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गिरिडीह में महिला और तीन बच्चों के मौत मामले की CID जांच शुरू, केस टेकओवर

गिरिडीह में महिला और तीन बच्चों के मौत मामले की सीआईडी ने जांच शुरू कर दी है. झारखंड हाई कोर्ट ने मामले की जांच में गिरिडीह पुलिस की भूमिका गलत पाते हुए सीआईडी से जांच के आदेश दिए थे.

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रांची सीआईडी
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Published : Oct 16, 2020, 8:16 PM IST

रांची: झारखंड के गिरिडीह में महिला और तीन नाबालिगों की सनसनीखेज हत्या की जांच सीआईडी ने टेकओवर कर ली है. झारखंड हाई कोर्ट ने मामले की जांच में गिरिडीह पुलिस की भूमिका गलत पाते हुए सीआईडी से जांच के आदेश दिए थे.

डीएसपी मो नेहालुद्दीन को जांच का जिम्मा
झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर सीआईडी रांची क्राइम ब्रांच के प्रभारी डीएसपी मो नेहालुद्दीन को जांच का जिम्मा दिया गया है. सीआईडी एडीजी ने डीएसपी की मदद के लिए एक टीम भी गठित की है. महिला के पिता चंद्रिका यादव ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अनुसंधान करने वाले पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ आरोप लगाया था कि उनकी बेटी और तीन नाबालिग बच्चों की हत्या के बाद भी आरोपियों को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं. ऐसे में इस मामले की जांच निष्पक्षता पूर्वक कराने का आदेश दिया जाए.

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पदाधिकारियों पर भी होगी कार्रवाई
जस्टिस आनंद सेन की बेंच में गिरिडीह एसपी को कोर्ट ने ऑनलाइन हाजिर कराया था. तब कोर्ट ने एसपी से पूछा इस अपराध में अब तक नामित आरोपियों को क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया है. आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और गवाहों को धमकी दे रहे हैं, ऐसे में पुलिस क्यों नहीं कार्रवाई कर रही है. तब एसपी ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले के सुपरविजन के दौरान एसडीपीओ ने यह पाया था कि उक्त महिला का किसी अन्य पुरुष के साथ प्रेम संबंध था. जिसके कारण पति-पत्नी में आपस में झगड़ा हुआ था और उसने आत्महत्या कर ली थी. कोर्ट ने पूछा था कि इस बात का उल्लेख मुख्य केस डायरी में क्यों नहीं किया गया है. तब एसपी अमित रेणु ने बताया था कि सुपरविजन नोट में एसडीपीओ ने इस बात का जिक्र किया गया है और पूरक केस डायरी में सुपर विजन नोट के आधार पर इसे अंकित भी किया गया है. कोर्ट ने अनुसंधानकर्ता और सुपरविजन करने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ अविलंब कार्रवाई का आदेश भी दिया था.

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डीजीपी ने भी कोर्ट को दी थी जानकारी
कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डीजीपी एमवी राव को भी तलब किया था. डीजीपी के आश्वासन के बाद कोर्ट ने मामले की जांच सीआईडी से कराने का आदेश दिया था. कोर्ट ने यह आदेश भी दिया है कि मौजूदा अनुसंधानकर्ता और सुपरविजन करने वाले पुलिस पदाधिकारी के खिलाफ इस तरह के गंभीर मामले का अनुसंधान सही तरीके से नहीं करने के कारण उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. ऐसे में किसी तरह की जांच से भी दोनों पदाधिकारियों को अलग रखा जाएगा.

रांची: झारखंड के गिरिडीह में महिला और तीन नाबालिगों की सनसनीखेज हत्या की जांच सीआईडी ने टेकओवर कर ली है. झारखंड हाई कोर्ट ने मामले की जांच में गिरिडीह पुलिस की भूमिका गलत पाते हुए सीआईडी से जांच के आदेश दिए थे.

डीएसपी मो नेहालुद्दीन को जांच का जिम्मा
झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर सीआईडी रांची क्राइम ब्रांच के प्रभारी डीएसपी मो नेहालुद्दीन को जांच का जिम्मा दिया गया है. सीआईडी एडीजी ने डीएसपी की मदद के लिए एक टीम भी गठित की है. महिला के पिता चंद्रिका यादव ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अनुसंधान करने वाले पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ आरोप लगाया था कि उनकी बेटी और तीन नाबालिग बच्चों की हत्या के बाद भी आरोपियों को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं. ऐसे में इस मामले की जांच निष्पक्षता पूर्वक कराने का आदेश दिया जाए.

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पदाधिकारियों पर भी होगी कार्रवाई
जस्टिस आनंद सेन की बेंच में गिरिडीह एसपी को कोर्ट ने ऑनलाइन हाजिर कराया था. तब कोर्ट ने एसपी से पूछा इस अपराध में अब तक नामित आरोपियों को क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया है. आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और गवाहों को धमकी दे रहे हैं, ऐसे में पुलिस क्यों नहीं कार्रवाई कर रही है. तब एसपी ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले के सुपरविजन के दौरान एसडीपीओ ने यह पाया था कि उक्त महिला का किसी अन्य पुरुष के साथ प्रेम संबंध था. जिसके कारण पति-पत्नी में आपस में झगड़ा हुआ था और उसने आत्महत्या कर ली थी. कोर्ट ने पूछा था कि इस बात का उल्लेख मुख्य केस डायरी में क्यों नहीं किया गया है. तब एसपी अमित रेणु ने बताया था कि सुपरविजन नोट में एसडीपीओ ने इस बात का जिक्र किया गया है और पूरक केस डायरी में सुपर विजन नोट के आधार पर इसे अंकित भी किया गया है. कोर्ट ने अनुसंधानकर्ता और सुपरविजन करने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ अविलंब कार्रवाई का आदेश भी दिया था.

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डीजीपी ने भी कोर्ट को दी थी जानकारी
कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डीजीपी एमवी राव को भी तलब किया था. डीजीपी के आश्वासन के बाद कोर्ट ने मामले की जांच सीआईडी से कराने का आदेश दिया था. कोर्ट ने यह आदेश भी दिया है कि मौजूदा अनुसंधानकर्ता और सुपरविजन करने वाले पुलिस पदाधिकारी के खिलाफ इस तरह के गंभीर मामले का अनुसंधान सही तरीके से नहीं करने के कारण उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. ऐसे में किसी तरह की जांच से भी दोनों पदाधिकारियों को अलग रखा जाएगा.

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