रांची: झारखंड में बूथ एप को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखते हुए शिकायत की है कि क्यू मैनेजमेंट सिस्टम (बूथ एप) को रद्द किया जाए. क्योंकि क्यू मैनेजमेंट सिस्टम (बूथ एप) की वजह से ही कई विधानसभा सीटों पर मतदान का प्रतिशत घट गया है, बीजेपी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि अभी तक बूथ एप या क्यू मैनेजमेंट सिस्टम से जहां भी मतदान किया गया है उसके बारे में मतदाताओं को कोई विशेष जानकारी नहीं है और वह इस प्रक्रिया से अनभिज्ञ है.
क्यू मैनेजमेंट सिस्टम से बनी उहापोह की स्थिति
बीजेपी ने बताया कि इस नए सिस्टम से ना सिर्फ ग्रामीण परिवेश में रहने वाले मतदाता मतदान करने से वंचित रह जाएंगे. बल्कि मतदान का प्रतिशत भी गिर जाएगा जो लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है. भारतीय जनता पार्टी ने इलेक्शन कमीशन को पत्र के माध्यम से कहा है कि अभी तक जो भी विधानसभा में क्यू मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है. वहां यह प्रक्रिया पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है. क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की वजह से ही मतदान का प्रतिशत भी गिर रहा है और इसमें प्रक्रिया को लागू करने से मतदाताओं के बीच उहापोह की स्थिति बनी हुई है.
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बूथ एप के कारण गिरा मतदान का प्रतिशत
इसे लेकर इलेक्शन कमिशन के पदाधिकारी शैलेश कुमार चौरसिया बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से एक प्रतिवेदन दिया गया है जिसमें यह शिकायत की गई है कि बूथ एप के कारण मतदान का प्रतिशत गिरा है, लेकिन उन्होंने पिछले आंकड़े को दिखाते हुए ईटीवी भारत के कैमरे के सामने यह स्पष्ट किया कि इस बार के चुनाव में सिर्फ बूथ ऐप उपयोग होने वाले विधानसभा क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि जहां पर बूथ ऐप का उपयोग नहीं किया गया है.
भाजपा का आरोप सही नहीं
वहां भी मतदान का प्रतिशत गिरा है अगर देखा जाए तो कई जगह पर जहां भूत ऐप का उपयोग किए गए हैं. वहां पर मतदान का प्रतिशत बढ़ा भी है और कई ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं जहां भूत ऐप का उपयोग नहीं किया गया है. वहां पर भी मतदान का प्रतिशत घटा है ऐसे में भाजपा की तरफ से लगाया गया आरोप कहीं से भी सही साबित नहीं होता कि बूथ ऐप की वजह से मतदान प्रतिशत घटा है. इसलिए इसमें कहीं से कोई तनाव की जरूरत नहीं है क्योंकि क्यू मैनेजमेंट सिस्टम(बूथ एप) कहीं से भी मतदान की प्रक्रिया को धीमी नहीं कर रहा है,इसीलिए चुनाव आयोग ने अगले चरणों में भी निर्वाचन आयोग की तरफ से चार विधानसभा सीटों पर बूथ ऐप का प्रयोग किया जाएगा जो निश्चित रूप से मतदान की प्रक्रिया में मतदाताओं के लिये गति लायेगी.