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Land Mafia: अल्ताफ की हत्या के लिए सुपारी किलर्स को मिलता जमीन में कमिशन, बिना एडवांस के ही मार डाला

राजधानी रांची में जमीन को लेकर रक्तरंजित कारोबार चल रहा है. आलम ऐसा है कि सुपारी किलर्स (Contract Killers) महज जमीन की बिक्री में कमिशन के लिए हत्या हो रही है. अल्ताफ की हत्या के लिए सुपारी किलर्स को जमीन में कमिशन मिलता. इसलिए उन्होंने बिना एडवांस लिए ही उसे मार डाला.

bloodshed on land trading in Ranchi
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Published : Jul 18, 2021, 10:11 PM IST

रांचीः राजधानी के डोरंडा इलाके में कीमती लेकिन विवादित जमीन पर कब्जे के लिए एक बड़ा गिरोह तैयार किया गया था. इस गिरोह को सिर्फ इसलिए तैयार किया गया था ताकि इलाके के विवादित कीमती जमीनों पर कब्जा कर उसे बेचकर मुनाफा कमाया जा सके. मोहम्मद अल्ताफ गिरोह के अपराधियों को चुनौती दे रहा था, इसीलिए दिनदहाड़े उसकी हत्या कर दी गई.

इसे भी पढ़ें- 12 अपराधियों ने मिलकर की थी जमीन कारोबारी अल्ताफ की हत्या, 10 अपराधी गिरफ्तार


मामले में 10 गिरफ्तार, कई फरार, हत्यारों को मिलना था कमिशन
रांची के हिनू में अल्ताफ की ताबड़तोड़ गोली मारने में शामिल रहे सभी दस अपराधी दबोच लिए गए हैं. इनमें गोली मारने वाले चार शूटरों के अलावा रेकी करने वाले भी शामिल हैं. अल्ताफ की हत्या की पूरी प्लानिंग डोरंडा निवासी मो. अली ने की थी. उसी ने शूटरों को हथियार भी उपलब्ध करवाया था. पूरे मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा (SSP Surendra Kumar Jha) ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस किया. उन्होंने बताया कि पकड़े गए अपराधियों को सुपारी के रूप में जमीन के कारोबार में पार्टनर बनाया गया था, उन्हें जमीन बिक्री पर कमिशन देने की डील हुई थी.

bloodshed on land trading in Ranchi
अल्ताफ हत्याकांड में गिरफ्तार अपराधी

एडवांस भी नहीं मिला, इसलिए भाग नहीं पाए अपराधी
अल्ताफ जिस जमीन पर काम कर रहा था, उसकी कीमत करोड़ों में थी. यही वजह है कि उसकी हत्या में किसी भी शूटर (Shooter) को या रेकी कराने वालों को एडवांस तक नहीं मिला. घटना को अंजाम देने के बाद अपराधियों के पास फरार होकर रांची से बाहर जाने के लिए पैसे तक नहीं थे. एक दो-अपराधी भागकर बाहर जाने की कोशिश तक की, पर वो पैसे के अभाव में बाहर नहीं जा पाए. अल्ताफ को मारने के लिए तीन अलग-अलग टीमें बनी थी.


एक टीम का काम प्लानिंग, हथियार, बाइक और स्कूटी उपलब्ध करवाना था, दूसरे का रेकी करना, जबकि तीसरी का काम स्पॉट पर हत्या कर फरार होना था. तैयारी के अनुसार 14 जुलाई को एक टीम के सदस्य अल्ताफ की घर से लेकर घटनास्थल तक की रेकी. वहीं दूसरी टीम में शामिल चार शूटरों ने आइलेक्स के पास कार में बैठे अल्ताफ पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी. इस घटना की प्लानिंग करने वाला आरोपित मो. अली अबतक फरार है. इस घटना में शकील भी संलिप्तता भी खंगाला जा रहा है. अल्ताफ की हत्या गौस नगर सहित अन्य जमीनों के विवाद में शुरू हुई वर्चस्व की वजह से ही की गई.

