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कृषि सचिव ने गिनवाई विभाग की उपलब्धियां, कहा- जरूरत पड़ने पर कुछ क्षेत्रों को किया जाएगा सुखाड़ घोषित

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Published : Aug 19, 2019, 8:15 PM IST

राजधानी में किसानों को उन्नत खेती कराने के लिए झारखंड सरकार मिट्टी की जांच कराएगी. यह जांच पहले पीपीपी मोड में की जाती थी, लेकिन अब मिट्टी की जांच गांव की महिलाएं स्वयं सहायता सखी मंडल को ट्रेनिंग देकर करवाएगी और इन्हें मिट्टी का डॉक्टर के रूप में भी प्रतिष्ठित किया जाएगा. इस दौरान उन्होंने साढ़े चार वर्ष पूरे होने पर विभाग की उपलब्धियों को भी गिनवाया.

प्रेस कॉन्फ्रेंस

रांची: जिले में राज्य सरकार और विभाग का साढ़े 4 वर्ष पूरे होने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया. जहां कृषि सचिव ने विभागीय उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी दी और किसानों को उन्नत खेती कराने के लिए मिट्टी की जांच करवाने को कहा. वहीं जरूरत पड़ने पर कुछ क्षेत्रों को सुखाड़ भी घोषित किया जा सकता है.

देखें पूरी खबर

जानकारी के अनुसार बताया गया कि राज्य की आवश्यकता को देखते हुए और किसानों के डोर स्टेप पर निशुल्क मृदा विश्लेषण की सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार के द्वारा वर्ष 2017-18 में 1864 मिनी लैब बनाए गए हैं. साथ ही मिनी लैब का 2 हजार 600 अतिरिक्त रिफिल उपलब्ध कराया गया था.


कृषि सचिव ने गिनवाई विभाग की उपलब्धियां
राज्य सरकार और विभाग का साढ़े 4 वर्ष पूरे होने पर कृषि सचिव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में योजना और कार्यों की जानकारी दे रही थी. इस दौरान उन्होंने विभागीय उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी दी. मौके पर उन्होंने कहा कि मिट्टी की गुणवत्ता का अध्ययन करके एक अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड द्वारा रासायनिक जैविक जीवाणु खाद्य और मृदा सुधारको जैसे डोलोमाइट्स, संतुलित प्रयोग के लिए अनुशंसा की जाती है. मिट्टी की इस जांच प्रक्रिया से नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, गंधक, सूक्ष्म पोषक तत्व जस्ता, बोरान, लोहा, तांबा और मैगजीन का पता लगाया जाता है. इन कमियों को दूर कर अच्छी खेती कर बढ़िया पैदावार किया जा सकता है. इस दिशा में कृषि विभाग लगातार प्रयासरत है.

मिनी लैब का सुचारू रूप से किया जाएगा संचालन
वहीं, मिनी लैब को सुचारू रूप से चलाने के लिए राज्य के दो दो महिला ग्रुप को प्रशिक्षण देकर आर्य मित्र के रूप में तैयार किया जाएगा. महिलाओं को मिट्टी के डॉक्टर के रूप में जाना जाएगा. राज्य में अब तक 1864 मिनी लैब बनाए जा चुके हैं और 14 करोड़ 20 लाख की लागत से 1348 मिनी लैब बनाए जाने हैं. वहीं 350 महिलाओं को मिट्टी के डॉक्टर का पहचान पत्र दिया जाएगा. इसके बाद 50 हजार किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड वितरण किया जाएगा.

लैब संचालकों के लिए मृदा नमूना
मिनी लैब संचालकों के लिए मृदा नमूना संग्रह पर 40 रुपये प्रति नमूना दिया जाएगा. वहीं किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड की छपाई के लिए प्रतिकार्ड 50 रुपये दिए जाएंगे. इन सब के लिए 50 रुपए प्रति नमूना प्रोत्साहन राशि भी दिया जाएगा.

कृषि सचिव पूजा सिंघल ने इस दौरान कहा कि अभी ठीक-ठाक बारिश हो रही. हालांकि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष कम बारिश हुई है यह एक चिंता का विषय है समय आने पर जरूरत पड़े तो कुछ क्षेत्रों को सुखाड़ भी घोषित किया जा सकता है.

रांची: जिले में राज्य सरकार और विभाग का साढ़े 4 वर्ष पूरे होने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया. जहां कृषि सचिव ने विभागीय उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी दी और किसानों को उन्नत खेती कराने के लिए मिट्टी की जांच करवाने को कहा. वहीं जरूरत पड़ने पर कुछ क्षेत्रों को सुखाड़ भी घोषित किया जा सकता है.

देखें पूरी खबर

जानकारी के अनुसार बताया गया कि राज्य की आवश्यकता को देखते हुए और किसानों के डोर स्टेप पर निशुल्क मृदा विश्लेषण की सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार के द्वारा वर्ष 2017-18 में 1864 मिनी लैब बनाए गए हैं. साथ ही मिनी लैब का 2 हजार 600 अतिरिक्त रिफिल उपलब्ध कराया गया था.


कृषि सचिव ने गिनवाई विभाग की उपलब्धियां
राज्य सरकार और विभाग का साढ़े 4 वर्ष पूरे होने पर कृषि सचिव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में योजना और कार्यों की जानकारी दे रही थी. इस दौरान उन्होंने विभागीय उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी दी. मौके पर उन्होंने कहा कि मिट्टी की गुणवत्ता का अध्ययन करके एक अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड द्वारा रासायनिक जैविक जीवाणु खाद्य और मृदा सुधारको जैसे डोलोमाइट्स, संतुलित प्रयोग के लिए अनुशंसा की जाती है. मिट्टी की इस जांच प्रक्रिया से नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, गंधक, सूक्ष्म पोषक तत्व जस्ता, बोरान, लोहा, तांबा और मैगजीन का पता लगाया जाता है. इन कमियों को दूर कर अच्छी खेती कर बढ़िया पैदावार किया जा सकता है. इस दिशा में कृषि विभाग लगातार प्रयासरत है.

