रांची: झारखंड से बाहर हैदराबाद में फंसे मजदूरों को स्पेशल ट्रेन से वापस लाने की पहल पर बीजेपी ने केंद्र सरकार को बधाई दी है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा यह एक सकारात्मक पहल है और केंद्र सरकार ने राज्य के मजदूरों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि 12 सौ से ज्यादा प्रवासी झारखंड वापस आ रहे हैं. यह एक खुशी की बात है.
रघुवर दास ने कहा कि इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह और रेल मंत्री पीयूष गोयल धन्यवाद के पात्र हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केवल मीडिया में बयानबाजी कर रही है. बाहर फंसे लोगों को लाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. पूर्व सीएम ने कहा कि झारखंड सरकार ने केंद्र से प्रवासी लोगों को लाने की अनुमति देने की मांग की थी, जब केंद्र ने अनुमति प्रदान कर दी तो राज्य सरकार तरह-तरह के बहाने बना रही है.
बंगाल से भी लाए गए मजदूर
वहीं, झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि साहिबगंज के कई मजदूर बंगाल में फंसे हुए थे. उन्हें भी वापस लाया गया. उन्होंने कहा कि अब यह सिलसिला शुरू हो चुका है. मजदूरों को वापस लाने की प्रक्रिया में केंद्र सरकार के सहयोग के लिए धन्यवाद देना चाहेंगे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुद देर रात तक जगकर पूरी व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता ने कहा कि बाहर फंसे लोगों को वापस लाने की व्यवस्था मुकम्मल की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस काम में सरकार सभी के सहयोग की उम्मीद करती है.
एक बड़ी चुनौती है आगे
उन्होंने कहा कि यह एक बहुत बड़ी चुनौती है. हालांकि, अन्य राज्यों से तुलना करें तो झारखंड में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या कम है. उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार के उठाए गए एहतियात के नतीजे है कि राज्य में अभी स्थितियां ठीक है. उन्होंने कहा कि इस बाबत जो भी चुनौतियां आएंगी उनका सामना किया जाएगा.
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प्रशासनिक स्तर पर हो रही है बैठक
दरअसल, आंध्र प्रदेश समेत तेलंगाना में फंसे लगभग 1200 मजदूरों को विशेष ट्रेन से झारखंड भेजा गया है. शुक्रवार की सुबह 5 बजे वहां से रवाना हुई ट्रेन रांची के हटिया स्टेशन पर रात 10:30 बजे पहुंचने की संभावना है. इसको लेकर राज्य सरकार ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. मुख्य सचिव सुखदेव सिंह इस बाबत अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के मार्फत बैठक कर रहे हैं. आधिकारिक सूत्रों की माने तो जैसे यह ट्रेन हटिया स्टेशन पहुंचेगी उससे उतरने वाले हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जाएगी और उसके बाद उन्हें क्वॉरेंटाइन किया जाएगा. आधिकारिक सूत्रों की माने तो संदिग्ध मजदूरों की जांच होगी और सबको क्वॉरेंटाइन किया जाएगा.