रांची: प्रदेश की दो राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को होने वाली वोटिंग को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन और विपक्षी भाजपा में उम्मीदवारों के नाम को लेकर मंथन का दौर अंतिम चरण में पहुंच गया है. हालांकि महागठबंधन ने खाली हो रही दो राज्यसभा सीटों में से एक पर उम्मीदवार के नाम को लेकर तस्वीर साफ कर दी है. एक सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन उम्मीदवार होंगे, जबकि दूसरी सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दी गई है. अब कांग्रेस तय करेगी कि उस दूसरी सीट पर किसे उम्मीदवार बनाना है.
क्या स्थिति है विपक्षी खेमे बीजेपी में
दरअसल, बीजेपी खेमे में राज्यसभा सीट को लेकर अंदरूनी स्तर पर दावेदारी हो रही है. पार्टी सूत्रों की माने तो प्रदेश चुनाव समिति ने इस बाबत प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह को अधिकृत किया है. जिनकी अनुशंसा के बाद संभावित उम्मीदवारों के नाम की एक लिस्ट पार्टी आलाकमान को भेजी गई है. उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय चुनाव समिति उनमें से एक पर मुहर लगाएगी.
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कौन-कौन संभावित नाम हैं
पार्टी सूत्रों की मानें तो राज्यसभा जाने की दौड़ में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र कुमार राय का नाम शामिल है. दरअसल दिल्ली में बीजेपी नेताओं का एक धड़ा पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के पक्ष में है, वहीं दूसरी तरफ मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश भी अपर हाउस जाना चाह रहे हैं. जबकि राय 2014 में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में पार्टी के अच्छे परफॉर्मेंस के बदले रिटर्न की उम्मीद लगाए बैठे हैं.
बाबूलाल के करीबी हैं दीपक प्रकाश और राय
हालांकि विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के करीबी होने की वजह से संभावना व्यक्त की जा रही है कि राय या मौजूद प्रदेश अध्यक्ष में से किसी एक को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया जा सकता है. दोनों की मरांडी से ट्यूनिंग भी अच्छी मानी जाती है. एक तरफ जहां मरांडी की बीजेपी में घरवापसी के बाद उन्हें स्पेस मिला है. वैसे में रास चुनाव में उम्मीदवारों के नाम को लेकर उनकी राय का भी महत्व समझा जा सकता है.
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क्या है झारखंड विधानसभा का समीकरण
राज्यसभा चुनाव के दृष्टिकोण से उम्मीदवार को झारखंड विधानसभा के 27 विधायकों के प्रथम वरीयता वाले वोट हासिल करने होंगे. मौजूदा इक्वेशन के हिसाब से विपक्ष के पास झारखंड विधानसभा में बीजेपी के 25 विधायकों के अलावा बाबूलाल मरांडी का एक वोट है. हालांकि बाबूलाल मरांडी की स्थिति को लेकर अभी स्पीकर को तस्वीर साफ करनी होगी. चुनाव आयोग की ओर से झारखंड विकास मोर्चा के विलय पर मुहर लगने के बाद अब स्पीकर को यह स्पष्ट करना होगा कि बाबूलाल मरांडी बीजेपी के विधायक माने जाएंगे या नहीं.
वहीं, दूसरी तरफ 26 का आंकड़ा हासिल होने के बाद भी बीजेपी उम्मीदवार को 1 वोट की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में आजसू पार्टी और निर्दलीय विधायकों पर बीजेपी की नजर है. हालांकि महागठबंधन भी अपनी तरफ से निर्दलीय और आजसू से समर्थन लेने की जुगत में लगा हुआ है. जानकारी के मुताबिक शिबू सोरेन 11 मार्च को अपना नामांकन दाखिल करेंगे. वहीं 13 मार्च तक नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख है.
कैसा रहा है पिछले दो रास चुनाव का ट्रैक रिकॉर्ड
2016 में हुए राज्यसभा चुनाव में दोनों सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार जीतकर अपर हाउस पहुंचे थे. उनमें एक मुख्तार अब्बास नकवी जबकि दूसरे महेश पोद्दार का नाम शामिल है. वहीं, 2018 में हुए राज्यसभा चुनाव में समीर उरांव जीतकर पहुंचे, जबकि दूसरी सीट पर बीजेपी के प्रदीप सोंथालिया को हार का सामना करना पड़ा. हालांकि हार का फासला महज दशमलव 66 अंक का था. दूसरी सीट पर कांग्रेस के धीरज प्रसाद साहू जीतकर राज्यसभा पहुंचे थे.