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JSSC: जानिए, स्टूडेंट्स की जेब पर जेएसएससी किस तरह डाल रहा डाका?

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Published : Nov 22, 2021, 5:03 PM IST

Updated : Nov 22, 2021, 6:38 PM IST

झारखंड में परीक्षा स्थगित करने के बाद भी जेएसएससी ने स्टूडेंट्स के पैसे नहीं लौटाए हैं. आयोग ने भारी-भरकम राशि तो ले ली, मगर विज्ञापन रद्द होने के बाद इसे छात्रों को लौटाना ही भूल गयी.

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जेएसएससी में स्टूडेंट्स

रांचीः एक तरफ झारखंड सरकार बेरोजगारों को भत्ता देने की बात करती है दूसरी तरफ बेरोजगारों की जेब से ही पैसे निकाल रही है. पिछले दिनों जेएसएससी ने परीक्षाओं को स्थगित कर दिया. जिसके लिए बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया था. परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्रों से आयोग ने पोस्टल आर्डर, डिमांड ड्राफ्ट और ऑनलाइन पेमेंट के जरिए भारी भरकम राशि तो ले ली मगर विज्ञापन रद्द होने के बाद इसे छात्रों को लौटाना ही भूल गयी.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में कई प्रतियोगी परीक्षाएं होगी ऑनलाइन, तैयारी में जुटा JSSC

लाखों छात्रों का पैसा डकार गयी जेएसएससी
झारखंड राज्य अंतर्गत काराओं में वाहन चालक की भर्ती के लिए प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करने के लिए आयोग की ओर से 2018 में विज्ञापन निकाला गया था. जिसमें करीब 42 हजार छात्रों ने फॉर्म भरा था. इस परीक्षा में जेएसएससी ने परीक्षा शुल्क 800 रुपया रखा था, जबकि एससी और एसटी छात्रों के लिए ये शुल्क 400 रुपया था.

देखें स्पेशल रिपोर्ट


झारखंड उत्पाद सिपाही प्रतियोगिता परीक्षा 2018 में भी यही शुल्क था और लगभग 1 लाख 22 हजार छात्रों ने फॉर्म भरा था. वहीं इसी शुल्क पर विशेष शाखा आरक्षी प्रतियोगिता परीक्षा 2018 के लिए फॉर्म भरने वालों की संख्या 1 लाख 40 हजार थी. इसी तरह झारखंड एएनएम प्रतियोगिता परीक्षा 2019 (नियमित रिक्ति) और झारखंड एएनएम प्रतियोगिता परीक्षा 2019 (बैकलॉक रिक्त) के लिए फॉर्म भरने के वालों की संख्या हजारों में थी. इसके अलावा झारखंड सामान्य योग्यताधारी स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2019 में परीक्षा शुल्क 1000 हजार और 500 रुपया रखा गया था.

पिछली सरकार ने दिया था पैसा लौटाने का आदेश
संयुक्त स्नातक स्तरीय 2019 विज्ञापन निकालने से पहले अगस्त 2019 के कैबिनेट की बैठक में राज्य के बाहरी छात्रों को लेकर एक बड़ा निर्णय हुआ था जिसके तहत नियमावली में बदलाव के कारण रद्द विज्ञापनों में फार्म भरने वाले छात्रों के परीक्षा शुल्क वापस करने को कहा गया था.इस बार सरकार ने जब नियमावली में बदलाव किया है तो झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (Jharkhand Staff Selection Commission) द्वारा रद्द 6 परीक्षाओं में फार्म भरनेवाले विद्यार्थियों के पैसे वापस करने की मांग उठने लगी है. छात्र नेता एस अली ने इसे सरकार पर विद्यार्थियों के साथ ज्यादती करने का आरोप लगाया है वहीं कानूनविद राजीव कुमार ने जेएसएससी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए छात्रों के पैसे वापस करने की मांग की है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों में करीब 4 लाख पद खाली, रोजगार से महरूम प्रदेश के युवा

जानते हैं जेएसएससी ने किन विज्ञापनों को रद्द किया है-
झारखंड राज्य अंतर्गत विभिन्न जेलों में चालक की भर्ती के लिए ली गयी प्रतियोगिता परीक्षा (03/2018), झारखंड उत्पाद सिपाही प्रतियोगिता परीक्षा (04/2018), स्पेशल ब्रांच आरक्षी (क्लोज कैडर) प्रतियोगिता परीक्षा (05/2018), झारखंड एएनएम प्रतियोगिता परीक्षा (नियमित) (01/2019), झारखंड एएनएम प्रतियोगिता परीक्षा (बैकलॉग) (02/2019), झारखंड सामान्य योग्यताधारी स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (03/2019).

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जेएसएससी ने किन विज्ञापनों को रद्द किया
सरकार कर रही है विचारजेएसएससी की ओर से रद्द की गयी 06 परीक्षाओं में पूर्व में आवेदन कर चुके विद्यार्थियों को नयी नियमावली के तहत प्रकाशित होनेवाले विज्ञापन में समायोजित करने के मुद्दे पर राज्य सरकार विचार कर रही है. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की मानें तो छात्रों के साथ नाइंसाफी नहीं होगी और जो भी योग्य होंगे उन्हें मौका जरूर दिया जाएगा.नयी नियमावली के तहत राज्य में ग्रेड-थ्री की सरकारी नौकरी पाने का अवसर उन्हें ही मिलेगा, जिन्होंने झारखंड से मैट्रिक-इंटर पास किया है. ऐसे में नाराज छात्र पूर्व में प्रकाशित विज्ञापन में दिए गए आवेदन और परीक्षा शुल्क मद में आए करोड़ों रुपये पर सवाल खड़े कर रहे हैं कि जेएसएससी आखिर इसे लौटाने के लिए क्यों नहीं ठोस निर्णय ले रही है.

रांचीः एक तरफ झारखंड सरकार बेरोजगारों को भत्ता देने की बात करती है दूसरी तरफ बेरोजगारों की जेब से ही पैसे निकाल रही है. पिछले दिनों जेएसएससी ने परीक्षाओं को स्थगित कर दिया. जिसके लिए बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया था. परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्रों से आयोग ने पोस्टल आर्डर, डिमांड ड्राफ्ट और ऑनलाइन पेमेंट के जरिए भारी भरकम राशि तो ले ली मगर विज्ञापन रद्द होने के बाद इसे छात्रों को लौटाना ही भूल गयी.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में कई प्रतियोगी परीक्षाएं होगी ऑनलाइन, तैयारी में जुटा JSSC

लाखों छात्रों का पैसा डकार गयी जेएसएससी
झारखंड राज्य अंतर्गत काराओं में वाहन चालक की भर्ती के लिए प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करने के लिए आयोग की ओर से 2018 में विज्ञापन निकाला गया था. जिसमें करीब 42 हजार छात्रों ने फॉर्म भरा था. इस परीक्षा में जेएसएससी ने परीक्षा शुल्क 800 रुपया रखा था, जबकि एससी और एसटी छात्रों के लिए ये शुल्क 400 रुपया था.

देखें स्पेशल रिपोर्ट


झारखंड उत्पाद सिपाही प्रतियोगिता परीक्षा 2018 में भी यही शुल्क था और लगभग 1 लाख 22 हजार छात्रों ने फॉर्म भरा था. वहीं इसी शुल्क पर विशेष शाखा आरक्षी प्रतियोगिता परीक्षा 2018 के लिए फॉर्म भरने वालों की संख्या 1 लाख 40 हजार थी. इसी तरह झारखंड एएनएम प्रतियोगिता परीक्षा 2019 (नियमित रिक्ति) और झारखंड एएनएम प्रतियोगिता परीक्षा 2019 (बैकलॉक रिक्त) के लिए फॉर्म भरने के वालों की संख्या हजारों में थी. इसके अलावा झारखंड सामान्य योग्यताधारी स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2019 में परीक्षा शुल्क 1000 हजार और 500 रुपया रखा गया था.

पिछली सरकार ने दिया था पैसा लौटाने का आदेश
संयुक्त स्नातक स्तरीय 2019 विज्ञापन निकालने से पहले अगस्त 2019 के कैबिनेट की बैठक में राज्य के बाहरी छात्रों को लेकर एक बड़ा निर्णय हुआ था जिसके तहत नियमावली में बदलाव के कारण रद्द विज्ञापनों में फार्म भरने वाले छात्रों के परीक्षा शुल्क वापस करने को कहा गया था.इस बार सरकार ने जब नियमावली में बदलाव किया है तो झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (Jharkhand Staff Selection Commission) द्वारा रद्द 6 परीक्षाओं में फार्म भरनेवाले विद्यार्थियों के पैसे वापस करने की मांग उठने लगी है. छात्र नेता एस अली ने इसे सरकार पर विद्यार्थियों के साथ ज्यादती करने का आरोप लगाया है वहीं कानूनविद राजीव कुमार ने जेएसएससी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए छात्रों के पैसे वापस करने की मांग की है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों में करीब 4 लाख पद खाली, रोजगार से महरूम प्रदेश के युवा

जानते हैं जेएसएससी ने किन विज्ञापनों को रद्द किया है-
झारखंड राज्य अंतर्गत विभिन्न जेलों में चालक की भर्ती के लिए ली गयी प्रतियोगिता परीक्षा (03/2018), झारखंड उत्पाद सिपाही प्रतियोगिता परीक्षा (04/2018), स्पेशल ब्रांच आरक्षी (क्लोज कैडर) प्रतियोगिता परीक्षा (05/2018), झारखंड एएनएम प्रतियोगिता परीक्षा (नियमित) (01/2019), झारखंड एएनएम प्रतियोगिता परीक्षा (बैकलॉग) (02/2019), झारखंड सामान्य योग्यताधारी स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (03/2019).

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जेएसएससी ने किन विज्ञापनों को रद्द किया
सरकार कर रही है विचारजेएसएससी की ओर से रद्द की गयी 06 परीक्षाओं में पूर्व में आवेदन कर चुके विद्यार्थियों को नयी नियमावली के तहत प्रकाशित होनेवाले विज्ञापन में समायोजित करने के मुद्दे पर राज्य सरकार विचार कर रही है. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की मानें तो छात्रों के साथ नाइंसाफी नहीं होगी और जो भी योग्य होंगे उन्हें मौका जरूर दिया जाएगा.नयी नियमावली के तहत राज्य में ग्रेड-थ्री की सरकारी नौकरी पाने का अवसर उन्हें ही मिलेगा, जिन्होंने झारखंड से मैट्रिक-इंटर पास किया है. ऐसे में नाराज छात्र पूर्व में प्रकाशित विज्ञापन में दिए गए आवेदन और परीक्षा शुल्क मद में आए करोड़ों रुपये पर सवाल खड़े कर रहे हैं कि जेएसएससी आखिर इसे लौटाने के लिए क्यों नहीं ठोस निर्णय ले रही है.
Last Updated : Nov 22, 2021, 6:38 PM IST
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