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जेल से छूटते ही टॉप कमांडर की मिली जिम्मेदारी, बिहार के रहने वाले हैं सभी माओवादी

पलामू पुलिस ने कुछ दिनों पहले माओवादी प्रवक्ता मुराद के भाई को गिरफ्तार किया था. मुराद के पास से पुलिस ने एक आठ जीबी का चिप बरामद किया था. इस चिप में पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली थी. इस चिप में इस बात का जिक्र था कि माओवादी झारखंड के सारंडा में बड़ी बैठक करने वाले हैं.

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Published : Feb 18, 2020, 8:34 AM IST

Naxalite top commanders
पलामू पुलिस

रांची: माओवादियों ने देश के विभिन्न इलाके के जेल से बाहर निकलने वाले टॉप कमांडरों को नई जिम्मेदारी सौंपी है. इसको लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है. सुरक्षा एजेंसियों को पांच नाम ऐसे मिले हैं जो कभी माओवादियों के बड़े थिंक टैंक रहे हैं और उनके सेंट्रल कमिटी में भी रहे हैं.

देखिए पूरी खबर

पांचों पिछले एक से दो वर्ष के अंदर जेल से बाहर निकले हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने कुछ नामों का खुलासा किया है बाकी के नामों को लेकर गोपनीय रखा है. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार माओवादियों का सेंट्रल कमिटी सदस्य रहा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रीम और कम्पोस की स्थापना करने वाले विजय को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. विजय गया का रहने वाला है. इस काम मे उसके पुराने साथी मिथिलेश मेहता और प्रमोद कुमार मिश्रा को भी लगाया गया है. विजय आर्या बिहार के गया का रहने वाला है और 2018 में जेल से निकला है.

सारंडा में होने वाली है बड़ी बैठक

पलामू पुलिस ने कुछ दिनों पहले माओवादी प्रवक्ता मुराद के भाई को गिरफ्तार किया था. मुराद के पास से पुलिस ने एक आठ जीबी का चिप बरामद किया था. इस चिप में पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली थी. इस चिप में इस बात का जिक्र था कि माओवादी झारखंड के सारंडा में बड़ी बैठक करने वाले हैं. इस बैठक में बिहार-झारखंड के टॉप माओवादी लीडर भाग लेंगे. बरामद चिप में इस बात का भी जिक्र था कि बिहार के माओवादियों ने बूढापहाड़ के माओवादियों को सारंडा जाने के लिए बुलाया था.

ये भी पढ़ें: गिरिडीहः 15 मौतों की जांच में जिला प्रशासन ने चलाया शराब के अवैध धंधेबाजों के खिलाफ विशेष अभियान

कुछ दिनों पहले यह खबर आई थी कि माओवादियो ने बिहार , झारखंड, ओडिशा ईस्टर्न ब्यूरो का रंजीत बोस को सचिव बनाया गया है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार मिसिर बेसरा को सचिव बनाया गया है. सारंडा की बैठक में रंजीत बोस को सचिव बनाया जा सकता है.

जेल से छूटते ही टॉप कमांडर की मिली जिम्मेदारी, बिहार के रहने वाले हैं सभी माओवादी

रांची: माओवादियों ने देश के विभिन्न इलाके के जेल से बाहर निकलने वाले टॉप कमांडरों को नई जिम्मेदारी सौंपी है. इसको लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है. सुरक्षा एजेंसियों को पांच नाम ऐसे मिले हैं जो कभी माओवादियों के बड़े थिंक टैंक रहे हैं और उनके सेंट्रल कमिटी में भी रहे हैं.

देखिए पूरी खबर

पांचों पिछले एक से दो वर्ष के अंदर जेल से बाहर निकले हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने कुछ नामों का खुलासा किया है बाकी के नामों को लेकर गोपनीय रखा है. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार माओवादियों का सेंट्रल कमिटी सदस्य रहा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रीम और कम्पोस की स्थापना करने वाले विजय को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. विजय गया का रहने वाला है. इस काम मे उसके पुराने साथी मिथिलेश मेहता और प्रमोद कुमार मिश्रा को भी लगाया गया है. विजय आर्या बिहार के गया का रहने वाला है और 2018 में जेल से निकला है.

सारंडा में होने वाली है बड़ी बैठक

पलामू पुलिस ने कुछ दिनों पहले माओवादी प्रवक्ता मुराद के भाई को गिरफ्तार किया था. मुराद के पास से पुलिस ने एक आठ जीबी का चिप बरामद किया था. इस चिप में पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली थी. इस चिप में इस बात का जिक्र था कि माओवादी झारखंड के सारंडा में बड़ी बैठक करने वाले हैं. इस बैठक में बिहार-झारखंड के टॉप माओवादी लीडर भाग लेंगे. बरामद चिप में इस बात का भी जिक्र था कि बिहार के माओवादियों ने बूढापहाड़ के माओवादियों को सारंडा जाने के लिए बुलाया था.

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कुछ दिनों पहले यह खबर आई थी कि माओवादियो ने बिहार , झारखंड, ओडिशा ईस्टर्न ब्यूरो का रंजीत बोस को सचिव बनाया गया है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार मिसिर बेसरा को सचिव बनाया गया है. सारंडा की बैठक में रंजीत बोस को सचिव बनाया जा सकता है.

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