रांचीः झारखंड में इन दिनों सरकार को कटघरे में खड़ा करने के बजाए मुख्य विपक्षी पार्टी नसीहत दे रही है. झारखंड भाजपा के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने खुद मोर्चा संभाल रखा है. राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट किया है कि "कुछ नौकरशाह चमड़े का सिक्का चलाने की तर्ज पर आए दिन आपको अंधेरे में रख रहे हैं. हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक सरकार को हार व फजीहत का सामना करने से देश दुनिया में राज्य की बदनामी हो रही है."
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बाबूलाल मरांडी ने बैक टू बैक दूसरे ट्वीट में लिखा है कि "क्या आप ऐसे अधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई का इरादा रखते हैं, जिनकी वजह से नियम, कायदा-कानून मजाक बनकर रह गया है और कोर्ट के चक्कर में करोड़ों रुपए अकारण अपव्यय हुआ है? जिम्मेदार कौन ? "
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ऐसे कार्यों में राज्य के गरीब जनता के कल्याण का पैसा पानी की तरह बहाया गया है सो अलग।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) July 12, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
क्या आप ऐसे अधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई का इरादा रखते हैं जिनकी वजह से नियम, क़ायदा-क़ानून मज़ाक़ बनकर रह गया है और कोर्ट के चक्कर में करोड़ों रूपये अकारण अपव्यय हुआ है? ज़िम्मेदार कौन?
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क्या आप ऐसे अधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई का इरादा रखते हैं जिनकी वजह से नियम, क़ायदा-क़ानून मज़ाक़ बनकर रह गया है और कोर्ट के चक्कर में करोड़ों रूपये अकारण अपव्यय हुआ है? ज़िम्मेदार कौन?ऐसे कार्यों में राज्य के गरीब जनता के कल्याण का पैसा पानी की तरह बहाया गया है सो अलग।
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क्या आप ऐसे अधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई का इरादा रखते हैं जिनकी वजह से नियम, क़ायदा-क़ानून मज़ाक़ बनकर रह गया है और कोर्ट के चक्कर में करोड़ों रूपये अकारण अपव्यय हुआ है? ज़िम्मेदार कौन?
अब यह सोच रहे होंगे कि इस ट्वीट के माध्यम से बाबूलाल मरांडी आखिर क्या कहना चाह रहे हैं. इसका सीधा से जवाब है. 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राज्य सरकार की फजीहत हुई है. दरअसल, गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी के देवघर में जमीन खरीद मामले को गैर कानूनी बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर किया गया था. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि झारखंड हाईकोर्ट का इस मामले में पूर्व में जो फैसला आया था, वह सही था. इसलिए सांसद की पत्नी पर दर्ज एफआईआर गलत है. इससे साफ है कि राज्य सरकार को यहां के अधिकारी अंधेरे में रखकर अपनी रोटी सेंक रहे हैं.
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सत्यमेव जयते
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) July 12, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
आज भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने यह कहा कि राज्य सरकार जानबूझकर मुझे मेरी पत्नी व परिवार को तंग व परेशान करने के लिए झूठे केस में फँसाकर बदनाम कर रही है @HemantSorenJMM @yourBabulal @itssuniltiwari @dprakashbjp @idharampalsingh @DCDeoghar pic.twitter.com/WNYLNPHSI7
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— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) July 12, 2021
आज भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने यह कहा कि राज्य सरकार जानबूझकर मुझे मेरी पत्नी व परिवार को तंग व परेशान करने के लिए झूठे केस में फँसाकर बदनाम कर रही है @HemantSorenJMM @yourBabulal @itssuniltiwari @dprakashbjp @idharampalsingh @DCDeoghar pic.twitter.com/WNYLNPHSI7सत्यमेव जयते
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आज भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने यह कहा कि राज्य सरकार जानबूझकर मुझे मेरी पत्नी व परिवार को तंग व परेशान करने के लिए झूठे केस में फँसाकर बदनाम कर रही है @HemantSorenJMM @yourBabulal @itssuniltiwari @dprakashbjp @idharampalsingh @DCDeoghar pic.twitter.com/WNYLNPHSI7
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट किया था कि राज्य सरकार जानबूझकर उन्हें और उनकी पत्नी व परिवार को परेशान करने के लिए झूठे केस में फंसाकर बदनाम कर रही है. उन्होंने एक ट्वीट के जरिए अधिकारियों को भी चेताया था कि सरकार के सभी शुभचिंतक पदाधिकारियों के लिए यह सबक है.