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रांची के 'GULLY BOY' ने खुद बनाई मां दुर्गा की प्रतिमा, गुल्लक से पैसे निकालकर की पूजा - रांची में दुर्गा पूजा

राजधानी रांची के पहाड़ी मंदिर के नीचे बसे पहाड़ी टोला की आदिवासी बस्ती के कुछ बच्चों ने अपने हाथ से मूर्ति बनाई और अपने पॉकेट मनी से प्रसाद की व्यवस्था की है. इलाके में रहने वाले बच्चों में सुशांत, खुशहाल और उनके मित्रों ने यह तय किया कि वह दुर्गा पूजा अपने तरीके से मनाएंगे.

रांची में दुर्गा पूजा
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Published : Oct 7, 2019, 7:03 PM IST

Updated : Oct 7, 2019, 8:22 PM IST

रांची: राजधानी में दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों की सजावट और विशालकाय मूर्तियां लोगों को आकृष्ट कर रही है. नवरात्र के इसी पावन महीने में आने वाले इस त्योहार को रांची के कुछ बच्चे अपने अनूठे तरीके से मना रहे हैं. इसके लिए उन्होंने किसी से न तो चंदा लिया है और न किसी के घर जाकर रसीद काटी है.

देखिए स्पेश स्टोरी

राजधानी रांची के पहाड़ी मंदिर के नीचे बसे पहाड़ी टोला की आदिवासी बस्ती के कुछ बच्चों ने अपने हाथ से मूर्ति बनाई और अपने पॉकेट मनी से प्रसाद की व्यवस्था की है. इलाके में रहने वाले बच्चों में सुशांत, खुशहाल और उनके मित्रों ने यह तय किया कि वह दुर्गा पूजा अपने तरीके से मनाएंगे. इसके लिए उन्होंने बाकायदा घर के आंगन में छोटा सा पंडाल लगाया और उसमें मां दुर्गा की अपने हाथों से बनाई मूर्ति सजाई है.

एकदिन में बनाई मूर्ति
हैरत की बात यह है कि मूर्ति खुद 13 साल के सुशांत बेक ने बनाई. इस पूजा में सुशांत, उसके दोस्त, परिवार के बच्चे और आसपास के बच्चे शामिल हो रहे हैं. बाकायदा सुबह पूजा-पाठ होता है और शाम में आरती भी गाई जाती है. छठी क्लास में पढ़ने वाले सुशांत बताते हैं कि उनकी अपनी दुकान है, जिसमें काम के एवज में मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल उन्होंने इस पूजा में किया है. इसके लिए उनके मित्र खुशहाल और अन्य दोस्तों ने भी अपने-अपने पॉकेट मनी जमा की है. उसी पूंजी से पूरी पूजा की जा रही है.

ये भी पढ़ें: झारखंड के दो धावक अंतरराष्ट्रीय खेलों में करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व

3 साल से कर रहे पूजा
सुशांत की बहन पायल ने बताया कि पूरी मूर्ति एक दिन में तैयार की गई है और इसकी विधिवत पूजा की जा रही है. उनके मित्र खुशहाल का कहना है कि मदद के स्वरूप सब लोगों ने मिलकर 2-3 सौ रुपए इकट्ठे किए और पूजा का सिलसिला शुरू हो गया है. दरअसल, पहाड़ी टोला के इस इलाके में रोज कमाने खाना खाने वाले परिवार रहते हैं. उन्हीं के बीच बच्चों की टोली है यह तीसरा साल है जब बच्चों की टोली ने मिलकर यह पूजा अर्चना की है.

रांची: राजधानी में दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों की सजावट और विशालकाय मूर्तियां लोगों को आकृष्ट कर रही है. नवरात्र के इसी पावन महीने में आने वाले इस त्योहार को रांची के कुछ बच्चे अपने अनूठे तरीके से मना रहे हैं. इसके लिए उन्होंने किसी से न तो चंदा लिया है और न किसी के घर जाकर रसीद काटी है.

देखिए स्पेश स्टोरी

राजधानी रांची के पहाड़ी मंदिर के नीचे बसे पहाड़ी टोला की आदिवासी बस्ती के कुछ बच्चों ने अपने हाथ से मूर्ति बनाई और अपने पॉकेट मनी से प्रसाद की व्यवस्था की है. इलाके में रहने वाले बच्चों में सुशांत, खुशहाल और उनके मित्रों ने यह तय किया कि वह दुर्गा पूजा अपने तरीके से मनाएंगे. इसके लिए उन्होंने बाकायदा घर के आंगन में छोटा सा पंडाल लगाया और उसमें मां दुर्गा की अपने हाथों से बनाई मूर्ति सजाई है.

