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पॉलिटेक्निक कॉलेजों में बाजार की मांग के मुताबिक कोर्स डिजायन करें: मुख्य सचिव - Ministry of Skill Development and Labor Planning

मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने उच्च तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग पॉलिटेक्निक कॉलेजों का कोर्स बाजार की मांग के मुताबिक डिजायन करें.

Chief Secretary said in polytechnic colleges, design the course according to market demand
मुख्य सचिव ने की बैठक
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Published : Dec 5, 2019, 8:05 AM IST

रांची: मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने उच्च तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास और श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्य योजना की बुधवार को झारखंड मंत्रालय में समीक्षा की. उन्होंने कहा कि उच्च तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग पॉलिटेक्निक कॉलेजों का कोर्स बाजार की मांग के मुताबिक डिजायन करें.

उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा देने के पहले रिसर्च करें कि पॉलिटेक्निक के किस कोर्स में रोजगार के क्या अवसर हैं. यह भी आकलन करना होगा कि कौन सा परंपरागत कोर्स या ट्रेड अब बाजार की मांग के अनुरूप उपयोगी नहीं रहा है. तकनीकी शिक्षा के मूल में उसका मकसद सुनिश्चित होना चाहिए. अगर पॉलिटेक्निक कॉलेजों से निकले लोगों को रोजगार के अवसर नहीं मिलेंगे, तो पूरी कवायद ही बेकार होगी. वहीं, उन्होंने निर्देश दिए कि निर्माणाधीन और प्रस्तावित पॉलिटेक्निक कॉलेजों की समीक्षा उनकी आवश्यकता के अनुरूप करें. अगर जरूरत नहीं हो, तो उसका उपयोग स्किल सेंटर के रूप में निजी भागीदारी के आधार पर किया जाए.

ये भी पढ़ें- महागठबंधन के प्रचार के लिए तेजस्वी यादव पहुंचे रांची, कहा- BJP ने झारखंड को लूटने का किया काम

साथ ही पॉलिटेक्निक कॉलेजों के संबद्धता के मसले का निवारण विश्वविद्यालय स्तर पर ही किया जाना चाहिए. इसी मकसद से तकनीकी विश्वविद्यालय की स्थापना भी की गई है. मुख्य सचिव ने रांची के वराहमिहिर तारामंडल और वहां स्थित साइंस सिटी के अपग्रेडेशन पर बल देते हुए कहा कि तारामंडल, साइंस सिटी और एस्ट्रोनॉमी क्लब के साथ वहां कैफेटेरिया, लेजर शो, म्युजिकल बैंड का एक पैकेज बनाएं. शौचालय और बैठने का प्रबंध करें, जिससे वहां जाने वाले लोग ज्ञानवर्द्धन के साथ कुछ घंटे मनोरंजन कर सकें.

उन्होंने निर्देश दिया कि तारामंडल से संबंधित जानकारी ऑनलाइन करें. इससे यह पता चलेगा कि तारामंडल का शो कब-कब होता है. वहीं, टिकट का मूल्य और ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी उससे मिल सकेगी. मुख्य सचिव ने राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों के संचालन के लिए प्राइवेट इंजीनियरिंग संस्थानों मनिपाल, एमिटी, बीआइटी, बीआइटी पिलानी से विभागीय स्तर पर समन्वय बनाने का निर्देश दिया है. वहीं, बीआइटी मेसरा को अनुदान देने के पहले यह सुनिश्चित करने को कहा कि उसमें शर्त के अनुसार झारखंड के कितने छात्रों का नामांकन हुआ है. साथ ही उनसे ली जानेवाली फीस की आमदनी और अन्य आमदनी और व्यय की क्या स्थिति है.

रांची: मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने उच्च तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास और श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्य योजना की बुधवार को झारखंड मंत्रालय में समीक्षा की. उन्होंने कहा कि उच्च तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग पॉलिटेक्निक कॉलेजों का कोर्स बाजार की मांग के मुताबिक डिजायन करें.

उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा देने के पहले रिसर्च करें कि पॉलिटेक्निक के किस कोर्स में रोजगार के क्या अवसर हैं. यह भी आकलन करना होगा कि कौन सा परंपरागत कोर्स या ट्रेड अब बाजार की मांग के अनुरूप उपयोगी नहीं रहा है. तकनीकी शिक्षा के मूल में उसका मकसद सुनिश्चित होना चाहिए. अगर पॉलिटेक्निक कॉलेजों से निकले लोगों को रोजगार के अवसर नहीं मिलेंगे, तो पूरी कवायद ही बेकार होगी. वहीं, उन्होंने निर्देश दिए कि निर्माणाधीन और प्रस्तावित पॉलिटेक्निक कॉलेजों की समीक्षा उनकी आवश्यकता के अनुरूप करें. अगर जरूरत नहीं हो, तो उसका उपयोग स्किल सेंटर के रूप में निजी भागीदारी के आधार पर किया जाए.

