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Jharkhand Crime :चांदी चोरी मामले में सिमडेगा पुलिस से सीआईडी की पूछताछ, एसपी की भूमिका पर भी संदेह - Police accused in silver theft case

चांदी चोरी मामले में बदनाम हुई सिमडेगा पुलिस से अब सीआईडी पूछताछ कर रही है. पूरे मामले में एसपी शम्स तबरेज की भूमिका पर भी संदेह जताया जा रहा है.

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Published : Nov 18, 2021, 9:54 AM IST

रांची: झारखंड के सिमडेगा पुलिस की चांदी चोरी को लेकर सीआईडी की जांच तेज हो गई है. सीआईडी ने इस मामले में बुधवार (17 नवंबर ) को सिमडेगा के बांसजोर थाना और पीसीआर में तैनात पुलिसकर्मियों का बयान सीआईडी मुख्यालय में दर्ज किया है.

पुलिसकर्मियों को नोटिस
छतीसगढ़ के रायपुर से चोरी के जेवरातों की बरामदगी के बाद उसे सिमडेगा पुलिस के द्वारा गायब करने मामले को लेकर सीआईडी ने सिमडेगा पुलिस के कर्मियों को नोटिस देकर बुलाया था. गौरतलब है कि रायपुर से चोरी किए गए जेवरात को बांसजोर पुलिस ने चेकिंग के दौरान पकड़ा था. लेकिन पकड़े गए जेवरातों में से 15 किलोग्राम चांदी को तत्कालीन ओपी प्रभारी आशीष कुमार ने सहयोगी पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर गायब कर दिया था. इस मामले में आशीष कुमार समेत तीन पुलिसकर्मियों को जेल भेजा गया था. एसआईटी ने तब पुलिसकर्मियों के द्वारा छिपाकर रखे गए चांदी की खेंप को सिमडेगा की एक नदी और वीरमित्रापुर से बरामद किया था.

एसपी की भूमिका भी संदिग्ध
पूरे मामले में सिमडेगा एसपी शम्स तबरेज की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. सीआईडी के प्रारंभिक अनुसंधान में भी यह तथ्य आया है कि अंतर्राज्यीय मामला होने के बाद भी एसपी सिमडेगा ने इस मामले की जानकारी रायपुर पुलिस को नहीं दी थी, बल्कि जांच के लिए आयी रायपुर पुलिस की टीम को अनुसंधान से रोका भी गया था. वहीं तीन अक्तूबर को ही आरोपी पकड़े गए थे, लेकिन पुलिस ने पांच अक्तूबर को इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर पकड़े गए चार में से सिर्फ दो आरोपियों को ही जेल भेजा. इस मामले के अनुसंधान से भी स्थानीय इंस्पेक्टर, डीएसपी को दूर रखा गया था. वहीं चोरी के आरोप में बाद में जेल भेजे गए पुलिसकर्मियों को एसपी ने प्रशस्ति पत्र भी दिया था.

जेल में बंद अफसरों को रिमांड पर लेगी सीआईडी
सिमडेगा पुलिस ने मामले में फजीहत होने के बाद थानेदार आशीष कुमार, दरोगा संदीप कुमार और थाने के चालक को जेल भेजा था. अब सीआईडी इस मामले में जल्द ही जेल भेजे गए अफसरों को रिमांड पर लेगी. जांच में आए तथ्यों के आधार पर 60 दिनों के भीतर चार्जशीट भी दायर किया जाएगा. सीआईडी में केस के सुपरविजन की जिम्मेदारी परवेज आलम को दी गई है वहीं केस के मुख्य अनुसंधान पदाधिकारी के अलावे रांची सीआईडी टीम प्रभारी रविकांत प्रसाद को सहायक अनुसंधान पदाधिकारी बनाया गया है.

रांची: झारखंड के सिमडेगा पुलिस की चांदी चोरी को लेकर सीआईडी की जांच तेज हो गई है. सीआईडी ने इस मामले में बुधवार (17 नवंबर ) को सिमडेगा के बांसजोर थाना और पीसीआर में तैनात पुलिसकर्मियों का बयान सीआईडी मुख्यालय में दर्ज किया है.

पुलिसकर्मियों को नोटिस
छतीसगढ़ के रायपुर से चोरी के जेवरातों की बरामदगी के बाद उसे सिमडेगा पुलिस के द्वारा गायब करने मामले को लेकर सीआईडी ने सिमडेगा पुलिस के कर्मियों को नोटिस देकर बुलाया था. गौरतलब है कि रायपुर से चोरी किए गए जेवरात को बांसजोर पुलिस ने चेकिंग के दौरान पकड़ा था. लेकिन पकड़े गए जेवरातों में से 15 किलोग्राम चांदी को तत्कालीन ओपी प्रभारी आशीष कुमार ने सहयोगी पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर गायब कर दिया था. इस मामले में आशीष कुमार समेत तीन पुलिसकर्मियों को जेल भेजा गया था. एसआईटी ने तब पुलिसकर्मियों के द्वारा छिपाकर रखे गए चांदी की खेंप को सिमडेगा की एक नदी और वीरमित्रापुर से बरामद किया था.

एसपी की भूमिका भी संदिग्ध
पूरे मामले में सिमडेगा एसपी शम्स तबरेज की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. सीआईडी के प्रारंभिक अनुसंधान में भी यह तथ्य आया है कि अंतर्राज्यीय मामला होने के बाद भी एसपी सिमडेगा ने इस मामले की जानकारी रायपुर पुलिस को नहीं दी थी, बल्कि जांच के लिए आयी रायपुर पुलिस की टीम को अनुसंधान से रोका भी गया था. वहीं तीन अक्तूबर को ही आरोपी पकड़े गए थे, लेकिन पुलिस ने पांच अक्तूबर को इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर पकड़े गए चार में से सिर्फ दो आरोपियों को ही जेल भेजा. इस मामले के अनुसंधान से भी स्थानीय इंस्पेक्टर, डीएसपी को दूर रखा गया था. वहीं चोरी के आरोप में बाद में जेल भेजे गए पुलिसकर्मियों को एसपी ने प्रशस्ति पत्र भी दिया था.

जेल में बंद अफसरों को रिमांड पर लेगी सीआईडी
सिमडेगा पुलिस ने मामले में फजीहत होने के बाद थानेदार आशीष कुमार, दरोगा संदीप कुमार और थाने के चालक को जेल भेजा था. अब सीआईडी इस मामले में जल्द ही जेल भेजे गए अफसरों को रिमांड पर लेगी. जांच में आए तथ्यों के आधार पर 60 दिनों के भीतर चार्जशीट भी दायर किया जाएगा. सीआईडी में केस के सुपरविजन की जिम्मेदारी परवेज आलम को दी गई है वहीं केस के मुख्य अनुसंधान पदाधिकारी के अलावे रांची सीआईडी टीम प्रभारी रविकांत प्रसाद को सहायक अनुसंधान पदाधिकारी बनाया गया है.

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