रांची: राज्य में खून की कमी को देखते हुए राज्य सरकार 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक रक्तदान पखवाड़ा का आयोजन कर रही है. इस पखवाड़े में पूरे राज्य से लगभग 50 हजार यूनिट ब्लड संग्रह लक्ष्य रखा गया है. जिसको लेकर राज्य के विभिन्न जिलों में ब्लड कैंप लगाया गया है. जहां लोग रक्तदान कर रहे हैं और रक्त संग्रह को बढ़ाने का काम कर रहे हैं.
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वहीं, सीआइएसएफ के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुमन कुमार ने बताया कि कोरोना काल में जिस प्रकार से प्लाज्मा और रक्त की कमी देखी जा रही है. इसको देखते हुए सीआइएसएफ के जवानों ने आगे आकर रक्त संग्रह को बढ़ाने के लिए एक बेहतर प्रयास किया है. आपातकालीन स्थिति में मरीज के लिए खून सबसे महत्वपूर्ण होता है और अगर खून की कमी ब्लड बैंकों में होगी तो निश्चित रूप से कई मरीजों की जान चली जाती है.
सीआइएसएफ के आईजी अनिल कुमार ने कहा कि रक्त संग्रह करना प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है. इससे बड़ा दान कुछ भी नहीं हो सकता. इसलिए रक्तदान महादान कहलाता है. इसी को देखते हुए सीआइएसएफ के जवान लगातार रक्तदान के लिए आगे आ रहे हैं. रांची यूनिट ही नहीं बल्कि पूरे राज्य के सीआइएसफ यूनिट की ओर से बड़े पैमाने पर रक्तदान और प्लाज्मा दान किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगाए गए इस ब्लड डोनेशन कैंप में 50 से ज्यादा जवान रक्तदान कर रहे हैं. आगे भी अगर स्वास्थ्य विभाग को रक्त की आवश्यकता होगी तो जवान बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे.
रक्तदान कर रहे सीआइएसएफ के जवान ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि देश में आई इस महामारी में रक्तदान करना प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है. उसी जिम्मेदारी के तहत सीआइएसएफ के जवान लगातार ब्लड दान कर रहे हैं. लोगों से भी अपील करते हैं कि रक्तदान कर समाज के गरीब लोगों की जान बचाने का काम करें.