ETV Bharat / city

रांचीः हिंदपीढ़ी में उपद्रव के दौरान CCTV कैमरे खोलकर ले गए थे उपद्रवी, 6 से अधिक जवान हुए थे घायल - 16 मई को हिंदपीढ़ी का बिगड़ा माहौल

रांची के हिंदपीढ़ी में बीते 16 मई की रात हुए बवाल के दौरान उपद्रवी सीसीटीवी कैमरे तक खोलकर ले गए थे. वो कैमरे जो प्रशासन ने निगरानी के लिए लगाया थे. उपद्रवियों ने हिंदपीढ़ी भट्ठी चौक के पास लगे सारे कैमरे खोल कर चोरी कर ली थी, जबकि वहां ड्यूटी कर रहे सीआरपीएफ के एएसआई के अलावा कई जवान घायल हो गए थे.

Hindpidhi ranchi
हिंदपीढ़ी थाना
author img

By

Published : May 20, 2020, 11:38 AM IST

रांचीः हिंदपीढ़ी में बीते 16 मई की रात हुए बवाल के दौरान उपद्रवी सीसीटीवी कैमरे तक खोलकर ले गए थे. वो कैमरे जो प्रशासन द्वारा निगरानी के लिए लगाया गए थे. उपद्रवियों ने हिंदपीढ़ी भट्ठी चौक के पास लगे सारे कैमरे खोल कर चोरी कर ली थी, जबकि वहां ड्यूटी कर रहे सीआरपीएफ के एएसआई कनकू उरांव का सिर फोड़ दिया था. इनके अलावा जवान राकेश कुमार, कैलाश चंद, गिरिधारी लाल, रंजन कुमार, अमन कुमार सहित 6 से अधिक जवान घायल हो गए. सारी बातों का जिक्र पुलिस द्वारा किए गए प्राथमिकी में शामिल है.

चार एफआईआर दर्ज
हिंदपीढ़ी में पत्थरबाजी की घटना को लेकर अरगोड़ा थाना में पोस्टेड पीएसआई अरविंद कुमार ठाकुर ने प्राथमिकी दर्ज कराई है. जिसमें 300 से 400 लोगों को आरोपी बनाया गया है. दूसरी एफआईआर मजिस्ट्रेट नसीम अली की ओर से दर्ज कराई गई है. जिसमें बताया गया है कि एक मोटा और नाटे कद का व्यक्ति सीआरपीएफ जवानों से उलझ गया. इसके बाद उसके पक्ष में कई लोग आ गए और सीआरपीएफ जवानों पर पथराव कर दिया. इस दौरान जवान पंकज कुमार को गंभीर चोटें आई. भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े, लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया गया. इस मामले में 400 से 500 लाेगाें को आरोपित बनाया गया है.

चौथे एफआइआर में केवल तीन से चार अज्ञात आरोपी
तीसरी एफआइआर मजिस्ट्रेट ड्यूटी में तैनात ब्रजेश कुमार की ओर से कराई गई है. जिसमें 150 से 200 लोगों को आरोपी बनाया गया है. जबकि चौथी एफआईआर मजिस्ट्रेट बम प्रसाद की ओर से कराई गई है. जिसमें तीन से चार अज्ञातों को आरोपी बनाया गया है. जिसमें कहा गया है कि 16 मई की रात करीब आठ बजे मंगल चौक पर तैनात थे. इस दौरान वहां बाइक से आए नाटे और मोटे कद के व्यक्ति से सीआरपीएफ जवानों द्वारा वहां आने का कारण पूछा गया, इतने में वह उलझ गया. इसके बाद अपने तीन चार अन्य लोगों को इकट्ठा कर लिया और धमकी देते हुए थर्ड स्ट्रीट की ओर चला गया.

ये भी पढ़ें- अम्फान सुपर साइक्लोन का झारखंड पर पड़ेगा हल्का असर, छाए रहेंगे बादल

बता दें कि बीते 16 मई की रात करीब-करीब आठ बजे पूर्व पार्षद असलम के साथ सीआरपीएफ जवानों से हुए विवाद के बाद मामला बिगड़ा था. इसके बाद सीआरपीएफ जवानों पर हमला हुआ था. दूसरे दिन सुबह सात बजे दोबारा सीआरपीएफ जवानों पर पथराव हुए थे. इस दौरान स्थानीय लोगों ने महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों पर बेवजह लाठीचार्ज का आरोप लगाया था.

रात में डीआइजी सुबह कोतवाली डीएसपी ने संभाला था मामला
हिंदपीढ़ी में शनिवार और रविवार को हुए उपद्रव की दोनों घटनाओं में पुलिस और सीआरपीएफ जवानों ने स्थिति को बिगड़ने से बचा लिया. इस दौरान पुलिस-प्रशासन ने भी सूझ-बूझ का परिचय दिया. शनिवार की शाम और रविवार की सुबह पुलिस पर हुए हमले की दोनों घटनाओं में पुलिस एक्शन में रही. शनिवार की रात जब उपदव्रियों ने सीआरपीएफ जवानों पर पथराव किया, तब जवानों ने हथियार कॉक कर लिया था. उस समय डीआइजी अखिलेश कुमार झा और कोतवाली डीएसपी ने मिलकर जवानों को रोका. तब हिंदपीढ़ी में बड़ी घटना होने से बच गई. किसी तरह जिला पुलिस के जवानों ने रबर की गोली और आंसू गैस के गोले दागकर स्थिति को नियंत्रित किया. लाठीचार्ज कर सभी को खदेड़ा इसके बाद ही उपद्रवियों की भीड़ नियंत्रित हुई थी. वहीं रविवार की सुबह हुए पथराव के बीच जवानों ने हथियार कॉक कर लिया था. वे फायरिंग के एक्शन में भी आ गए थे, लेकिन भीड़ और सीआरपीएफ जवानों के बीच कोतवाली डीएसपी अजीत कुमार विमल अपने बॉडीगार्ड के साथ बीच में आए गए. हाथ का इशारा कर जवानों को रोका जिसके बाद जवान माने. इसके बावजूद जवानों ने साहस के साथ स्थिति को संभाला.

