रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पूर्व ओएसडी गोपाल जी तिवारी के खिलाफ दर्ज पीई की जांच एसीबी ने शुरू कर दी है. बुधवार को एसीबी डीएसपी सादिक हसन रिजवी ने शिकायतकर्ता अधिवक्ता राजीव कुमार का घंटों बयान लिया है.
अधिवक्ता ने दिखाए एसीबी को दस्तावेज
एसीबी ने राजीव कुमार से गोपाल जी तिवारी के गुड़गांव में फ्लैट खरीदने, कंपनियों में निवेश और पद के दुरुपयोग कर संपत्ति अर्जित करने के पहलुओं पर बयान दर्ज किया. गोपाल जी तिवारी के खिलाफ राजीव कुमार की शिकायत के बाद ही एसीबी ने मामला दर्ज किया है. ऐसे में एसीबी ने अधिवक्ता राजीव कुमार की ओर से सबूत के तौर पर दिए गए कागजातों के संबंध में पूछताछ की. सात बिंदुओं पर एसीबी ने अधिवक्ता का बयान लिया है.
आय से अधिक संपत्ति का मामला
दरअसल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ओएसडी रहे गोपाल जी तिवारी पर पद का दुरुपयोग कर गलत तरीके से आय से अधिक संपत्ति के मामले में गोपाल जी तिवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में प्रारंभिक जांच (पीई) शुरू कर दी गई है. शिकायतकर्ता अधिवक्ता राजीव कुमार के बयान पर दर्ज पीई में गोपाल जी तिवारी पर गलत तरीके से संपत्ति अर्जित करने और करीब 21.55 करोड़ रुपए के निवेश करने का आरोप है.
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राजनीतिक गलियारों में भी खूब चर्चा
इसे लेकर झारखंड की राजनीतिक गलियारों में भी खूब चर्चा है. जेएमएम के प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में किसी तरह का समझौता करने के मूड में नहीं है. गोपाल जी तिवारी के खिलाफ जांच का आदेश इस बात का स्पष्ट प्रमाण है.