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साथ ही पॉलिटेक्निक कॉलेजों के संबद्धता के मसले का निवारण विश्वविद्यालय स्तर पर ही किया जाना चाहिए. इसी मकसद से तकनीकी विश्वविद्यालय की स्थापना भी की गई है. मुख्य सचिव ने रांची के वराहमिहिर तारामंडल और वहां स्थित साइंस सिटी के अपग्रेडेशन पर बल देते हुए कहा कि तारामंडल, साइंस सिटी और एस्ट्रोनॉमी क्लब के साथ वहां कैफेटेरिया, लेजर शो, म्युजिकल बैंड का एक पैकेज बनाएं. शौचालय और बैठने का प्रबंध करें, जिससे वहां जाने वाले लोग ज्ञानवर्द्धन के साथ कुछ घंटे मनोरंजन कर सकें.

उन्होंने निर्देश दिया कि तारामंडल से संबंधित जानकारी ऑनलाइन करें. इससे यह पता चलेगा कि तारामंडल का शो कब-कब होता है. वहीं, टिकट का मूल्य और ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी उससे मिल सकेगी. मुख्य सचिव ने राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों के संचालन के लिए प्राइवेट इंजीनियरिंग संस्थानों मनिपाल, एमिटी, बीआइटी, बीआइटी पिलानी से विभागीय स्तर पर समन्वय बनाने का निर्देश दिया है. वहीं, बीआइटी मेसरा को अनुदान देने के पहले यह सुनिश्चित करने को कहा कि उसमें शर्त के अनुसार झारखंड के कितने छात्रों का नामांकन हुआ है. साथ ही उनसे ली जानेवाली फीस की आमदनी और अन्य आमदनी और व्यय की क्या स्थिति है.

Intro:रांची.मुख्य सचिव डॉ. डी के तिवारी ने उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास और श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्य योजना की बुधवार को झारखंड मंत्रालय में समीक्षा की।उन्होंने कहा है कि उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग पॉलिटेक्निक कॉलेजों का कोर्स बाजार की मांग के अनुसार डिजायन करे।Body:उन्होंने कहा है कि तकनीकी शिक्षा देने के पहले हम रिसर्च करें कि पॉलिटेक्निक के किस कोर्स में रोजगार के क्या अवसर है। यह भी आकलन करना होगा कि कौन सा परंपरागत कोर्स या ट्रेड अब बाजार की मांग के अनुरूप उपयोगी नहीं रहा है। तकनीकी शिक्षा के मूल में उसका मकसद सुनिश्चित होना चाहिए। अगर पॉलिटेक्निक कॉलेजों से निकले लोगों को रोजगार के अवसर नहीं मिलेंगे, तो पूरी कवायद ही बेकार होगी। वहीं उन्होंने निर्देश दिया कि निर्माणाधीन और प्रस्तावित पॉलिटेक्निक कॉलेजों की समीक्षा उनकी आवश्यकता के अनुरूप करें। अगर जरूरत नहीं हो, तो उसका उपयोग स्किल सेंटर के रूप में निजी भागीदारी के आधार पर किया जाए।साथ ही पॉलिटेक्निक कॉलेजों के संबद्धता के मसले का निवारण विश्वविद्यालय स्तर पर ही किया जाना चाहिए। इसी मकसद से तकनीकी विश्वविद्यालय की स्थापना भी की गई है।

मुख्य सचिव ने रांची के वराहमिहिर तारामंडल और वहां स्थित साइंस सिटी के अपग्रेडेशन पर बल देते हुए कहा है कि तारामंडल, साइंस सिटी और एस्ट्रोनॉमी क्लब के साथ वहां कैफेटेरिया, लेजर शो, म्युजिकल बैंड का एक पैकेज बनाएं। शौचालय और बैठने का प्रबंध करें, जिससे वहां जानेवाले लोग ज्ञानवर्द्धन के साथ कुछ घंटे मनोरंजन कर सकें। उन्होंने निर्देश दिया है कि तारामंडल से संबंधित जानकारी ऑनलाइन करें। इससे यह पता चलेगा कि तारामंडल का शो कब-कब होता है। वहीं टिकट का मूल्य और ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी उससे मिल सकेगीConclusion:मुख्य सचिव ने राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों के संचालन के लिए प्राइवेट इंजीनियरिंग संस्थानों मनिपाल, एमिटी, बीआइटी, बीआइटी पिलानी से विभागीय स्तर पर समन्वय बनाने का निर्देश दिया है। वहीं बीआइटी मेसरा को अनुदान देने के पहले यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उसमें शर्त के अनुसार झारखण्ड के कितने छात्रों का नामांकन हुआ है। साथ ही उनसे ली जानेवाली फीस की आमदनी और अन्य आमदनी और व्यय की क्या स्थिति है।
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