पलामू: झारखंड राज्य खाद्य निगम (Jharkhand State Food Corporation) के हुसैनाबाद स्थित गोदाम से अगस्त 2022 माह का राशन सामग्री नहीं मिलने से हुसैनाबाद और हैदरनगर के जनवितरण प्रणाली के विक्रेता काफी परेशान हैं (People Disturb Due to Non Availability of Ration). इस मामले में विभागीय सचिव ने विभागीय निदेशक को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने का अनुरोध किया है. सचिव ने कार्रवाई से विधायक को अवगत कराने की भी बात कही है.
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हुसैनाबाद और हैदरनगर के जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों ने इस संबंध में हुसैनाबाद विधायक कमलेश कुमार सिंह को लिखित जानकारी दी. विधायक ने सचिव को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि आम गरीबों को राशन नहीं मिलने से उनके सामने गंभीर समस्याएं खड़ी हो गईं हैं. विधायक ने विभागीय सचिव को पत्र लिखकर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी लोगों पर कार्रवाई करने और गरीबों को जल्द से जल्द अनाज उपलब्ध कराने का आग्रह किया था.
विधायक के पत्राचार के बाद अगस्त महीने का सिर्फ पीएमजीकेएवाई मद का राशन देने के लिए दुकानदारों को झारखंड राज्य खाद्य निगम के गोदाम प्रबंधक ने बुलाया. उन्हें पीएमजीकेएवाई का अनाज उपलब्ध करा दिया है. सचिव के पत्र के माध्यम से ध्यान आकृष्ट कराते हुए सिंह ने कहा है कि हुसैनाबाद और हैदरनगर के डीलरों को अगस्त माह का एनएफएससी मद का राशन नहीं दिया गया है.
दिसंबर 2021 में भी ऐसी घटना हो चुकी है: विधायक कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि इस तरह का मामला माह दिसंबर 2021 में भी हो चुका है. ग्रीन कार्ड वालों को राशन नहीं दिया गया और एनआईसी ने डीलर के स्टॉक में उस राशन का बैलेंस दिखा दिया गया. विधायक ने पत्र के माध्यम से विभागीय सचिव से आग्रह किया था कि सभी डीलरों को दोनों मद का राशन एक साथ उपलब्ध कराया जाए. जिससे अकाल की मार झेल रहे गरीब परिवारों को दो वक्त का भोजन मिल सके. समय पर राशन नहीं मिलने से उपभोक्ताओं में काफी आक्रोश है.
विधायक कमलेश कुमार सिंह ने सचिव को लिखे पत्र में सवाल किया कि हुसैनाबाद और हैदरनगर प्रखंड का अनाज झारखंड राज्य खाद्य निगम के हुसैनाबाद गोदाम से प्राप्त होता है. गोदाम को अगस्त 2022 का राशन जिले से प्राप्त हुआ है, तो दस हजार क्युंटल अनाज कहां गया, यह जांच का विषय है. उन्होंने कहा कि अगस्त 2022 का विधायक कमलेश कुमार सिंह ने इस मामले को एक बड़ा घोटाला बताया है. उन्होंने कहा कि जल्द ही अगस्त माह का अनाज उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचा तो वह इस मामले को लेकर आंदोलनात्मक रुख अपनाने को बाध्य होंगे. वह पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग लगातार कर रहे है. उन्होंने कहा कि गरीबों के अनाज का घोटाला करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.