रांची: प्रदेश में विपक्षी बीजेपी ने राज्य सरकार पर तुष्टिकरण की नीति अपनाने का आरोप लगाया है. इस बाबत बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और पार्टी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने संयुक्त रूप से मंगलवार को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र ईमेल किया है. जिसमें दोनों नेताओं ने साफ कहा कि राज्य की हेमंत सोरेन सरकार के असंवैधानिक और तुष्टिकरण से भरे निर्णय ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर किया है. वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के गरीबों मजदूरों को भी आहत किया है. दोनों नेताओं ने कहा कि जमशेदपुर में जिस तरह से एक फल विक्रेता को परेशान किया गया उस मामले की जांच होनी चाहिए.
दोनों नेताओं ने कहा कि फल विक्रेता अपनी जान-माल की सुरक्षा हेतु गुहार लगा रहा है. वहीं दूसरे नेता सुरक्षा गार्ड लेकर घूम रहे हैं, वही गुमला में भीड़ द्वारा आदिवासी परिवार पर हमले की भी चर्चा की है. उन्होंने कहा कि इस मामले में आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. बल्कि पुलिस अधीक्षक को गुमला से दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया. वहीं, लोहरदगा में सीएए के समर्थन में हुई रैली पर हुए हमले के बाद वहां स्पेशल ब्रांच के एक डीएसपी का ट्रांसफर कर दिया गया. पिछले दिनों देवघर में एक संदिग्ध बांग्लादेशी भी पकड़ा गया लेकिन राज्य सरकार ने इस खबर को छिपाने की कोशिश की.
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इतना ही नहीं अल्पसंख्यक समुदाय विशेष के विभिन्न धार्मिक स्थलों से पकड़े गए विदेशियों की गिरफ्तारी या उन्हें क्वॉरेंटाइन करने के मामले में भी राज्य सरकार के निर्णय भेदभावपूर्ण आधारित रहे. दोनों नेताओं ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि राज्य सरकार के भेदभाव पूर्ण और तुष्टिकरण के नियमों से बचने का निर्देश देने की कृपा की जाए. इसके साथ ही शीर्ष पुलिस पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई का निर्देश दिया जाए जिन्होंने जमशेदपुर के फलवाले पर एफआईआर करने का निर्देश दिया है.