रांची: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और निर्दलीय विधायक सरयू राय के बीच पद के दुरुपयोग को लेकर छिड़ी जुबानी जंग अब कानूनी रूप ले चुकी है. पद का दुरुपयोग कर कोविड प्रोत्साहन राशि निकासी के आरोप के खिलाफ मंत्री बन्ना गुप्ता ने सरयू राय को लीगल नोटिस भेजा है. सरयू राय ने स्वीकार किया है कि 18 अप्रैल को दोपहर 2:00 बजे के करीब उनके कार्यालय को ईमेल के जरिए नोटिस मिला है. जवाब देने के लिए 21 अप्रैल तक का समय दिया गया है.
सरयू राय ने कहा है कि नोटिस इस लायक नहीं है कि इसका जवाब दिया जाए. नोटिस की मियाद खत्म होते ही मंत्री जी मुझ पर मुकदमा करने का साहस करें. मैं इसकी प्रतीक्षा करूंगा. इससे पहले 19 अप्रैल को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि वह इस मामले को कोर्ट में लेकर जाएंगे. हालांकि उन्होंने इस दौरान सरयू राय का एक बार भी नाम नहीं लिया था. दरअसल सरयू राय ने सीएम को पत्र लिखकर दावा किया था कि मंत्री बन्ना गुप्ता ने पद का दुरूपयोग कर अपात्र स्वास्थ्यकर्मियों के नाम कोविड प्रोत्साहन राशि जारी करने का आदेश दिया है. उनके कहने पर 60 में से 54 कर्मियों के खाते में प्रोत्साहन राशि जा चुकी है. लिहाजा, मंत्री को बर्खास्त कर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
इधर, ओबीसी समाज के लोगों ने राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर सरयू राय का पुतला दहन कर आरोप लगाया कि वह एक साजिश के तहत ओबीसी समाज के नेता को टारगेट कर रहे हैं. इस दौरान समाज के लोगों ने सरयू के खिलाफ नारे भी लगाए. ओबीसी समाज के अजय मंडल ने कहा कि आज बन्ना गुप्ता पिछड़े समाज का प्रतिनिधित्व कर झारखंड सरकार में मंत्री के पद पर आसीन हैं. यह बात सरयू राय को हजम नहीं हो रही है. लिहाजा वह जानबूझकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. समाज की ओर से चेतावनी दी गई कि अगर सरयू राय आए अपनी बयानबाजी से बाज नहीं आएंगे तो उनके खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा.