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रांची में न हो विकास दूबे जैसा प्रकरण, पुलिस कर्मियों का होगा कैरेक्टर वेरीफिकेशन

यूपी के विकास दुबे जैसा प्रकरण रांची में न हो, इसके लिए रांची पुलिस गंभीर हो गई है. अब रांची के पुलिस कर्मियों का कैरेक्टर वेरीफिकेशन होगा. रांची के सीनियर एसपी सुरेद्र कुमार झा ने वैसे पुलिस कर्मियों का डाटा बेस तैयार करने का निर्देश दिया जो किसी मामले में दागी रहे हैं.

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Published : Jul 10, 2020, 10:13 AM IST

Character verification of policemen in ranchi
पुलिस कर्मियों का कैरेक्टर वेरीफिकेशन

रांची: पुलिस और अपराधियों के बीच दोस्ती कोई नई बात नहीं है. समय-समय पर कई ऐसे मामले सामने आते रहे हैं, जिसमें पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत अपराधियों से और अवैध कारोबारियों से होने के सबूत मिलते रहे हैं. इसी बीच रांची के सीनियर एसपी अपने पुलिसकर्मियों को काजल की कोठरी से बचाने के लिए उनका कैरेक्टर वेरिफिकेशन करवाना शुरू कर दिया है.

देखिए पूरी खबर
यूपी के विकास दुबे जैसा प्रकरण रांची में न हो, इसके लिए रांची पुलिस गंभीर हो गई है. अब रांची के पुलिस कर्मियों का कैरेक्टर वेरीफिकेशन होगा. रांची के सीनियर एसपी सुरेद्र कुमार झा ने वैसे पुलिस कर्मियों का डाटा बेस तैयार करने का निर्देश दिया जो किसी मामले में दागी रहे हैं. इसमें यह जांच की जाएगी कि किन पुलिसकर्मियों का सांठ-गांठ अपराधियों से है. पुलिस कर्मियों का आचरण, कौन पुलिसकर्मी शराब के आदि हैं इसकी भी पूरी रिपोर्ट तैयारी की जाएगी. थाना प्रभारी स्तर से इससे संबंधित रिपोर्ट मांगा गया है. एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि पुलिस की छवि बेहतर हो इसे लेकर पुलिस मुख्यालय गंभीर है. थानों में ड्यूटी दे रहे पुलिसकर्मियों के आचरण और व्यवहार आम लोगों के प्रति कैसा हो इसे लेकर पूर्व में भी दिशा-निर्देश जारी हुए हैं. बावजूद कुछ पुलिस कर्मियों की शिकायत मिलती है, जिसे देखते हुए ये निर्णय लिया गया है. पुलिस की छवि सुधारने के लिए पहल हाल के दिनों में पुलिस के व्यवहार और दूसरे मामले को लेकर कई सवाल खड़े होते रहे हैं. यही वजह है कि अब यह जानने की कोशिश की जा रही है कि थानों में पदस्थापित पदाधिकारी का व्यवहार आम लोगों के साथ-साथ अपने कलीग के साथ कैसा है और क्या कभी उसकी संलिप्ता अपराधियों के साथ रही है. क्या वो शराब का सेवन करते हैं. कुछ ऐसे प्वाइंट्स पर जांच की जा रही है. नकारात्मक बातें सामने आने पर ऐसे पुलिस कर्मियों को सुधारने का प्रयास किया जाएगा ताकि पुलिस की क्षवि बेहतर हो सके. इसके अलावा गंभीर मामले सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी. एसएसपी ने बताया कि पिछले दिनों एक एएसआई शंकर सिंह शराब के नशे में धुत होकर हो हल्ला करते पाया गया था. इसकी जांच के बाद निलंबित कर दिया गया.

ये भी पढ़ें: लातेहार में CRPF के 10 जवान कोरोना पॉजिटिव, एक पुलिस अधिकारी भी संंक्रमित

जमीन कारोबार में पुलिस की रहती है संलिप्तता
जनवरी 2020 में जमीन विवाद में लगातार हो रही हत्या के बाद तत्कालीन डीजीपी कमल नयन चौबे ने खुद संज्ञान लिया था. इसके बाद आला अधिकारियों के साथ बैठक कर जमीन के कारोबार में शामिल पुलिस अधिकारियों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था, ताकि उन्हें राज्य से बाहर भेजा जाए. रांची समेत अन्य जिलों में पुलिस कर्मियों के जमीन कारोबार में संरक्षण देने की सूचनाएं पर सितंबर 2019 में राज्य में जमीन की दलाली में लगे पुलिस अफसरों को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने वीआरएस देने के निर्देश दिए थे. इसके अलावा राज्य के सभी जिले में अवैध शराब कारोबार में पुलिस संरक्षण की बात सामने आ चुकी है. शराब कारोबारी नकली शराब कई थाना क्षेत्रों में बेरोकटोक सप्लाई करते हैं. अवैध शराब का कारोबार करने वाले शराब माफिया को स्थानीय थानों का संरक्षण प्राप्त रहता है.

