रांची: सरकार के द्वारा धान क्रय केंद्र में अभी धान न खरीदने के फरमान को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने राज्य सरकार पर तीखा हमला किया है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार अपने तुगलकी फरमान और जनविरोधी फैसलों के लिए प्रसिद्ध होते जा रही है. पता ही नहीं चल रहा है कि राज्य कौन चला रहा है.
राज्य सरकार अराजकता की स्थिति से गुजर रही है. लगता है यहां तीन चार मुख्यमंत्री है. एक मुख्यमंत्री धान खरीद की व्यवस्था पर वाहवाही लूटती नजर आती है तो दूसरी तरफ वित्त मंत्री सह कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव धान की खरीद पर रोक लगाने का तुगलकी फरमान जारी कर देते हैं, जबकि कृषि मंत्री इन सबसे बेपरवाह छत्तीसगढ़ घूमने में मशगूल हैं. सरकार के ऐसे जनविरोधी निर्णय से किसान हताश और निराश है. ट्रैक्टर रैली से किसानों को दिग्भ्रमित करने वाले फर्जी किसान हितेषियों की पोल खुल चुकी है.
प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने कहा कि कोरोना काल में भी किसानों ने जी तोड़ मेहनत कर धान की भरपूर पैदावार की, जबकि किसानों को उस समय महंगे कीमतों पर खाद बीज खरीदने पड़े, लेकिन सरकार धान खरीद पर रोक लगाने से किसानों को आर्थिक संकट उत्पन्न हो गई है. झारखंड की 80% आबादी खेती किसानी पर आश्रित है, लेकिन हेमंत सरकार ने किसानों की सभी कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया. चुनाव से पूर्व किसानों के साथ की गई 2 लाख की ऋण माफी की घोषणा भी झूठी साबित हो रही है.
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उन्होंने कहा कि आज भाजपा के सभी 513 मंडलों के द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन कार्यक्रम किया गया और कार्यक्रम के माध्यम से किसान विरोधी फैसले का विरोध किया है. सरकार धान खरीद पर लिए गए फैसले को वापस नहीं लेती है तो भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता किसानों के समर्थन में राज्य भर में सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे.