रांची: निरसा के चर्चित गांजा प्लांट के ईसीएल कर्मी चिरंजीत घोष को फंसाने के मामले में सीआईडी ने चार्जशीट दायर कर लिया है. सीआईडी ने पहले चरण में चार गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. अगले चरण में सीआईडी मामले में दोषी पुलिस अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी.
![Chargesheet filed on 4 accused in Dhanbad Ganja case](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/jh-ran-05-cidkikarwai-photo-7200748_03092020184901_0309f_1599139141_637.jpg)
किन-किन पर हुआ चार्जशीट
चार्जशीट में धनबाद पुलिस के लिए मुखबीरी करने वाले नीरज कुमार तिवारी, रवि कुमार ठाकुर, सुनील पासी उर्फ सुनील कुमार चौधरी और बंगाल पुलिस के लिए काम करने वाले राजीव राय को धारा 120 बी, 193 व 195 आईपीसी व एनडीपीएस के धाराओं के तहत आरोपित किया गया है. गौरतलब है कि अगस्त 2019 में जीटी रोड पर एक तवेरा गाड़ी से 40 किलोग्राम गांजा बरामद की गई थी. गांजा बरामदगी के बाद धनबाद की निरसा पुलिस ने इस केस में ईसीएल के कर्मी चिरंजीत घोष को किंगपिन बताते हुए जेल भेजा था. जानकारी के मुताबिक, धनबाद पुलिस के लिए मुखबिरी करने वाले नीरज कुमार तिवारी, रवि ठाकुर और सुनील पासी ने निरसा पुलिस को गुमराह करते हुए पूरे मामले में एफआईआर दर्ज करवायी थी.
राजीव ले आया था गांजा
सीआईडी की चार्जशीट में जिक्र है कि बंगाल पुलिस के एसडीपीओ मिथून डे के लिए काम करने वाला राजीव राय धनबाद के निरसा तक गांजा लेकर आया था. इसके बाद उसने धनबाद पुलिस के मुखबिर रवि ठाकुर, नीरज तिवारी और सुनील पासी को गांजा लदी गाड़ी सौंप दी. इसके बाद पुलिस के मुखबिरों ने निरसा थाने में चिरंजीत घोष को किंगपिन बताते हुए एफआईआर दर्ज करवायी. खास बात यह है कि एफआईआर दर्ज करने में भी गड़बड़ी की बात सामने आयी है. सीआईडी के जांच में आए तथ्यों के मुताबिक, कथित गांजा बरामदगी के एक दिन बाद इस मामले में निरसा थाने में एफआईआर दर्ज हुई. इसके साथ ही घटनास्थल भी गलत बताया गया.
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अब बारी पुलिस कर्मियों की
सीआईडी ने पहले चरण में चार गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. अगले चरण में सीआईडी मामले में दोषी पुलिस अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी. जांच में धनबाद के निरसा थाने में दर्ज केस को पूरी तरह गलत पाया गया है. वहीं, चिरंजीत घोष को फंसाने के लिए गोड्डा जिले के महगामा थाना के एक केस में भी जबरन उसके नाम को कंफेशन में लाया गया था. इस मामले में धनबाद और गोड्डा पुलिस के कुछ अफसरों पर कार्रवाई तय है. वहीं, बंगाल पुलिस के एसडीपीओ मिथून डे को पूरे मामले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. मिथून को भी झारखंड सीआईडी में पूछताछ के लिए तलब किया गया है.