रांची: पुलिस और अपराधियों के बीच दोस्ती कोई नई बात नहीं है. समय-समय पर कई ऐसे मामले सामने आते रहे हैं, जिसमें पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत अपराधियों से और अवैध कारोबारियों से होने के सबूत मिलते रहे हैं. इसी बीच रांची के सीनियर एसपी अपने पुलिसकर्मियों को काजल की कोठरी से बचाने के लिए उनका कैरेक्टर वेरिफिकेशन करवाना शुरू कर दिया है.

देखिए पूरी खबर
यूपी के विकास दुबे जैसा प्रकरण रांची में न हो, इसके लिए रांची पुलिस गंभीर हो गई है. अब रांची के पुलिस कर्मियों का कैरेक्टर वेरीफिकेशन होगा. रांची के सीनियर एसपी सुरेद्र कुमार झा ने वैसे पुलिस कर्मियों का डाटा बेस तैयार करने का निर्देश दिया जो किसी मामले में दागी रहे हैं. इसमें यह जांच की जाएगी कि किन पुलिसकर्मियों का सांठ-गांठ अपराधियों से है. पुलिस कर्मियों का आचरण, कौन पुलिसकर्मी शराब के आदि हैं इसकी भी पूरी रिपोर्ट तैयारी की जाएगी. थाना प्रभारी स्तर से इससे संबंधित रिपोर्ट मांगा गया है. एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि पुलिस की छवि बेहतर हो इसे लेकर पुलिस मुख्यालय गंभीर है. थानों में ड्यूटी दे रहे पुलिसकर्मियों के आचरण और व्यवहार आम लोगों के प्रति कैसा हो इसे लेकर पूर्व में भी दिशा-निर्देश जारी हुए हैं. बावजूद कुछ पुलिस कर्मियों की शिकायत मिलती है, जिसे देखते हुए ये निर्णय लिया गया है. पुलिस की छवि सुधारने के लिए पहल हाल के दिनों में पुलिस के व्यवहार और दूसरे मामले को लेकर कई सवाल खड़े होते रहे हैं. यही वजह है कि अब यह जानने की कोशिश की जा रही है कि थानों में पदस्थापित पदाधिकारी का व्यवहार आम लोगों के साथ-साथ अपने कलीग के साथ कैसा है और क्या कभी उसकी संलिप्ता अपराधियों के साथ रही है. क्या वो शराब का सेवन करते हैं. कुछ ऐसे प्वाइंट्स पर जांच की जा रही है. नकारात्मक बातें सामने आने पर ऐसे पुलिस कर्मियों को सुधारने का प्रयास किया जाएगा ताकि पुलिस की क्षवि बेहतर हो सके. इसके अलावा गंभीर मामले सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी. एसएसपी ने बताया कि पिछले दिनों एक एएसआई शंकर सिंह शराब के नशे में धुत होकर हो हल्ला करते पाया गया था. इसकी जांच के बाद निलंबित कर दिया गया.

ये भी पढ़ें: लातेहार में CRPF के 10 जवान कोरोना पॉजिटिव, एक पुलिस अधिकारी भी संंक्रमित

जमीन कारोबार में पुलिस की रहती है संलिप्तता
जनवरी 2020 में जमीन विवाद में लगातार हो रही हत्या के बाद तत्कालीन डीजीपी कमल नयन चौबे ने खुद संज्ञान लिया था. इसके बाद आला अधिकारियों के साथ बैठक कर जमीन के कारोबार में शामिल पुलिस अधिकारियों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था, ताकि उन्हें राज्य से बाहर भेजा जाए. रांची समेत अन्य जिलों में पुलिस कर्मियों के जमीन कारोबार में संरक्षण देने की सूचनाएं पर सितंबर 2019 में राज्य में जमीन की दलाली में लगे पुलिस अफसरों को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने वीआरएस देने के निर्देश दिए थे. इसके अलावा राज्य के सभी जिले में अवैध शराब कारोबार में पुलिस संरक्षण की बात सामने आ चुकी है. शराब कारोबारी नकली शराब कई थाना क्षेत्रों में बेरोकटोक सप्लाई करते हैं. अवैध शराब का कारोबार करने वाले शराब माफिया को स्थानीय थानों का संरक्षण प्राप्त रहता है.

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