रांची: झारखंड में सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से एक कंसेप्ट तैयार कर एकलव्य और आश्रम विद्यालयों का संचालन पहले से ही किया जा रहा है. इन विद्यालयों में विद्यार्थियों को हर वह सुविधा दी जाती है जो एक निजी स्कूल में विद्यार्थियों को मिलती है. अब झारखंड सरकार 2021- 22 सेशन में कुछ बदलाव के साथ सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर योजना बना रही है.
विभिन्न जिलों में किया जाएगा लीडर स्कूल डेवलप
राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने राज्य में एकलव्य विद्यालय, आश्रम विद्यालय के अलावे अब सरकारी स्कूलों को बेहतर तरीके से डेवलप कर लीडर स्कूल फॉर्मेट पर काम करने की योजना बनाई है. 2021-22 सेशन से राज्य में खुलने वाली सभी 4416 लीडर स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम का लागू किया जाएगा. हालांकि इससे पहले राज्य के तमाम जिला स्कूलों को सीबीएसई से मान्यता देने के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर सीबीएससई को भेजा जाएगा. लीडर स्कूल खोलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. कैबिनेट की बैठक में इससे जुड़े प्रस्ताव को भेजा गया है. आने वाले कैबिनेट की बैठक में संभवत इस पर मुहर भी लगा दी जाएगी और योजनाबद्ध तरीके से राज्य के विभिन्न जिलों में लीडर स्कूल डेवलप किया जाएगा.
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पुस्तकालय और प्रयोगशाला की भी दी जाएगी सुविधा
जानकारी के मुताबिक पुराने स्कूलों की मरम्मत कर नए कमरे बनाए जाएंगे. जरूरत पड़ने पर नए भवन का निर्माण भी लीडर स्कूल के लिए किया जाएगा. जिसमें पुस्तकालय, प्रयोगशाला समेत कई सुविधाएं दी जाएगी. तमाम जिला मुख्यालय में संचालित 24 बालिका विद्यालय, 24 कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय और 8 अन्य बड़े स्कूलों को भी सीबीएसई से मान्यता दिलाने की कोशिश की जा रही है. वहीं राज्य के तमाम एकलव्य और आश्रम स्कूलों को बेहतर तरीके से संचालित करने को लेकर शिक्षा विभाग और कल्याण विभाग ने तालमेल बनाया जा रहा है. दोनों विभाग संयुक्त रूप से इन स्कूलों को बेहतर तरीके से संचालित करने, विद्यार्थियों को हर सुविधा मुहैया कराने और निजी स्कूलों के बराबर चलने की दिशा में सत्र 2021-22 से हरसंभव कदम उठाया जाएगा. इसे लेकर हेमंत सरकार के शिक्षा विभाग ने एक रोडमैप भी तैयार कर लिया है.
पठन-पाठन की व्यवस्था पटरी पर लाने की कोशिश
कोरोना महामारी के कारण शिक्षा व्यवस्था पर व्यापक असर पड़ा है. राज्य के तमाम स्कूलों के साथ-साथ मॉडल स्कूल, एकलव्य स्कूल, आश्रम स्कूल जैसे स्कूलों के विद्यार्थी भी प्रभावित हुए हैं. अन्य सरकारी स्कूलों के साथ-साथ इन स्कूलों तक भी ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल नहीं पहुंच रही है. विद्यार्थियों के पठन-पाठन में काफी समस्या है और आनेवाले सत्र में परेशानी ना हो और अब तक जो क्षति हुई है, उसकी पूर्ति करने के लिए ही सरकार की ओर से बृहद प्लान तैयार किया जा रहा है. जिससे आने वाले समय में पठन-पाठन की व्यवस्था पटरी पर लाकर विद्यार्थियों का भविष्य सुरक्षित किया जा सके.