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बाबूलाल मरांडी ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र, कहा- ईंट भट्ठों को संचालन करने के की दें अनुमति - पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य के मुख्य सचिव को प्रदेश के अंतर्गत ईंट भट्ठों के संचालन की अनुमति देने के लिए एक पत्र भेजा है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से ईंट भट्ठों में काम करने वाले लोग भुखमरी की स्थिति का सामना कर रहे हैं.

Babulal Marandi wrote a letter to the Chief Secretary
बाबूलाल मरांडी
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Published : Apr 11, 2020, 8:24 PM IST

रांची: बीजेपी के विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य के मुख्य सचिव को प्रदेश के अंतर्गत ईंट भट्ठों के संचालन की अनुमति देने के लिए एक पत्र भेजा है. मरांडी ने शनिवार को कहा है कि राज्य में लगभग 2000 ईंट भट्ठों का संचालन कोरोना की वजह से बंद हो गया है. ऐसी स्थिति में वहां काम करने वाले हजारों मजदूर और स्थानीय कृषि मजदूर संकट झेल रहे हैं.

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से ईंट भट्ठों में काम करने वाले लोग भुखमरी की स्थिति का सामना कर रहे हैं. यहां तक कि बड़ी संख्या में वहां से मजदूर सीमावर्ती राज्यों में पलायन करने को मजबूर हो गए. उन्होंने कहा कि उन ईंट भट्ठों में ईंट का निर्माण बरसात से पहले दो ढाई महीने तक के संभव है. इसके साथ ही राज्य में गृह निर्माण, सरकारी भवन के निर्माण और अन्य कई महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए बड़ी मात्रा में ईंटों की जरूरत है. पिछले 20 दिनों से ईंट भट्ठों का संचालन नहीं होने से निर्माण कार्य रुक गया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में झारखंड प्रदेश ईंट निर्माता संघ ने एक आवेदन भी सरकार को भेजा है.

ये भी पढे़ं: कोरोना इफेक्ट: चाईबासा मंडल कारा से 100 बंदियों को किया गया शिफ्ट, भेजा गया रांची होटवार जेल

बिहार में मिली है अनुमति

उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य बिहार और उत्तर प्रदेश में मुख्य सचिव स्तरीय बैठक में कुछ शर्तों के साथ भट्ठों को चालू करने का निर्देश दिया गया है. इसी के आधार पर कुछ नियम और शर्तों के साथ मजदूरों के हित में भट्ठों के संचालन के लिए सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंस, कार्यस्थल पशुपालन स्वास्थ्य सुविधाओं का ख्याल रखना और चीजों की उपलब्धता की शर्तों के साथ वहां काम करने की इजाजत दी जाए.

रांची: बीजेपी के विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य के मुख्य सचिव को प्रदेश के अंतर्गत ईंट भट्ठों के संचालन की अनुमति देने के लिए एक पत्र भेजा है. मरांडी ने शनिवार को कहा है कि राज्य में लगभग 2000 ईंट भट्ठों का संचालन कोरोना की वजह से बंद हो गया है. ऐसी स्थिति में वहां काम करने वाले हजारों मजदूर और स्थानीय कृषि मजदूर संकट झेल रहे हैं.

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से ईंट भट्ठों में काम करने वाले लोग भुखमरी की स्थिति का सामना कर रहे हैं. यहां तक कि बड़ी संख्या में वहां से मजदूर सीमावर्ती राज्यों में पलायन करने को मजबूर हो गए. उन्होंने कहा कि उन ईंट भट्ठों में ईंट का निर्माण बरसात से पहले दो ढाई महीने तक के संभव है. इसके साथ ही राज्य में गृह निर्माण, सरकारी भवन के निर्माण और अन्य कई महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए बड़ी मात्रा में ईंटों की जरूरत है. पिछले 20 दिनों से ईंट भट्ठों का संचालन नहीं होने से निर्माण कार्य रुक गया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में झारखंड प्रदेश ईंट निर्माता संघ ने एक आवेदन भी सरकार को भेजा है.

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बिहार में मिली है अनुमति

उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य बिहार और उत्तर प्रदेश में मुख्य सचिव स्तरीय बैठक में कुछ शर्तों के साथ भट्ठों को चालू करने का निर्देश दिया गया है. इसी के आधार पर कुछ नियम और शर्तों के साथ मजदूरों के हित में भट्ठों के संचालन के लिए सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंस, कार्यस्थल पशुपालन स्वास्थ्य सुविधाओं का ख्याल रखना और चीजों की उपलब्धता की शर्तों के साथ वहां काम करने की इजाजत दी जाए.

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