रांचीः रांची विश्वविद्यालय की सीनेट बैठक 3 साल बाद बुधवार को आयोजित की गई. बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 1094 करोड़ रुपये का बजट प्रारूप सदन में प्रस्तुत किया गया. बजट प्रारूप पर चर्चा के बाद सर्वसहमित से पारित कर दिया गया. अब यह प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा. हालांकि, बैठक शुरू होने से पहले आजसू छात्र संगठन की ओर से जमकर हंगामा किया गया. लेकिन इस हंगामा का असर बैठक पर नहीं पड़ा.
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रांची विश्वविद्यालय में पिछले सीनेट की बैठक 12 जुलाई 2019 को हुई थी. इसके बाद कोरोना की वजह से सीनेट की बैठक नहीं हो सकी. लगभग 3 साल बाद सीनेट की बैठक आयोजित की गई है. इस बैठक में सांसद और विधायक के साथ-साथ उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया था. लेकिन राज्य सरकार के कोई प्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं हुए.
सीनेट सदस्य याज्ञवल्क्य शुक्ल ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार के इन प्रतिनिधियों के भरोसे विश्वविद्यालय नहीं चल रही है. इसलिए इन सदस्यों को सीनेट में रखने का औचित्य ही नहीं है. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि बैठक में 1094 करोड़ रुपये के बजट को स्वीकृति दी गई है. अब यह प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि वीमेंस कॉलेज के प्राचार्य पर लगे वित्तीय अनियमितता का सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि राजभवन के निर्देश के बाद भी उनपर कार्रवाई नहीं की गई है.
बैठक में प्रमोशन के साथ साथ छात्र संघ चुनाव और विभिन्न कोर्स संचालन से संबंधित प्रस्ताव पर विचार विमर्श करने के बाद सहमति दी गई है. शिक्षकों के प्रोमोशन को लेकर भी प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसे जेपीएससी को अनुशंसा के लिए भेजे जाने पर सहमति बनी है. जनजातीय क्षेत्रीय भाषा विभाग के शिक्षकों के प्रमोशन से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही 60 वर्ष से बढ़ाकर पदाधिकारियों और कर्मचारियों की आयु सीमा 62 साल करने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने पर सहमति बनी है. रिटायरमेंट होने के बाद 3 महीने के भीतर सेवानिवृत्ति का लाभ मिले. इस प्रस्ताव पर भी चर्चा के बाद सहमति दी गई है.
बीएड में नामांकन विश्वविद्यालय अपने स्तर से करें. इस नामांकन में राज्य सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं हो. इससे संबंधित प्रस्ताव भी पारित किया गया है. नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति विश्वविद्यालय के माध्यम से हो. इस प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई है. बता दें कि वर्तमान में नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति राज्य सरकार करती है.