रांची: बीजेपी पुरानी गलतियों से सीख लेते हुए 2024 को लक्ष्य बनाकर जनजातियों के बीच पैठ बनाने में जुटी है. गुरुवार को बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा (BJP Scheduled Tribe Morcha) के एकदिवसीय कार्यसमिति की बैठक हुई. ललगुटवा बैक्वेंट हॉल में आयोजित इस बैठक में एसटी मोर्चा से जुड़े सांसद, विधायक और पदाधिकारी शामिल हुए.
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विभिन्न सत्रों में आयोजित इस बैठक में बीजेपी एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव, सांसद सुनील सोरेन, विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, एसटी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शिवशंकर उरांव आदि ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.
जनजातियों को बीजेपी से जोड़ने का लक्ष्य
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए बीजेपी एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव ने कहा कि बीजेपी ही एक पार्टी है, जिसने जनजातियों के कल्याण के लिए कई योजनाएं बनाई हैं. केन्द्र सरकार में जनजाति कोटे के 8 मंत्री हैं. उन्होंने कहा कि बिना जनजातियों को विश्वास में लाए सत्ता हासिल नहीं हो सकती है. इसलिए 2024 की तैयारी को ध्यान में रखते हुए जनजातियों का विश्वास जीतना होगा. उन्होंने कहा कि जिस बूथ पर एक सौ जनजाति मतदाता हैं, उसे बीजेपी जनजाति बूथ घोषित कर वहां के मतदाताओं का विश्वास जीतने के लिए काम करेगी.
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2024 की तैयारी में जुटी बीजेपी
बीजेपी एसटी मोर्चा की इस एकदिवसीय कार्यसमिति में राजनीतिक प्रस्तावों के साथ-साथ संगठनात्मक मजबूती पर चर्चा की गई. 2024 को ध्यान में रखकर बीजेपी ने जनजातीय बहुल क्षेत्रों में विशेष रूप से केन्द्र की योजना की जानकारी पहुंचाने के लिए कार्य योजना बनाई. इस मौके पर दुमका सांसद सुनील सोरेन ने कहा कि जनजातियों के लिए केन्द्र सरकार ने बहुत काम किया है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने जनजातियों की उपेक्षा की है. संथाली भाषा का प्रचार प्रसार हो या सोहराई चित्रकला राज्य सरकार इसकी उपेक्षा कर रही है. उन्होंने कहा कि पार्टी इन सारे मुद्दों पर मंथन कर रही है और हम उम्मीद करते हैं कि जनजातियों का विश्वास जीतकर 2024 के लक्ष्य को जरूर पाने में सफल होंगे.