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पलामू में सफलता की कहानी: बहन ट्यूशन पढ़ा कर भेजती थी पैसे, भाई बना आईएएस

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Published : May 30, 2022, 9:50 PM IST

पलामू में बहन की मदद से एक भाई आईएएस बन गया है. पलामू के पांडु के रहने वाले सौरभ कुमार ने यूपीएससी की परीक्षा में 375वीं रैंक हासिल की है.

375th rank in UPSC
पलामू में सफलता की कहानी

पलामूः नक्सल प्रभावित इलाका पांडु के रहने वाले सौरभ कुमार ने यूपीएससी की परीक्षा में 375वीं रैंक हासिल की है. सौरभ का पूरा परिवार गांव में रहता है. लेकिन सौरभ दिल्ली में आईएएस की तैयारी करता था. गांव में बहन साक्षी ट्यूशन पढ़ाकर पैसा कमाती थी और भाई को पढ़ाई के लिए भेजती थी. आज जब सौरभ ने यूपीएससी परीक्षा पास की है तो पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई.

यह भी पढ़ेंःUPSC RESULT 2021: झारखंड से आठ चयनित, श्रुति राजलक्ष्मी ने हासिल की 25वीं रैंक


दिल्ली के सत्यवती कॉलेज से राजनीति विज्ञान में बीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद सौरभ ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की. यूपीएससी की तैयारी के दौरान सौरव की बहन साक्षी ने काफी मदद की. साक्षी गांव में ट्यूशन पढ़ाकर यूपीएससी की तैयारी के लिए सौरव को पैसे दिया करती थी. सोमवार को जब यूपीएससी का रिजल्ट आया, जिसमें सौरव को 375वीं रैंक प्राप्त हुई. सौरव की सफलता के बाद पूरे पांडु में खुशी की लहर है. सौरव ने बताया कि इस सफलता का श्रेय बड़ी बहन और मां को जाता है. उन्होंने कहा कि बड़ी बहन ने काफी मदद की है. गांव में ही बड़ी बहन कोचिंग चला कर उनकी पढ़ाई के लिए पैसे जुटाती थी. उन्होंने कहा कि पिता की मौत के बाद बहन और मां ने काफी संघर्ष किया, जिसने मुझे कुछ करने के लिए प्रेरित किया. उन्हीं के संघर्ष की बदौलत यह मुकाम हासिल किया है.

सौरव के पिता दिल्ली के एक किराना दुकान में काम करते थे और दिल्ली में ही पूरे परिवार के साथ रहते थे. आठ साल पहले पिता की मौत हो गई तो पूरा परिवार पलामू के पांडु स्थित अपने गांव आ गया. गांव आने के बाद सौरव के परिवार के संघर्षों की कहानी शुरू हुई. 13 जुलाई 1999 को जन्मे सौरव विश्रामपुर के रामचंद्र चंद्रवंशी वेलफेयर इंस्टिट्यूट से मैट्रिक की पढ़ाई की. साल 2017 में इंटर की परीक्षा पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए थे.

पलामूः नक्सल प्रभावित इलाका पांडु के रहने वाले सौरभ कुमार ने यूपीएससी की परीक्षा में 375वीं रैंक हासिल की है. सौरभ का पूरा परिवार गांव में रहता है. लेकिन सौरभ दिल्ली में आईएएस की तैयारी करता था. गांव में बहन साक्षी ट्यूशन पढ़ाकर पैसा कमाती थी और भाई को पढ़ाई के लिए भेजती थी. आज जब सौरभ ने यूपीएससी परीक्षा पास की है तो पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई.

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दिल्ली के सत्यवती कॉलेज से राजनीति विज्ञान में बीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद सौरभ ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की. यूपीएससी की तैयारी के दौरान सौरव की बहन साक्षी ने काफी मदद की. साक्षी गांव में ट्यूशन पढ़ाकर यूपीएससी की तैयारी के लिए सौरव को पैसे दिया करती थी. सोमवार को जब यूपीएससी का रिजल्ट आया, जिसमें सौरव को 375वीं रैंक प्राप्त हुई. सौरव की सफलता के बाद पूरे पांडु में खुशी की लहर है. सौरव ने बताया कि इस सफलता का श्रेय बड़ी बहन और मां को जाता है. उन्होंने कहा कि बड़ी बहन ने काफी मदद की है. गांव में ही बड़ी बहन कोचिंग चला कर उनकी पढ़ाई के लिए पैसे जुटाती थी. उन्होंने कहा कि पिता की मौत के बाद बहन और मां ने काफी संघर्ष किया, जिसने मुझे कुछ करने के लिए प्रेरित किया. उन्हीं के संघर्ष की बदौलत यह मुकाम हासिल किया है.

सौरव के पिता दिल्ली के एक किराना दुकान में काम करते थे और दिल्ली में ही पूरे परिवार के साथ रहते थे. आठ साल पहले पिता की मौत हो गई तो पूरा परिवार पलामू के पांडु स्थित अपने गांव आ गया. गांव आने के बाद सौरव के परिवार के संघर्षों की कहानी शुरू हुई. 13 जुलाई 1999 को जन्मे सौरव विश्रामपुर के रामचंद्र चंद्रवंशी वेलफेयर इंस्टिट्यूट से मैट्रिक की पढ़ाई की. साल 2017 में इंटर की परीक्षा पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए थे.

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