पलामू: छकरबंधा नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई के बाद बड़ा खुलासा हुआ है. झारखंड बिहार सीमा पर मौजूद छकरबंधा में कार्रवाई के दौरान सुरक्षाबलों को मिसाइल के अवशेष मिले हैं. माओवादी IED की तकनीक के आधार पर मिसाइल बना रहे थे. माओवादियों को उनके नापाक मंसूबों में कितनी कामयाबी मिली है अवशेषों की जांच के बाद ही पता चलेगा. सुरक्षाबलों को छकरबंधा में अभियान में क्रम में कुछ दस्तावेज भी मिले है जिसमें देसी तकनीक से मिसाइल विकसित करने का जिक्र है. यह मिसाइल एक पाइप की तरह है.
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नक्सली मिसाइल टेस्ट में फेल: छकरबंधा में 25 लाख का इनामी कमांडर अजित उरांव उर्फ चार्लिस मिसाइल को विकसित कर रहा था. सुरक्षा एजेंसियों 02 के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले एक माओवादी कमांडर ने बताया है कि मिसाइल में सीधे ऊपर जाती थी. उपर जाने के बाद उसकी दिशा नही बदल रही थी. कुछ सौ मीटर जाने के बाद सीधे वापस लौट जाती थी. माओवादी यूट्यूब और इंटरनेट के माध्यम से मिसाइल बनाने की तकनीक को विकसित कर रहे थे. मिसाइल विकसित करने की पूरी जिम्मेदारी माओवादियों के टॉप कमांडर अजीत उरांव उर्फ चार्लिस पर थी. सुरक्षा बलों का अभियान के क्रम में जो दस्तावेज मिले हैं उसे इस बात का जिक्र है कि मिसाइल बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री को कहां से खरीदा गया है.
छकरबंधा को खाली करना पड़ा महंगा: संदीप की मौत और छकरबंधा को खाली करना माओवादियों को महंगा पड़ गया. संदीप की मौत के बाद माओवादियों के विभिन्न टीम लेवी वसूलने के लिए छकरबंधा से विभिन्न इलाकों में बाहर निकल गई थी. इसी तरह एक टॉप माओवादी कमांडर ने सुरक्षा एजेंसी के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था. जिसके बाद छकरबंधा के इलाके में माओवादियो के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू हुआ. इस अभियान के बाद माओवादियो की टीम वापस अपने सुरक्षित ठिकाने पर नही पंहुच पाई, जबकि छकरबंधा में बचे नक्सली भाग गए.
सुरक्षाबलों ने छकरबंधा को किया था ध्वस्त: बता दें कि माओवादियों के सबसे सुरक्षित ठिकाने छकरबंधा को सुरक्षाबलों ने ध्वस्त कर दिया था . जिसके बाद टॉप माओवादी छकरबंधा छोड़ कर भाग गये. जानकारी के अनुसार सुरक्षाबलों ने छकरबंधा के इलाके में 500 से अधिक लैंडमाइंस को रिकवर कर नष्ट किया था जबकि चार बंकर भी पकड़े गए थे. बंकरों से कई क्विंटल अनाज और नक्सल सामग्री भी बरामद कर दिए गए थे. जिसे नष्ट कर दिया गया था.