रांची: देश के तीसरे रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में एक भी स्थायी फैकल्टी, टेक्नीशियन और न ही कर्मचारी हैं. सिर्फ रजिस्ट्रार और वीसी इस विश्वविद्यालय में स्थाई पदाधिकारी हैं. इसके अलावा गठन के बाद से किसी भी शिक्षकेतर कर्मचारी या शिक्षकों का स्थाई रूप से नियुक्ति इस विश्वविद्यालय में नहीं हुआ है. मामले को लेकर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार कर्नल राजेश ने राज्य सरकार को पत्र लिखा है. इसके साथ ही इस समस्या को दूर करने के लिए फिलहाल अनुबंध पर 70 वैकेंसी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से निकाली गई है ताकि पठन-पाठन इस सेशन में सुचारू तरीके से करवाई जा सके.
झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय का स्थापना 3 अक्टूबर 2016 को हुआ था, लेकिन तब से लेकर आज तक इस विश्वविद्यालय में स्थायी रूप से न तो शिक्षक है और न ही कोई कर्मचारी. इसे लेकर रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय प्रबंधक ने राज्य सरकार को पत्र भी लिखा है और जल्द से जल्द इस विश्वविद्यालय को सुचारू तरीके से चलाने को लेकर स्थायी नियुक्ति करने की मांग की गई है. बता दें कि इस सेशन में फिलहाल विश्वविद्यालय अपने स्तर पर अनुबंध पर शिक्षक और कर्मचारियों की बहाली करने जा रही है. इसे लेकर 70 पद के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से वैकेंसी निकाली गई है.
विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार कर्नल राजेश ने जानकारी देते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय में कुलपति के अलावे रजिस्ट्रार का पद ही स्थायी है. इसके अलावा इस विश्वविद्यालय में न तो परमानेंट फैकल्टी है और न ही कर्मचारी. इसके बावजूद यह विश्वविद्यालय निरंतर बेहतर कर रहा है, लेकिन इस ओर सरकार को ध्यान देना होगा नहीं तो आने वाले समय में विश्वविद्यालय का जो उद्देश्य है उसे पूरा करना संभव नहीं हो पाएगा.
अनुबंध पर भरे जा रहे पद
फिलहाल, इस परेशानी को दूर करने के लिए विश्वविद्यालय अपने स्तर से 70 वैकेंसी जारी किया है, जिसमें 20 विषयों के लिए शिक्षकों की नियुक्ति करनी है. वहीं, अन्य पदों में लैब असिस्टेंट, टेक्नीशियन, शिक्षकेतर कर्मचारी और अन्य कर्मचारी शामिल हैं. 9 सितंबर को आवेदन करने की अंतिम तिथि है. वहीं, 12 से 13 सितंबर को साक्षात्कार के जरिए शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों का चयन किया जाना है.
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कई महत्वपूर्ण कोर्स किए जाते हैं संचालित
गौरतलब है कि इस विश्वविद्यालय में एमए-एमएससी इन क्रिमिनोलॉजी, पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी, बीएससी ऑनर्स इन कंप्यूटर एप्लीकेशन एंड साइबर सिक्योरिटी, बीएससी ऑनर्स इन फॉरेंसिक साइंस, डिप्लोमा इन पुलिस साइंस के आलावा कई महत्वपूर्ण कोर्स करवाए जाते हैं. ऐसे में स्थायी शिक्षकों का न होना यह विश्वविद्यालय के लिए दुर्भाग्य ही है.
बड़े ही उम्मीद के साथ हुआ था गठन
यह देश का तीसरा रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय है और इस विश्वविद्यालय को बड़े ही उम्मीद के साथ इस राज्य में खोला गया था. समय रहते अगर इन परेशानियों को दूर नहीं किया जाता तो विश्वविद्यालय बेहतर करने में सक्षम नहीं होगा. इस और जल्द से जल्द सरकार को ध्यान देना होगा.