजना

वर्ष 2004 में बिहार की तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने योजना का उद्घाटन किया था. तब इसकी लागत 160 करोड़ रुपये थी. संयुक्त बिहार में थर्मल पावर प्लांट लगाने के लिए गरही जलाशय योजना निर्माण का फैसला लिया गया था. इस योजना के तहत डूबे क्षेत्र और पुनर्वास स्थल के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई की गयी. लेकिन, एनटीपीसी की ओर से भू-अर्जन और जलाशय निर्माण के लिए राशि नहीं दी गयी. इसके बाद गरही जलाशय योजना का निर्माण कार्य बंद हो गया, क्योंकि गरही जलाशय योजना की उपयोगिता पावर प्लांट के लिए थी.

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