रांची: झारखंड सरकार ने केंद्र प्रायोजित योजना के तहत वामपंथ उग्रवाद प्रभावित इलाकों में कौशल विकास के लिए आइटीआई खोलने का निर्णय लिया है. सरकार के निर्णय के अनुसार रांची, खूंटी, रामगढ़, सिमडेगा, दुमका और गिरिडीह में एक-एक आइटीआई खोले जाएंगे. जिसके तहत 34.42 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इस बाबत स्टेट कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में निर्णय लिया गया.
कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि आइटीआई के एक यूनिट निर्माण की लागत 5.74 करोड़ है. जिसके तहत एक अकादमिक भवन और एक सौ शैय्या वाला छात्रावास बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत केंद्र के मद में 20.65 करोड़ों रुपए और राज्य से 13.77 करोड रुपए खर्च होंगे.
पलामू में केंद्रीय विद्यालय के लिए दी जमीन
साथ ही राज्य सरकार ने पलामू जिले में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए 10 एकड़ जमीन देने का फैसला किया है. कैबिनेट सचिव ने बताया कि बैठक में कुल 15 प्रस्तावों पर निर्णय लिया गया है. जिनमें जल छाजन की एक योजना को 2 साल एक्सटेंशन दिया गया है. दरअसल, आईआरडीएफ 21 के तहत फरवरी 2016 से शुरू होने वाली योजना 2018 में शुरू हुई इस वजह से महज 26% काम हो पाया है.
जलछाजन योजना के लिए नाबार्ड से लिया जायेगा ऋण
वहीं राज्य सरकार ने जल छाजन के दूसरी योजना आईआरडीएफ 25 के तहत 229.23 करोड़ रुपए का ऋण नाबार्ड से लेने का निर्णय लिया है. 2025 तक पूरी होने वाली इस योजना की लागत 300 करोड़ रुपए है. वहीं कोविड-19 के लिए चलाए जा रहे कार्यों के मद्देनजर केंद्र सरकार के निर्देश पर झारखंड सरकार से कंटीन्जेसी फंड से 100 करोड़ रुपये की अग्रिम निकासी पर भी सहमति बनी है.
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इसके अलावा स्टेट केबिनेट में 2020-21 के बजट प्राक्कलन और इकोनामिक सर्वे को घटनोत्तर स्वीकृति दी. साथ ही राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार अप्रैल, 2020 से जून 2020 तक 5 किलो चावल प्रति लाभुक देने के मद में 84.09 करोड रुपए खर्च करने का फैसला किया है.