इसे भी पढ़ें- अल्ताफ हत्याकांड का जल्द खुलासा करेगी पुलिस, रांची में दिनदहाड़े हुई थी हत्या


12 राउंड हुई फायरिंग, अल्ताफ को लगी थी सात गोली
अल्ताफ को गोली मारने में राशिद उर्फ मारी, साहेब उर्फ दादा, शाहबाज उर्फ चोंच और सरफराज उर्फ मुग्गी शामिल है, पुलिसिया जांच में इसका खुलासा हुआ है. शूटरों ने कुल 12 राउंड फायरिंग की थी, इसमें से सात गोली अल्ताफ को लगी थी. पहली गोली साहेब खान ने मारी थी, जबकि राशिद उर्फ मारी ने शाहबाज उर्फ चोंच से पिस्टल लेकर सबसे आखिरी गोली मारी थी. उसने घटना को अंजाम देने से पहले अपने साथियों से कहा था कि वह अल्ताफ को सबसे आखिरी गोली मारेगा, ताकि वह उसे मरा हुआ देख सके.

कौन-कौन हुआ गिरफ्तार
डोरंडा दर्जी मोहल्ला निवासी राशिद अंसारी उर्फ मारी, बेलदार मोहल्ला निवासी साहेब खान उर्फ दादा उर्फ मो. तसलीम, कुम्हार टोली निवासी मो चांद उर्फ नाथू, मनीटोला निवासी मो. राज उर्फ महताब, धोबी मोहल्ला निवासी निजाद अख्तर उर्फ मुन्ना उर्फ बुलेट, राइन मोहल्ला निवासी शाहबाज कारतूस उर्फ सूखा उर्फ चोंच, रहमत कॉलोनी निवासी राशिद अंसारी उर्फ फूल, रहमत कॉलोनी निवासी सरफराज कुरैशी उर्फ मुग्गी, दर्जी मोहल्ला निवासी मो. वारिस और सैफ अली खान शामिल है.

इसे भी पढ़ें- राजधानी में होने वाली थी दिनदहाड़े हत्या, वीडियो में देखिए पुलिस ने कैसे बचाई जान


घटना में इस्तेमाल की गई पिस्टल और स्कूटी बरामद
पुलिस ने अपराधियों के पास से घटना में इस्तेमाल किए गए तीन पिस्टल, 11 खोखा, चार गोलियां, मैग्जीन, स्कूटी, बाइक सहित अन्य सामान बरामद किया है.

नरेंद्र सिंह होरा की हत्या में शामिल था राशिद
पकड़े गए अपराधियों में राशिद का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है. राशिद ने वर्ष 2018 में चावल व्यवसायी नरेंद्र सिंह होरा की लूट के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके अलावा डोरंडा थाना में पांच, जबकि सुखदेवनगर में एक मामला दर्ज है. वह हत्या, लूट, चोरी और मारपीट जैसे मामलों में शामिल रहा है. जबकि चांद के खिलाफ डोरंडा थाना में हत्या का मामला दर्ज है. राज उर्फ माहताब के खिलाफ भी डोरंडा थाने में एक मामला दर्ज है.

रांचीः राजधानी के डोरंडा इलाके में कीमती लेकिन विवादित जमीन पर कब्जे के लिए एक बड़ा गिरोह तैयार किया गया था. इस गिरोह को सिर्फ इसलिए तैयार किया गया था ताकि इलाके के विवादित कीमती जमीनों पर कब्जा कर उसे बेचकर मुनाफा कमाया जा सके. मोहम्मद अल्ताफ गिरोह के अपराधियों को चुनौती दे रहा था, इसीलिए दिनदहाड़े उसकी हत्या कर दी गई.

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मामले में 10 गिरफ्तार, कई फरार, हत्यारों को मिलना था कमिशन
रांची के हिनू में अल्ताफ की ताबड़तोड़ गोली मारने में शामिल रहे सभी दस अपराधी दबोच लिए गए हैं. इनमें गोली मारने वाले चार शूटरों के अलावा रेकी करने वाले भी शामिल हैं. अल्ताफ की हत्या की पूरी प्लानिंग डोरंडा निवासी मो. अली ने की थी. उसी ने शूटरों को हथियार भी उपलब्ध करवाया था. पूरे मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा (SSP Surendra Kumar Jha) ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस किया. उन्होंने बताया कि पकड़े गए अपराधियों को सुपारी के रूप में जमीन के कारोबार में पार्टनर बनाया गया था, उन्हें जमीन बिक्री पर कमिशन देने की डील हुई थी.