एकदिन में बनाई मूर्ति
हैरत की बात यह है कि मूर्ति खुद 13 साल के सुशांत बेक ने बनाई. इस पूजा में सुशांत, उसके दोस्त, परिवार के बच्चे और आसपास के बच्चे शामिल हो रहे हैं. बाकायदा सुबह पूजा-पाठ होता है और शाम में आरती भी गाई जाती है. छठी क्लास में पढ़ने वाले सुशांत बताते हैं कि उनकी अपनी दुकान है, जिसमें काम के एवज में मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल उन्होंने इस पूजा में किया है. इसके लिए उनके मित्र खुशहाल और अन्य दोस्तों ने भी अपने-अपने पॉकेट मनी जमा की है. उसी पूंजी से पूरी पूजा की जा रही है.

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3 साल से कर रहे पूजा
सुशांत की बहन पायल ने बताया कि पूरी मूर्ति एक दिन में तैयार की गई है और इसकी विधिवत पूजा की जा रही है. उनके मित्र खुशहाल का कहना है कि मदद के स्वरूप सब लोगों ने मिलकर 2-3 सौ रुपए इकट्ठे किए और पूजा का सिलसिला शुरू हो गया है. दरअसल, पहाड़ी टोला के इस इलाके में रोज कमाने खाना खाने वाले परिवार रहते हैं. उन्हीं के बीच बच्चों की टोली है यह तीसरा साल है जब बच्चों की टोली ने मिलकर यह पूजा अर्चना की है.

Intro:बाइट 1 सुशांत बेक
बाइट 2 पायल
बाइट 3 ख़ुशहाल तिर्की

रांची। दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों की सजावट और विशालकाय मूर्तियां लोगों को आकृष्ट कर रहे हैं. नवरात्र के इसी पावन महीने में आने वाले इस त्यौहार को रांची के कुछ बच्चे अपने अनूठे तरीके से मना रहे हैं. इसके लिए उन्होंने किसी से न तो चंदा लिया है और ना किसी के घर जाकर रसीद काटी है. दरअसल राजधानी रांची के पहाड़ी मंदिर के नीचे बसे पहाड़ी टोला की आदिवासी बस्ती के कुछ बच्चों ने अपने हाथ से मूर्ति बनाई और अपने पॉकेट मनी से प्रसाद की व्यवस्था की है. इलाके में रहने वाले बच्चों में सुशांत, खुशहाल और उनके मित्रों ने यह तय किया कि वह दुर्गा पूजा अपने तरीके से मनाएंगे. इसके लिए उन्होंने बाकायदा घर के आंगन में छोटा सा पंडाल लगाया और उसमें मां दुर्गा की अपने हाथों से बनाई मूर्ति सजाई है.


Body:अपने हाथों से एकदिन में बनाई मूर्ति
हैरत की बात यह है कि मूर्ति खुद 13 साल के सुशांत बेक ने बनाई. उसकी पूजा में सुशांत, उसके दोस्त, परिवार के बच्चे और आसपास के बच्चे शामिल हो रहे हैं. बाकायदा सुबह पूजा-पाठ होता है और शाम में आरती भी गाई जाती है. छठी क्लास में पढ़ने वाले सुशांत बताते हैं कि उनकी अपनी दुकान है जिसमें काम के एवज में मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल होने इस पूजा में किया है. इसके लिए उनके मित्र खुशहाल और अन्य दोस्तों ने भी अपने-अपने पॉकेट मनी जमा की. उसी पूंजी से पूरी पूजा की जा रही है. सुशांत की बहन पायल ने बताया कि पूरी मूर्ति 1 दिन में तैयार की गई है और इसकी विधिवत पूजा की जा रही है.


Conclusion:उनके मित्र खुशहाल का कहना है कि मदद के स्वरूप सब लोगों ने मिलकर 2-3 सौ रुपये इकट्ठे किए और पूजा का सिलसिला शुरू हो गया है. दरअसल पहाड़ी टोला के इस इलाके में रोज कमाने खाना खाने वाले परिवार रहते हैं. उन्हीं के बीच बच्चों की टोली है यह तीसरा साल है जब बच्चों की टोली ने मिलकर यह पूजा अर्चना की है.
Last Updated : Oct 7, 2019, 8:22 PM IST
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