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Corona Vaccine In Schools In Ranchi: स्कूलों में टीका लेने आ रहे किशोरों को करना पड़ रहा लंबा इंतजार

झारखंड में 15 से 18 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन राजधानी रांची में 15 से 18 साल के बच्चों को स्कूल में कोरोना का टीका लेने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. इसको लेकर अभिभावकों ने सरकारी नियम में थोड़ी राहत देने की मांग की है.

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वैक्सीनेशन के लिए अभियान
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Published : Jan 4, 2022, 4:03 PM IST

Updated : Jan 4, 2022, 4:13 PM IST

रांचीः 3 जनवरी से पूरे देश में 15 से 18 साल के बच्चों का टीकाकरण अभियान शुरू हो चुका है. प्रत्येक दिन बच्चों के स्कूलों में कैंप लगाकर 15 से 18 साल तक के बच्चों को चिन्हित करते हुए स्वास्थ्य विभाग टीका अभियान चला रही है. इसको लेकर राजधानी रांची में 15 से 18 वर्ष तक के किशोरों को टीका लगाने के लिए विभिन्न स्कूलों में कैंप लगाया गया है. इस उम्र के बच्चों को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के द्वारा टीका लगाया जा रहा है. राजधानी में लगभग ढाई लाख किशोर हैं जिनकी उम्र 15 से 18 वर्ष है और जो 9वीं से 12वीं क्लास तक की पढ़ाई कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- Vaccination in Jharkhand: कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर उत्साहित झारखंड के टीनएजर्स


राजधानी रांची की बात करें तो यहां पर भी बड़े-बड़े सरकारी स्कूल और कुछ निजी स्कूल हैं. जहां पर दसवीं से बारहवीं तक के बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. रांची में स्कूलों में टीकाकरण कैंप लगाया गया है और जो भी बच्चे आ रहे हैं, उन्हें स्कूल में तैनात स्वास्थ्यकर्मी टीका लगा रहे हैं. पहले दिन तो राजधानी में लगभग 6000 बच्चों को टीका लगाया गया. लेकिन दूसरे दिन कुछ टीकाकरण केंद्र पर समस्या देखने को मिली. शहीद चौक स्थित जिला स्कूल में अपने बेटे को टीका लगवाने पहुंचे अभिभावक जयप्रकाश शाही बताते हैं कि टीकाकरण अभियान में गति लाने के लिए सरकार को नियम में संशोधन करने की जरूरत है. क्योंकि नियमानुसार जिस स्कूल के बच्चे हैं उसी स्कूल में टीका लग सकता है. इसलिए अभिभावकों और बच्चों को लंबा इंतजार करना पड़ता है.

देखें पूरी खबर

उन्होंने बताया कि टीका के एक वाइल में कम से कम 10 बच्चों को टीका लगाया जा सकता है. ऐसे में अगर 10 बच्चे एक साथ जमा नहीं होते हैं तो टीका बर्बाद हो जाता है. इसी वजह से कई बार बच्चों की एक टीम बनने में लंबा समय लग जाता है. अभिभावकों ने बताया कि जरूरी है कि किसी भी स्कूल में कहीं के भी बच्चे को टीका लगाने की अनुमति दे दी जाए. जिससे अभिवाकों को भी इंतजार नहीं करना पड़ेगा और सरकार का जो शत-प्रतिशत टीकाकरण अभियान का लक्ष्य है वह भी पूरा हो पाएगा.

अपने बच्चे को टीका लगवाने स्कूल पहुंचे अभिवावक गणेश प्रसाद बताते हैं कि सुबह 8:00 से 12 बजे तक ही टीका लगाया जाता है. ऐसे में ठंड का समय होने के कारण कई बार कई बच्चे और अभिभावक नहीं पहुंच पाते हैं. वहीं जिला स्कूल में लगे टीकाकरण केंद्र पर मौजूद सुपरवाइजर ने बताया कि अधिकारियों के तरफ से मिले आदेशानुसार वैसे बच्चों को ही टीका लगाना था जो बच्चे उसी स्कूल में पढ़ रहे हों. लेकिन बच्चों और अभिभावकों की परेशानी को देखते हुए अब किसी भी बच्चे को किसी भी स्कूल में टीका लग सकता है, इसके लिए अधिकारी का स्तर पर चर्चा जारी है. वहीं जिला स्कूल की प्रिंसिपल दीपा चौधरी बताती हैं कि सुबह 8:00 से 12:00 तक बच्चे को टीका लगाया जाता है वहीं अगर बच्चे की संख्या ज्यादा हो तो समय बढ़ा दी जाती है.

इसे भी पढ़ें- Corona Update: झारखंड में बेकाबू होता जा रहा है कोरोना, 24 घंटे में मिले 1481 मरीज, एक की मौत, टीकाकरण की रफ्तार धीमी

इस पूरे मामले पर रांची सिविल सर्जन डॉ. विनोद प्रसाद बताते हैं कि 8:00 बजे से 12:00 बजे तक का ही समय रहने के कारण समस्याएं जरूर आती है. लेकिन टीकाकरण अभियान में लगे स्वास्थ्य कर्मचारियों को सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों में टीकाकरण अभियान का कैंप अवश्य लगवाएं ताकि राजधानी में रहने वाले 15 से 18 साल आयु वर्ग में आने वाले सभी किशोरों को टीका लग सके. उन्होंने बताया कि अगर स्कूल बंद भी हो जाएंगे तो भी टीकाकरण अभियान स्कूलों में चलता रहेगा, जिससे बच्चे वहां आकर टीका ले सकें. सिर्फ शहरी क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में भी रह रहे 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों को टीका लगवाने के लिए जिला प्रशासन और सदर अस्पताल की तरफ से व्यवस्था की गयी है.

