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छात्रवृत्ति घोटाले मामले में एसीबी ने दर्ज की पीई, 15 दिनों में सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट

झारखंड में छात्रवृत्ति घोटाले मामले में एसीबी ने जांच शुरू कर दी है. एसीबी ने करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में बुधवार को प्रीलिमिनरी इंक्वायरी (पीई) दर्ज कर ली है. एसीबी की टीम घोटाले से जुड़े सारे तथ्यों के आधार पर जांच कर पंद्रह दिनों के भीतर सरकार को पहली रिपोर्ट देगी.

scholarship scam in jharkhand
झारखंड में छात्रवृत्ति घोटाला
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Published : Dec 16, 2020, 7:54 PM IST

रांची: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से संचालित विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के क्रियान्वयन में हुई अनियमितता और सरकारी राशि के गबन मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शुरू कर दी है. एसीबी ने करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में बुधवार को प्रीलिमिनरी इंक्वायरी (पीई) दर्ज कर ली है.

ये भी पढे़ं: जमशेदपुर में रिटायर्ड शिक्षिका से साइबर ठगी, चेक का क्लोन कर निकाले 9 लाख रुपये

एसीबी डीजी नीरज सिन्हा बने जांच अधिकारी

एसीबी डीजी नीरज सिन्हा के द्वारा एसीबी के डीएसपी सादिक हसन रिजवी को मुख्य जांच पदाधिकारी बनाया गया है. वहीं, केस में बड़ी संख्या में इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारियों को सहायक जांच पदाधिकारी बनाया गया है. मामला राज्य के कई जिलों से जुड़ा है. ऐसे में मुख्य जांच पदाधिकारी के नेतृत्व में अलग-अलग सहायक जांच पदाधिकारी मामलों की जांच करेंगे.

एसीबी पंद्रह दिनों में देगी रिपोर्ट

अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर धनबाद, लातेहार, गढ़वा, चतरा समेत कई जिलों में एफआईआर पहले से दर्ज हैं. एसीबी की टीम घोटाले से जुड़े सारे तथ्यों के आधार पर जांच कर पंद्रह दिनों के भीतर सरकार को पहली रिपोर्ट देगी. एसीबी सूत्रों के मुताबिक, ब्यूरो को प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप, पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप और मेरिट सह मिन्स स्कॉलरशिप में हुई अनियमितता की प्रारंभिक जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है. पंद्रह दिनों में प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने के बाद इस संबंध में सरकार के स्तर से आगे की कार्रवाई होगी.

हाल ही में उजागर हुआ था मामला

हाल में ही कार्यकर्ता ज्यां द्रेज की ओर से प्रेषित पत्र में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप, पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप और मेरिट स्कॉलरशिप की राशि में हुए गबन का मामला उजागर किया गया था. इसी के आलोक में राज्य सरकार ने इसकी प्रारंभिक जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से कराने का निर्णय बीते दिनों लिया था. सरकार ने सभी उपायुक्तों से भी छात्रवृत्ति में उजागर हुई गड़बड़ी के संबंध में 31 दिसंबर तक रिपोर्ट मांगी है.

अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को उपलब्ध कराई जाने वाली छात्रवृत्ति के संबंध में यह रिपोर्ट मांगी है. रिपोर्ट में प्रत्येक संस्थान एवं प्रत्येक आवेदक के भौतिक सत्यापन के संबंध में निर्धारित नीति के आलोक में विस्तृत जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है.

रांची: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से संचालित विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के क्रियान्वयन में हुई अनियमितता और सरकारी राशि के गबन मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शुरू कर दी है. एसीबी ने करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में बुधवार को प्रीलिमिनरी इंक्वायरी (पीई) दर्ज कर ली है.

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एसीबी डीजी नीरज सिन्हा बने जांच अधिकारी

एसीबी डीजी नीरज सिन्हा के द्वारा एसीबी के डीएसपी सादिक हसन रिजवी को मुख्य जांच पदाधिकारी बनाया गया है. वहीं, केस में बड़ी संख्या में इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारियों को सहायक जांच पदाधिकारी बनाया गया है. मामला राज्य के कई जिलों से जुड़ा है. ऐसे में मुख्य जांच पदाधिकारी के नेतृत्व में अलग-अलग सहायक जांच पदाधिकारी मामलों की जांच करेंगे.

एसीबी पंद्रह दिनों में देगी रिपोर्ट

अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर धनबाद, लातेहार, गढ़वा, चतरा समेत कई जिलों में एफआईआर पहले से दर्ज हैं. एसीबी की टीम घोटाले से जुड़े सारे तथ्यों के आधार पर जांच कर पंद्रह दिनों के भीतर सरकार को पहली रिपोर्ट देगी. एसीबी सूत्रों के मुताबिक, ब्यूरो को प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप, पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप और मेरिट सह मिन्स स्कॉलरशिप में हुई अनियमितता की प्रारंभिक जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है. पंद्रह दिनों में प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने के बाद इस संबंध में सरकार के स्तर से आगे की कार्रवाई होगी.

हाल ही में उजागर हुआ था मामला

हाल में ही कार्यकर्ता ज्यां द्रेज की ओर से प्रेषित पत्र में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप, पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप और मेरिट स्कॉलरशिप की राशि में हुए गबन का मामला उजागर किया गया था. इसी के आलोक में राज्य सरकार ने इसकी प्रारंभिक जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से कराने का निर्णय बीते दिनों लिया था. सरकार ने सभी उपायुक्तों से भी छात्रवृत्ति में उजागर हुई गड़बड़ी के संबंध में 31 दिसंबर तक रिपोर्ट मांगी है.

अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को उपलब्ध कराई जाने वाली छात्रवृत्ति के संबंध में यह रिपोर्ट मांगी है. रिपोर्ट में प्रत्येक संस्थान एवं प्रत्येक आवेदक के भौतिक सत्यापन के संबंध में निर्धारित नीति के आलोक में विस्तृत जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है.

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