रांचीः एसटी समाज के 6 होनहार छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजने वाला झारखंड पहला राज्य बन गया है. इस मौके पर प्रोजेक्ट भवन में एक कार्यक्रम आयोजित कर छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री ने सम्मानित कर उज्ज्वल भविष्य की कामना की.
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इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आज झारखंड के 6 आदिवासी बच्चे उच्च शिक्षा के लिए यूनाइटेड किंगडम जा रहें हैं, इन्हें यह मौका मिलना चाहिए था. उन्होंने कहा कि 10 बच्चों का चयन होना था, अब आनेवाले दिनों में 10 से अधिक बच्चों को विदेश में उच्च शिक्षा के लिए भेजा जाएगा.
मुख्यमंत्री ने केंद्र पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के आदिवासी छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजे जाने पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि झारखंड संभवत पहला राज्य है जहां के आदिवासी छात्र-छात्राएं सरकारी पैसे पर विदेश में शिक्षा ग्रहण करेंगे. सीएम हेमंत सोरेन ने केद्र सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से एसटी-एससी समुदाय के बच्चों को विदेश में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप दिया जाता है. मेरी जानकारी के मुताबिक उसका फायदा आम छात्रों की बजाय ब्यूरोक्रेट्स के बच्चे उठाते रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश में उच्च शिक्षा के लिए 10 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है. बजट में बचने वाली राशि का समायोजन अगले वित्तीय वर्ष में विभाग करे ताकि अधिक से अधिक छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर विदेश में मिल सके. राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति के उद्यमियों को उद्योग स्थापना में भी सहयोग दे रही है.
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झारखंड औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 में इन वर्गों के लिए विशेष प्रावधान किया गया है. केंद्र सरकार से भी इन वर्गों को टैक्स में राहत देने का आग्रह सरकार की ओर से किया गया है. आज हम भौतिकवादी युग में जी रहें हैं, आदिवासी वर्ग शैक्षिक रूप से पीछे रहें हैं. राज्य सरकार इस पर लगातार मंथन कर रही है कि कैसे वंचित, कमजोर, दलित, पिछड़ा वर्ग की बेहतरी के लिए कार्य किया जाए.
अपने आंतरिक संसाधनों का करेंगे उपयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य के आंतरिक संसाधनों का उपयोग कर आगे बढ़ेगी. झारखंड को अपने पैरों पर खड़ा होना आवश्यक है ताकि नयी पीढ़ी नयी नजरों से झारखंड को देख सके. राज्यवासी और उनकी भावनाओं के साथ झारखंड आगे बढ़ेगा.
अन्य वर्गों को भी मिलेगा अवसर
मुख्यमंत्री ने कहा फिलहाल यह योजना आदिवासी समुदाय के छात्रों को उच्च शिक्षा का अवसर दे रही है. आने वाले समय में अन्य वर्गों के बच्चों को भी अवसर देने पर सरकार विचार करेगी. सरकार राज्य में अव्वल आने वाले विद्यार्थियों को भी आर्थिक सहायता पहुंचा रही है ताकि उनकी आगे की पढ़ाई में किसी तरह की बाधा ना आए.
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याद किए गए जयपाल सिंह मुंडा
झारखंड के एक छोटे से गांव से ऑक्सफोर्ड तक पहुंचने वाले जयपाल सिंह मुंडा को इस मौके पर याद किया गया. जयपाल सिंह मुंडा ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में 1922 से 1927 तक ना केवल उच्च शिक्षा ग्रहण की बल्कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी हॉकी टीम के कप्तान बनकर खेल के प्रति रुचि भी दिखाई थी. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने जयपाल सिंह मुंडा को याद करते हुए कहा कि उनका नाम सदैव रहेगा. जयपाल सिंह मुंडा ने ना सिर्फ ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा ग्रहण की बल्कि संविधान निर्माण में भी भूमिका निभाई. झारखंड में ऐसे व्यक्तियों ने समयकाल में जन्म लिया है, जिनका जिक्र हम सदियों तक करते रहेंगे. ये सभी आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक रूप से कमजोर रहें हैं लेकिन अपने आत्मविश्वास, सहनशक्ति से कृतिमान स्थापित किया जो बिरले ही देखने को मिलता है.
गौरवान्वित हूं, बच्चे उच्च शिक्षा के लिए विदेश जा रहें हैं
इस अवसर पर मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि आज का दिन इतिहास के पन्नों में लिखा जाएगा. मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना से अनुसूचित जनजाति के छात्र लाभान्वित हो रहें हैं, यह सराहनीय कदम है, मुझे गौरव की अनुभूति हो रही है. एक समय था जब मैं बोरा में बैठकर प्राइमरी स्कूल की शिक्षा ली है. यह सुखद क्षण है कि मेरे हस्ताक्षर से राज्य के बच्चे उच्च शिक्षा के लिए विदेश जा रहें हैं.
जयपाल सिंह मुंडा ने झारखंड को अलग पहचान दी है. झारखंड उनके दिल में बसता था, आज का दिन महत्वपूर्ण है. शिक्षा बहुत जरूरी है, बिना शिक्षा के हम विकास नहीं कर सकते, शिक्षा के माध्यम से ही हम सही दिशा में जा सकेंगे. हम राज्य के युवा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में झारखंड को संवारेंगे.
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विदेश जाएंगे चयनित छात्र
राज्य सरकार मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय स्कॉलरशिप स्कीम के तहत इंग्लैंड एवं आयरलैंड की यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा के लिए ट्यूशन फीस सहित उनके रहने एवं अन्य खर्च वहन करेगी. इसके लिए प्रति वर्ष झारखंड के रहने वाले 10 अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों का चयन किया जाएगा. पहले बैच में स्कॉलरशिप के लिए चयनित छात्रों में हरक्यूलिस सिंह मुंडा, यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के स्कूल ऑफ ओरिएन्टल एंड अफ्रीकन स्टडीज में एमए की पढ़ाई करने जा रहे हैं.
अजितेश मुर्मू यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन में आर्किटेक्चर में एमए की पढ़ाई करेंगे. आकांक्षा मेरी का चयन लॉ बॉर्ग यूनिवर्सिटी में क्लाइमेट चेंज साइंस एंड मैनेजमेंट में एमएससी के लिए हुआ है. दिनेश भगत यूनिवर्सिटी ऑफ सस्सेक्स में क्लाइमेट चेंज, डेवलपमेंट एंड पॉलिसी में एमएससी की पढ़ाई करेंगे. इसके अलावा अंजना प्रतिमा डुंगडुंग यूनिवर्सिटी ऑफ वार्विक में एमएससी और प्रिया मुर्मू लॉ बॉर्ग यूनिवर्सिटी में क्रिएटिव राइटिंग एंड द राइटिंग इंडस्ट्रीज में एमए की पढ़ाई के लिए चयनित हुई हैं. राज्य सरकार की इस योजना से लाभान्वित हो रहे छात्र-छात्राओं की खुशी साफ झलक रही थी. विदेश में पढ़ाई करने का उनका सपना साकार करने के लिए सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया.