रांची: मनरेगा कर्मचारी संघ को अनिश्चितकालीन हड़ताल से वापस आने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम खत्म होते ही कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. धनबाद के गोविंदपुर प्रखंड के बिराजपुर और सहराज पंचायत के ग्राम रोजगार सेवक अनिरुद्ध पांडे की सेवा समाप्त कर दी गई है. धनबाद के उपायुक्त ने इस बाबत आदेश भी जारी कर दिया है.
इसके साथ ही दोनों पंचायतों की योजनाओं में गबन और अनियमितता पाए जाने पर 10 दिन के भीतर राशि की वसूली करने को कहा गया है. राशि जमा नहीं करने पर अनिरुद्ध पांडे के खिलाफ सर्टिफिकेट केस किया जाएगा. 3 अगस्त को जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि दोनों पंचायतों से जुड़ी योजनाओं में भारी अनियमितता हुई थी. इस आधार पर संबंधित बीपीओ, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, मुखिया और ग्राम रोजगार सेवक से स्पष्टीकरण मांगा गया था. स्पष्टीकरण नहीं देने पर गोविंदपुर के बीडीओ ने ग्राम रोजगार सेवक अनिरुद्ध पांडे को सेवा मुक्त करने का मंतव्य दिया था. जांच रिपोर्ट के आधार पर सहराज पंचायत के मुखिया जाकिर अंसारी की वित्तीय शक्ति जब्त करने की अनुशंसा की गई है.
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बता दें कि अनिरुद्ध पांडे झारखंड मनरेगा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हैं और इनके नेतृत्व में 27 जुलाई से मनरेगा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. हालांकि, ग्रामीण विकास विभाग का दावा है कि करीब 60% कर्मचारी काम पर लौट चुके हैं. शुक्रवार को विभाग की तरफ से शेष मनरेगा कर्मियों को काम पर लौटने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया था. तब कर्मचारी संघ ने स्पष्ट किया था कि जब तक लिखित में वार्ता नहीं होगी तब तक हड़ताल से वापस नहीं लौटेंगे. संघ ने सरकार पर वादाखिलाफी का भी आरोप लगाया है.