रांचीः 3 जनवरी से पूरे देश में 15 से 18 साल के बच्चों का टीकाकरण अभियान शुरू हो चुका है. प्रत्येक दिन बच्चों के स्कूलों में कैंप लगाकर 15 से 18 साल तक के बच्चों को चिन्हित करते हुए स्वास्थ्य विभाग टीका अभियान चला रही है. इसको लेकर राजधानी रांची में 15 से 18 वर्ष तक के किशोरों को टीका लगाने के लिए विभिन्न स्कूलों में कैंप लगाया गया है. इस उम्र के बच्चों को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के द्वारा टीका लगाया जा रहा है. राजधानी में लगभग ढाई लाख किशोर हैं जिनकी उम्र 15 से 18 वर्ष है और जो 9वीं से 12वीं क्लास तक की पढ़ाई कर रहे हैं.

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राजधानी रांची की बात करें तो यहां पर भी बड़े-बड़े सरकारी स्कूल और कुछ निजी स्कूल हैं. जहां पर दसवीं से बारहवीं तक के बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. रांची में स्कूलों में टीकाकरण कैंप लगाया गया है और जो भी बच्चे आ रहे हैं, उन्हें स्कूल में तैनात स्वास्थ्यकर्मी टीका लगा रहे हैं. पहले दिन तो राजधानी में लगभग 6000 बच्चों को टीका लगाया गया. लेकिन दूसरे दिन कुछ टीकाकरण केंद्र पर समस्या देखने को मिली. शहीद चौक स्थित जिला स्कूल में अपने बेटे को टीका लगवाने पहुंचे अभिभावक जयप्रकाश शाही बताते हैं कि टीकाकरण अभियान में गति लाने के लिए सरकार को नियम में संशोधन करने की जरूरत है. क्योंकि नियमानुसार जिस स्कूल के बच्चे हैं उसी स्कूल में टीका लग सकता है. इसलिए अभिभावकों और बच्चों को लंबा इंतजार करना पड़ता है.

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उन्होंने बताया कि टीका के एक वाइल में कम से कम 10 बच्चों को टीका लगाया जा सकता है. ऐसे में अगर 10 बच्चे एक साथ जमा नहीं होते हैं तो टीका बर्बाद हो जाता है. इसी वजह से कई बार बच्चों की एक टीम बनने में लंबा समय लग जाता है. अभिभावकों ने बताया कि जरूरी है कि किसी भी स्कूल में कहीं के भी बच्चे को टीका लगाने की अनुमति दे दी जाए. जिससे अभिवाकों को भी इंतजार नहीं करना पड़ेगा और सरकार का जो शत-प्रतिशत टीकाकरण अभियान का लक्ष्य है वह भी पूरा हो पाएगा.

अपने बच्चे को टीका लगवाने स्कूल पहुंचे अभिवावक गणेश प्रसाद बताते हैं कि सुबह 8:00 से 12 बजे तक ही टीका लगाया जाता है. ऐसे में ठंड का समय होने के कारण कई बार कई बच्चे और अभिभावक नहीं पहुंच पाते हैं. वहीं जिला स्कूल में लगे टीकाकरण केंद्र पर मौजूद सुपरवाइजर ने बताया कि अधिकारियों के तरफ से मिले आदेशानुसार वैसे बच्चों को ही टीका लगाना था जो बच्चे उसी स्कूल में पढ़ रहे हों. लेकिन बच्चों और अभिभावकों की परेशानी को देखते हुए अब किसी भी बच्चे को किसी भी स्कूल में टीका लग सकता है, इसके लिए अधिकारी का स्तर पर चर्चा जारी है. वहीं जिला स्कूल की प्रिंसिपल दीपा चौधरी बताती हैं कि सुबह 8:00 से 12:00 तक बच्चे को टीका लगाया जाता है वहीं अगर बच्चे की संख्या ज्यादा हो तो समय बढ़ा दी जाती है.

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इस पूरे मामले पर रांची सिविल सर्जन डॉ. विनोद प्रसाद बताते हैं कि 8:00 बजे से 12:00 बजे तक का ही समय रहने के कारण समस्याएं जरूर आती है. लेकिन टीकाकरण अभियान में लगे स्वास्थ्य कर्मचारियों को सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों में टीकाकरण अभियान का कैंप अवश्य लगवाएं ताकि राजधानी में रहने वाले 15 से 18 साल आयु वर्ग में आने वाले सभी किशोरों को टीका लग सके. उन्होंने बताया कि अगर स्कूल बंद भी हो जाएंगे तो भी टीकाकरण अभियान स्कूलों में चलता रहेगा, जिससे बच्चे वहां आकर टीका ले सकें. सिर्फ शहरी क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में भी रह रहे 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों को टीका लगवाने के लिए जिला प्रशासन और सदर अस्पताल की तरफ से व्यवस्था की गयी है.

Last Updated : Jan 4, 2022, 4:13 PM IST
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