रांची: धनबाद में हुए भूमि घोटाले की सीआईडी जांच शुरू हो गई है. ऑनलाइन मोटेशन रजिस्ट्री में गड़बड़ी की शिकायत पर धनबाद डीसी ने मामले की जांच कराई थी. जिसकी रिपोर्ट के आधार पर राजस्व भूमि सुधार विभाग के सचिव ने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर सीआईडी जांच का आदेश दिया था. इसके बाद पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर धनबाद प्रमंडल के डीएसपी नीरज कुमार के नेतृत्व में टीम गठित कर सीआईडी ने जांच शुरू कर दी है.
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क्या है पूरा मामला
धनबाद में जमीन रिकॉर्ड के ऑनलाइन म्यूटेशन और रजिस्ट्री में गड़बड़ी की गई थी. जिसके बाद साल 2020 में धनबाद के तत्कालीन डीसी उमाशंकर सिंह के आदेश पर बाघमारा, गोविंदपुर, बलियापुर, धनबाद सदर के वर्तमान व पूर्व सीओ समेत 22 पदाधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिया गया था. आरोप था कि अधिकारियों ने ऑनलाइन इंट्री कराने में गड़बड़ी की. ऑनलाइन जमीन की प्रकृति बदल कर दाखिल खारिज कर करोड़ों कमाई के आरोप के साथ साथ, निबंधन में खाता एवं प्लॉट की हेराफेरी के भी आरोप लगे थे. धनबाद के जिला अवर निबंधक रहे अधिकारियों समेत कई हल्का कर्मियों पर भी सरकारी जमीन, गैर आबाद की खाता को रैयती बनाकर पहले रजिस्ट्री उसके बाद म्यूटेशन करने के आरोप लगे थे.
विभागीय कार्रवाई की हुई थी अनुशंसा
धनबाद भूमि घोटाले में दोषी पाए गए अफसरों व कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा जिले के डीसी ने की थी. धनबाद के भाजपा नेता रमेश कुमार राही ने झारखंड सरकार के राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव केके सोन को पत्र भेजकर मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी और करीब एक डेढ़ सौ मामले की दाखिल खारिज में गड़बड़ी की लिस्ट विभाग को भेजी थी. जांच के बाद रिपोर्ट के आधार पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा डीसी ने विभाग से की थी. लेकिन राजस्व विभाग ने इस मामले में विभागीय कार्रवाई नहीं की, बल्कि सीआईडी से जांच का आदेश दिया. हालांकि सीआईडी ने इस मामले में अब तक कोई केस दर्ज नहीं किया है.