मिनी लैब का सुचारू रूप से किया जाएगा संचालन
वहीं, मिनी लैब को सुचारू रूप से चलाने के लिए राज्य के दो दो महिला ग्रुप को प्रशिक्षण देकर आर्य मित्र के रूप में तैयार किया जाएगा. महिलाओं को मिट्टी के डॉक्टर के रूप में जाना जाएगा. राज्य में अब तक 1864 मिनी लैब बनाए जा चुके हैं और 14 करोड़ 20 लाख की लागत से 1348 मिनी लैब बनाए जाने हैं. वहीं 350 महिलाओं को मिट्टी के डॉक्टर का पहचान पत्र दिया जाएगा. इसके बाद 50 हजार किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड वितरण किया जाएगा.

लैब संचालकों के लिए मृदा नमूना
मिनी लैब संचालकों के लिए मृदा नमूना संग्रह पर 40 रुपये प्रति नमूना दिया जाएगा. वहीं किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड की छपाई के लिए प्रतिकार्ड 50 रुपये दिए जाएंगे. इन सब के लिए 50 रुपए प्रति नमूना प्रोत्साहन राशि भी दिया जाएगा.

कृषि सचिव पूजा सिंघल ने इस दौरान कहा कि अभी ठीक-ठाक बारिश हो रही. हालांकि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष कम बारिश हुई है यह एक चिंता का विषय है समय आने पर जरूरत पड़े तो कुछ क्षेत्रों को सुखाड़ भी घोषित किया जा सकता है.

Intro:रांची। किसानों को उन्नत खेती कराने के लिए झारखंड सरकार मिट्टी की जांच कराएगी यह जांच पहले पीपीपी मोड में की जाती थी. लेकिन अब मिट्टी की जांच गांव की महिलाएं स्वयं सहायता सखी मंडल को ट्रेनिंग देकर करवाएगी और इन्हें मिट्टी का डॉक्टर के रूप में भी प्रतिष्ठित किया जाएगा. यह बातें कृषि सचिव पूजा सिंघल ने सूचना भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान कही .इस दौरान उन्होंने साढ़े चार वर्ष पूरे होने पर विभाग की उपलब्धियों को भी गिनवाया. हालांकि इस दौरान कम बारिश होने की वजह से कृषि सचिव थोड़ी चिंतित भी दिखी .हालांकि उन्होंने कहा है कि अभी समय है जैसा होगा कृषि विभाग सुखाड़ को लेकर निर्णय लेगी.


Body:राज्य की आवश्यकता को देखते हुए और किसानों के डोर स्टेप पर निशुल्क मृदा विश्लेषण की सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार के द्वारा अपने स्रोत से वित्तीय वर्ष 2017 -18 में 1864 मिनी लैब बनाए गए हैं .साथ ही मिनी लैब का 2 हजार 600 अतिरिक्त रिफिल उपलब्ध कराया गया था. मिनी लैब को सुचारू रूप से चलाने के लिए मिनी लैब संचालकों के लिए मृदा नमूना संग्रह पर 40 रुपये प्रति नमूना दिया जाएगा. वहीं किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड की छपाई के लिए प्रतिकार्ड 50 रुपये दिए जाएंगे .इन सब के लिए 50 रुपए प्रति नमूना प्रोत्साहन राशि भी दिया जाएगा . राज्य सरकार और विभाग का साढ़े चार 4 वर्ष पूरे होने पर कृषि सचिव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किए गए योजना और कार्यों की जानकारी दे रही थी .इस दौरान उन्होंने विभागीय उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी दी .मौके पर उन्होंने कहा कि मिट्टी की गुणवत्ता का अध्ययन करके एक अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड द्वारा फसल बार रासायनिक जैविक जीवाणु खाद्य और मृदा सुधारको जैसे डोलोमाइट्स, संतुलित प्रयोग के लिए अनुशंसा की जाती है. मिट्टी की इस जांच प्रक्रिया से नाइट्रोजन, फॉस्फोरस ,पोटेशियम ,गंधक, सूक्ष्म पोषक तत्व जस्ता ,बोरान, लोहा, तांबा और मैगजीन का पता लगाया जाता है. इन कमियों को दूर कर अच्छी खेती कर बढ़िया पैदावार किया जा सकता है .इस दिशा में कृषि विभाग लगातार प्रयासरत है . वहीं मिनी लैब को सुचारू रूप से चलाने के लिए राज्य के दो दो महिला ग्रुप को प्रशिक्षण देकर आर्य मित्र के रूप में तैयार किया जाएगा .इन्ही महिलाओं को मिट्टी के डॉक्टर के रूप में जाना जाएगा .राज्य में अब तक 1864 मिनी लैब बनाए जा चुके हैं. और 14 करोड़ 20 लाख की लागत से 1348 मिनी लैब बनाए जाने हैं .वहीं 350 महिलाओं को मिट्टी के डॉक्टर का पहचान पत्र दिया जाएगा. इसके बाद 50 हजार किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड वितरण किया जाएगा.


Conclusion:कृषि सचिव पूजा सिंघल ने इस दौरान कहा कि अभी ठीक-ठाक बारिश हो रही है हालांकि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष कम बारिश हुई है यह एक चिंता का विषय है समय आने पर जरूरत अगर पड़े तो कुछ क्षेत्रों को सुखाड़ भी घोषित किया जा सकता है. बाइट- पूजा सिंघल ,कृषि सचिव ,झारखंड सरकार.
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