रांचीः हिंदपीढ़ी में बीते 16 मई की रात हुए बवाल के दौरान उपद्रवी सीसीटीवी कैमरे तक खोलकर ले गए थे. वो कैमरे जो प्रशासन द्वारा निगरानी के लिए लगाया गए थे. उपद्रवियों ने हिंदपीढ़ी भट्ठी चौक के पास लगे सारे कैमरे खोल कर चोरी कर ली थी, जबकि वहां ड्यूटी कर रहे सीआरपीएफ के एएसआई कनकू उरांव का सिर फोड़ दिया था. इनके अलावा जवान राकेश कुमार, कैलाश चंद, गिरिधारी लाल, रंजन कुमार, अमन कुमार सहित 6 से अधिक जवान घायल हो गए. सारी बातों का जिक्र पुलिस द्वारा किए गए प्राथमिकी में शामिल है.

चार एफआईआर दर्ज
हिंदपीढ़ी में पत्थरबाजी की घटना को लेकर अरगोड़ा थाना में पोस्टेड पीएसआई अरविंद कुमार ठाकुर ने प्राथमिकी दर्ज कराई है. जिसमें 300 से 400 लोगों को आरोपी बनाया गया है. दूसरी एफआईआर मजिस्ट्रेट नसीम अली की ओर से दर्ज कराई गई है. जिसमें बताया गया है कि एक मोटा और नाटे कद का व्यक्ति सीआरपीएफ जवानों से उलझ गया. इसके बाद उसके पक्ष में कई लोग आ गए और सीआरपीएफ जवानों पर पथराव कर दिया. इस दौरान जवान पंकज कुमार को गंभीर चोटें आई. भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े, लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया गया. इस मामले में 400 से 500 लाेगाें को आरोपित बनाया गया है.

चौथे एफआइआर में केवल तीन से चार अज्ञात आरोपी
तीसरी एफआइआर मजिस्ट्रेट ड्यूटी में तैनात ब्रजेश कुमार की ओर से कराई गई है. जिसमें 150 से 200 लोगों को आरोपी बनाया गया है. जबकि चौथी एफआईआर मजिस्ट्रेट बम प्रसाद की ओर से कराई गई है. जिसमें तीन से चार अज्ञातों को आरोपी बनाया गया है. जिसमें कहा गया है कि 16 मई की रात करीब आठ बजे मंगल चौक पर तैनात थे. इस दौरान वहां बाइक से आए नाटे और मोटे कद के व्यक्ति से सीआरपीएफ जवानों द्वारा वहां आने का कारण पूछा गया, इतने में वह उलझ गया. इसके बाद अपने तीन चार अन्य लोगों को इकट्ठा कर लिया और धमकी देते हुए थर्ड स्ट्रीट की ओर चला गया.

ये भी पढ़ें- अम्फान सुपर साइक्लोन का झारखंड पर पड़ेगा हल्का असर, छाए रहेंगे बादल

बता दें कि बीते 16 मई की रात करीब-करीब आठ बजे पूर्व पार्षद असलम के साथ सीआरपीएफ जवानों से हुए विवाद के बाद मामला बिगड़ा था. इसके बाद सीआरपीएफ जवानों पर हमला हुआ था. दूसरे दिन सुबह सात बजे दोबारा सीआरपीएफ जवानों पर पथराव हुए थे. इस दौरान स्थानीय लोगों ने महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों पर बेवजह लाठीचार्ज का आरोप लगाया था.

रात में डीआइजी सुबह कोतवाली डीएसपी ने संभाला था मामला
हिंदपीढ़ी में शनिवार और रविवार को हुए उपद्रव की दोनों घटनाओं में पुलिस और सीआरपीएफ जवानों ने स्थिति को बिगड़ने से बचा लिया. इस दौरान पुलिस-प्रशासन ने भी सूझ-बूझ का परिचय दिया. शनिवार की शाम और रविवार की सुबह पुलिस पर हुए हमले की दोनों घटनाओं में पुलिस एक्शन में रही. शनिवार की रात जब उपदव्रियों ने सीआरपीएफ जवानों पर पथराव किया, तब जवानों ने हथियार कॉक कर लिया था. उस समय डीआइजी अखिलेश कुमार झा और कोतवाली डीएसपी ने मिलकर जवानों को रोका. तब हिंदपीढ़ी में बड़ी घटना होने से बच गई. किसी तरह जिला पुलिस के जवानों ने रबर की गोली और आंसू गैस के गोले दागकर स्थिति को नियंत्रित किया. लाठीचार्ज कर सभी को खदेड़ा इसके बाद ही उपद्रवियों की भीड़ नियंत्रित हुई थी. वहीं रविवार की सुबह हुए पथराव के बीच जवानों ने हथियार कॉक कर लिया था. वे फायरिंग के एक्शन में भी आ गए थे, लेकिन भीड़ और सीआरपीएफ जवानों के बीच कोतवाली डीएसपी अजीत कुमार विमल अपने बॉडीगार्ड के साथ बीच में आए गए. हाथ का इशारा कर जवानों को रोका जिसके बाद जवान माने. इसके बावजूद जवानों ने साहस के साथ स्थिति को संभाला.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.