bloodshed on land trading in Ranchi
अल्ताफ हत्याकांड में गिरफ्तार अपराधी

एडवांस भी नहीं मिला, इसलिए भाग नहीं पाए अपराधी
अल्ताफ जिस जमीन पर काम कर रहा था, उसकी कीमत करोड़ों में थी. यही वजह है कि उसकी हत्या में किसी भी शूटर (Shooter) को या रेकी कराने वालों को एडवांस तक नहीं मिला. घटना को अंजाम देने के बाद अपराधियों के पास फरार होकर रांची से बाहर जाने के लिए पैसे तक नहीं थे. एक दो-अपराधी भागकर बाहर जाने की कोशिश तक की, पर वो पैसे के अभाव में बाहर नहीं जा पाए. अल्ताफ को मारने के लिए तीन अलग-अलग टीमें बनी थी.


एक टीम का काम प्लानिंग, हथियार, बाइक और स्कूटी उपलब्ध करवाना था, दूसरे का रेकी करना, जबकि तीसरी का काम स्पॉट पर हत्या कर फरार होना था. तैयारी के अनुसार 14 जुलाई को एक टीम के सदस्य अल्ताफ की घर से लेकर घटनास्थल तक की रेकी. वहीं दूसरी टीम में शामिल चार शूटरों ने आइलेक्स के पास कार में बैठे अल्ताफ पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी. इस घटना की प्लानिंग करने वाला आरोपित मो. अली अबतक फरार है. इस घटना में शकील भी संलिप्तता भी खंगाला जा रहा है. अल्ताफ की हत्या गौस नगर सहित अन्य जमीनों के विवाद में शुरू हुई वर्चस्व की वजह से ही की गई.

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12 राउंड हुई फायरिंग, अल्ताफ को लगी थी सात गोली
अल्ताफ को गोली मारने में राशिद उर्फ मारी, साहेब उर्फ दादा, शाहबाज उर्फ चोंच और सरफराज उर्फ मुग्गी शामिल है, पुलिसिया जांच में इसका खुलासा हुआ है. शूटरों ने कुल 12 राउंड फायरिंग की थी, इसमें से सात गोली अल्ताफ को लगी थी. पहली गोली साहेब खान ने मारी थी, जबकि राशिद उर्फ मारी ने शाहबाज उर्फ चोंच से पिस्टल लेकर सबसे आखिरी गोली मारी थी. उसने घटना को अंजाम देने से पहले अपने साथियों से कहा था कि वह अल्ताफ को सबसे आखिरी गोली मारेगा, ताकि वह उसे मरा हुआ देख सके.

कौन-कौन हुआ गिरफ्तार
डोरंडा दर्जी मोहल्ला निवासी राशिद अंसारी उर्फ मारी, बेलदार मोहल्ला निवासी साहेब खान उर्फ दादा उर्फ मो. तसलीम, कुम्हार टोली निवासी मो चांद उर्फ नाथू, मनीटोला निवासी मो. राज उर्फ महताब, धोबी मोहल्ला निवासी निजाद अख्तर उर्फ मुन्ना उर्फ बुलेट, राइन मोहल्ला निवासी शाहबाज कारतूस उर्फ सूखा उर्फ चोंच, रहमत कॉलोनी निवासी राशिद अंसारी उर्फ फूल, रहमत कॉलोनी निवासी सरफराज कुरैशी उर्फ मुग्गी, दर्जी मोहल्ला निवासी मो. वारिस और सैफ अली खान शामिल है.

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घटना में इस्तेमाल की गई पिस्टल और स्कूटी बरामद
पुलिस ने अपराधियों के पास से घटना में इस्तेमाल किए गए तीन पिस्टल, 11 खोखा, चार गोलियां, मैग्जीन, स्कूटी, बाइक सहित अन्य सामान बरामद किया है.

नरेंद्र सिंह होरा की हत्या में शामिल था राशिद
पकड़े गए अपराधियों में राशिद का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है. राशिद ने वर्ष 2018 में चावल व्यवसायी नरेंद्र सिंह होरा की लूट के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके अलावा डोरंडा थाना में पांच, जबकि सुखदेवनगर में एक मामला दर्ज है. वह हत्या, लूट, चोरी और मारपीट जैसे मामलों में शामिल रहा है. जबकि चांद के खिलाफ डोरंडा थाना में हत्या का मामला दर्ज है. राज उर्फ माहताब के खिलाफ भी डोरंडा थाने में एक मामला दर्ज है.

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