रांची: भूमि वापसी की सुनवाई और निष्पादन के लिए पीठासीन पदाधिकारी के रूप में चंपई सोरेन को प्राधिकृत करने के निर्णय को मांडर विधायक बंधु तिर्की ने एक ऐतिहासिक कदम बताया है. उन्होंने इस फैसले का गुरुवार को स्वागत करते हुए कहा है कि झारखंड के जनता के प्रति सरकार की संवेदनशीलता का यह एक बड़ा उदाहरण है.
उन्होंने कहा कि चंपई सोरेन आंदोलनकारी जमीन से जुड़े एक संघर्षशील नेता हैं. राज्य की जनता को निश्चित रूप से न्याय मिलेगा. इसके साथ ही कहा कि 25 एकड़ सरकारी जमीन घोटाले की एसीबी जांच का आदेश राज्य में सक्रिय हो रहे माफियाओं के लिए एक बड़ा संदेश है. इससे साफ हो गया है कि सरकार ऐसी गतिविधियों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. भूमि विवाद के समाधान के लिए इन निर्णयों से राज्य की जनता का सरकार पर भरोसा बढ़ा है. उन्होंने आग्रह किया है कि राज्य के अन्य शहरों में चल रही इस प्रकार की गतिविधियों पर अंकुश लगाने पर कड़ी पहल की जाए.
इसके साथ ही उन्होंने रांची के अनगड़ा प्रखंड में रांची पुरुलिया मार्ग पर और इसी प्रखंड के अन्य इलाकों पर सरकारी और आदिवासी जमीन की अवैध खरीद बिक्री में कई गिरोह के सक्रिय होने की बात कही है और इसकी जांच की मांग की है. इसके साथ ही कहा है कि रांची शहर में लीज या पट्टे पर व्यवसायिक कार्य के लिए लिए गए जमीन की वर्तमान अपडेट रिपोर्ट उपायुक्त द्वारा मांगी जानी चाहिए. उन्होंने कहा है कि लगातार शिकायतें आ रही हैं कि व्यवसाय के लिए लीज या पट्टे पर लिए गए जमीन पर धोखाधड़ी से लीज धारियों ने मूल मालिकों को जमीन से बेदखल कर दिया है. इन्हें सत्यापित किए जाने की जरूरत है.
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विधायक बंधु तिर्की ने यह भी मांग की है कि राज्य के शहरों के निकटवर्ती अंचलों की सरकारी गैरमजरूआ जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त की जांच के लिए संबंधित जिलों के उपायुक्तों को जांच के निर्देश दिए जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि शिक्षा, श्रम, कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा और उन पर मुख्यमंत्री के फैसले और निर्देशों का राज्य पर दूरगामी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.